UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 7 वीर अभिमन्यु

UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 7 वीर अभिमन्यु

वीर अभिमन्य शब्दार्थ

अंतिम = आखिरी
आकाश = आसमान
वीरगति = युद्ध में वीरतापूर्वक लड़ते हुए मारा जाना
निहत्था = जिसके हाथ में कोई अस्त्र-शस्त्र न हो
सारथी = रथ हाँकने वाला
शौर्य = वीरता

वीर अभिमन्यु पाठ का सारांश

अभिमन्यु ने युधिष्ठिर से युद्ध का समाचार पूछा। उन्होंने अभिमन्यु को बताया कि कौरवों ने चक्रव्यूह की रचना करके उन्हें चक्र में फँसा दिया। अभिमन्यु ने युद्ध में जाने की आज्ञा माँगी और कहा, “मैं चक्रव्यूह तोड़ दूंगा! “युधिष्ठिर के पूछने पर अभिमन्यु ने बताया कि चक्रव्यूह तोड़ना उसने तब सीखा; जब वह माँ के पेट में था।

भीम ने अंतिम द्वार को गदा से तोड़ने का वचन दिया। अभिमन्यु वीर पुत्र था। युधिष्ठिर को उसे युद्ध में जाने की आज्ञा देनी पड़ी। अभिमन्यु व्यूह के भीतर घुस गया। पहले और दूसरे द्वार पर द्रोणाचार्य और जयद्रथ को हराकर अभिमन्यु आगे बढ़ गया, लेकिन भीम सहित अन्य पांडवों को जयद्रथ ने रोक दिया। अब अभिमन्यु अकेला पड़ गया। उसके बाणों से कौरवों के हाथी, घोड़े तथा पैदल सैनिक सभी विचलित हो उठे। वह जिधर जाता, उधर मैदान साफ हो जाता।

चक्रव्यूह का अंतिम द्वार टूटने वाला था। दुर्योधन के ललकारने पर सातों महारथी अकेले अभिमन्यु से भिड़ गए। दुःशासन के पुत्र ने पीछे से अभिमन्यु के सिर पर गदा मार दी। वीर बालक अभिमन्यु वीरगति को प्राप्त हुआ। उसकी शौर्य-गाथा हमें आज भी प्रेरणा प्रदान करती है।

वीर अभिमन्यु अभ्यास प्रश्न

शब्दों का खेल

(क) नीचे लिखे मुहावरों का अपने वाक्यों में प्रयोग करो (वाक्य प्रयोग करके)

  • बाणों की बौछार करना – अभिमन्यु के बाणों की बौछार से कौरवों के हाथी, घोड़े और पैदल सैनिक विचलित हो उठे।
  • खलबली मचाना – अभिमन्यु ने अपनी वीरता से कौरवों में खलबली मचा दी।
  • सिर नीचा होना – अभिमन्यु की बात सुनकर द्रोणाचार्य का सिर नीचा हो गया।
  • खुशी का ठिकाना न रहना – परीक्षा में प्रथम आने पर मोहन की खुशी का ठिकाना न रहा।

(ख) शुद्ध उच्चारण सहित पढ़ो-युधिष्ठिर, अभिमन्यु, चक्रव्यूह , व्यूह, निहत्था, शौर्य।
नोट – विद्यार्थी स्वयं पढ़ें।

(ग) नीचे लिखे शब्दों के समानार्थक शब्द बताओ (समानार्थक शब्द बताकर)
कठिन – मुश्किल
आकाश – आसमान
युद्ध – लड़ाई
शत्रु – दुश्मन
अलावा – अतिरिक्त
धरती – पृथ्वी
आज्ञा – अनुमति
प्रण – निश्चय
बाण – तीर
जीव – प्राणी
नींद – निद्रा
कहानी – कथा।

(घ) नीचे लिखे वाक्यों में उचित विराम चिह्नों का प्रयोग करो (करके)
अभिमन्यु ने कहा, “महाराज मैं भी वीरपुत्र हूँ!”
“समाचार अच्छे नहीं हैं, बेटा! लेकिन तुम क्यों चिंता करते हो?”
“महाराज! मैं वीरपुत्र हूँ। शत्रु ललकारे और मैं बैठा रहूँ यह कैसे हो सकता है?”

