UP Board Class 5 Hindi निबंध रचना
UP Board Class 5 Hindi निबंध रचना
मेरी पाठशाला
मेरे विद्यालय का नाम प्राथमिक विद्यालय है। इसका भवन विशाल और सुन्दर है। इसमें पाँच कमरे हैं। सभी कमरे खुले और हवादार हैं। इनमें रोशनी तथा बिजली के पंखों का बहुत अच्छा प्रबंध है। पाठशाला में प्रधानाध्यापक का कमरा अलग है।
इस पाठशाला में लगभग दो सौ विद्यार्थी हैं। इसमें सभी अध्यापक बहुत परिश्रमी हैं। वे हमें बहुत प्यार से पढ़ाते हैं। स्कूल में एक बहुत बड़ा मैदान है। हम प्रतिदिन प्रार्थना के लिए इसमें इकट्ठे होते हैं। पाठशाला के एक कोने में सुन्दर मन्दिर है। इस मन्दिर के पास एक छोटा-सा बगीचा है। मन्दिर के बाईं ओर पानी के नल लगे हुए हैं। स्कूल का परीक्षा परिणाम बहुत अच्छा आता है। मुझे अपनी पाठशाला बहुत अच्छी लगती है।
मेरे अध्यापक
मेरे विद्यालय में छह अध्यापक पढ़ाते हैं। हमारे कक्षाध्यापक एक स्वस्थ युवक हैं। उनका व्यक्तित्व आकर्षक है। सादा जीवन, उच्च विचारवाली बात उन पर खरी उतरती है। छात्रों को पढ़ाने का उनका ढंग बहुत ही अच्छा है। . उन्होंने बी०ए०, बी०एड० की परीक्षाएँ पास की हैं। वे हमें सभी विषय पढ़ाते हैं। वे बहुत अच्छे ढंग से पाठ पढ़ाते हैं और कुछ रोचक कहानियाँ भी सुनाते हैं। वे कुशल वक्ता तथा मृदु स्वभाव के हैं। वे गरीब छात्रों की सहायता भी करते हैं। वे सच्चे अर्थों में गुरु हैं। भगवान उन्हें दीर्घायु प्रदान करें तथा स्वस्थ रखें!
गणतंत्र दिवस-26 जनवरी
26 जनवरी, 1950 को हमारे देश में गणतंत्र शासन शुरू हुआ। हमारे देश में अपना संविधान तथा अपने कानून लागू हुए। इसी की याद में प्रतिवर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस का महोत्सव मनाया जाता है।
गणतंत्र दिवस का उत्सव मनाने के लिए कई दिन पहले से तैयारी होती है। स्कूलों, कॉलेजों तथा दफ्तरों में इस दिन उत्सव मनाने के लिए काम की छुट्टी होती है।
सुबह ही प्रभात फेरी होती है। प्रभात फेरी गाकर तथा नारे बोलकर लोगों को जगाया जाता है। इसके बाद सभी सरकारी दफ्तरों तथा अन्य स्थानों पर राष्ट्रध्वज फहराए जाते हैं। सभाएँ होती हैं, जिनमें भाषण, देशप्रेम की कविताएँ, गाने आदि होते हैं। स्कूलों में बालकों के खेल-कूद होते हैं। जीतनेवाले छात्रों को पुरस्कार दिए जाते हैं।
‘गणतंत्र दिवस’ हमारा राष्ट्रीय त्योहार है। यह उत्सव हम उत्साह तथा आनंद से मनाते हैं तथा देश की तन-मन-धन से सेवा करने की प्रतिज्ञा करते हैं।
वसन्त ऋतु
भारत में चार मुख्य ऋतुएँ हैं। इनमें वसन्त ऋतु सबसे सुन्दर है। यह ऋतुओं का राजा है। इस ऋतु में न सर्दी होती है और न ही गर्मी पड़ती है। इस ऋतु का प्रारम्भ माता महासरस्वती की पूजा से होता है। इस दिन भगवती/सरस्वती की प्रतिमा के सामने पुस्तकों, पुस्तिकाओं, लेखनियों, दवातों आदि की भी पूजा होती है; अतः हमें इन सबका आदर करना चाहिए। बागों में सुन्दर फूल खिलते हैं; वृक्षों में नई कोंपले उगती हैं; खेतों में पीले फूलों की बहार छा जाती है; पक्षी खुशी से गीत गाते हैं; तितलियाँ नाचती हैं और भँवरे गुनगुनाते हैं।
भारत में वसन्त ऋतु के स्वागत में त्योहार मनाया जाता है। इस त्योहार को वसन्त कहते हैं। बड़े-बड़े नगरों में मेले लगते हैं। इन मेलों में खेल होते हैं। जीतनेवालों को इनाम मिलते हैं। बच्चे और बड़े सुन्दर वस्त्र पहनते हैं। कई लोग पीले रंग की पगड़ी बाँधते हैं। बच्चे पतंग उड़ाते हैं। आकाश पतंगों से भरा दिखाई देता है। सच तो यह है कि वसन्त ऋतु खुशियाँ ही खुशियाँ लाती है।
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!