पढ़ो और समझो
नोट – विद्यार्थी स्वयं पढ़ें एवं समझें।

अब तुम करो

गृह का स्वामी = गृहस्वामी
राष्ट्र का ध्वज = राष्ट्रध्वज
वन में वास = वनवास
पुष्पों की वर्षा = पुष्पवर्षा
आगे और पीछे = आगे-पीछे
ऊपर और नीचे = ऊपर-नीचे
माता और पिता = माता-पिता
हम और तुम = हम-तुम

बोध प्रश्न

प्रश्न १.
उत्तर दो
(क) पांडवों और कौरवों का युद्ध किस नाम से प्रसिद्ध है?
उत्तर:
पांडवों और कौरवों का युद्ध ”महाभारत’ के नाम से प्रसिद्ध है।

(ख) युधिष्ठिर क्यों चिन्तित थे?
उत्तर:
कौरवों द्वारा चक्रव्यूह की रचना से युधिष्ठिर चिंतित थे।

(ग) अभिमन्यु ने गुरु द्रोणाचार्य को कैसे प्रणाम किया?
उत्तर:
अभिमन्यु ने दूर से ही गुरु द्रोणाचार्य के चरणों में बाण छोड़कर उन्हें प्रणाम किया।

(घ) चक्रव्यूह के भीतर अभिमन्यु के साथ दूसरे पांडव वीर क्यों न जा सके?
उत्तर:
क्योंकि जयद्रथ ने दूसरे पांडव वीरों को आगे नहीं जाने दिया।

(ङ) अभिमन्यु के सिर पर गदा किसने मारी?
उत्तर:
अभिमन्यु के सिर पर दुःशासन के पुत्र ने पीछे से गदा मारी।

(च) अभिमन्यु के जीवन से तुम्हें क्या प्रेरणा मिलती है?
उत्तर:
अभिमन्यु के जीवन से हमें वीर और शौर्यवान बनने की प्रेरणा मिलती है।

प्रश्न २.
किसने, किससे कहा?
“आप इस तरह सोच में क्यों बैठे हैं महाराज! युद्ध के क्या समाचार हैं?”
उत्तर:
अभिमन्यु ने युधिष्ठिर से कहा।

“तुम नहीं जानते चक्रव्यूह तोड़ना कितना कठिन है?”
उत्तर:
युधिष्ठिर ने अभिमन्यु से कहा।

“अंतिम द्वार तो मैं अपनी गदा से ही तोड़ दूंगा।”
उत्तर:
भीम ने युधिष्ठिर से कहा।

“आप लोग देखते क्या हैं? एक साथ मिलकर क्यों नहीं मार डालते?”
उत्तर:
दुर्योधन ने महारथियों से कहा। 

“गुरुवर आपके रहते यह कैसी लड़ाई?”
उत्तर:
अभिमन्यु ने द्रोणाचार्य से कहा।

तुम्हारी कलम से

तुम्हारे आस-पास भी किसी बच्चे ने विपत्ति के समय बहादुरी का परिचय दिया होगा। वह घटना कैसे घटी? अपने शब्दों में लिखो।
नोट – विद्यार्थी स्वयं लिखें।

अब करने की बारी

(क) कहानी का कक्षा में अभिनय करें।
(ख) इसी प्रकार की वीरता की कहानियाँ अपने बड़ों से सुनो।
नोट – विद्यार्थी स्वयं अभिनय करें और बड़ों से कहानियाँ सुनो।

इसे भी जानो 

युधिष्ठिर …………………….……. उसे आदि।
नोट – विद्यार्थी यह अनुच्छेद पढ़ें एवं समझें।

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