UP Board Solutions for Class 4 Sanskrit Piyusham Chapter 6 बुद्धिबलम्
(बुद्धिबल)
बुद्धिबलम् शब्दार्थाः
बुद्धिर्यस्य बलंतस्य = बुद्धिमान ही बलवान होता है
वारः = बारी
आयातः = आया/आई
अवरोधम् = रुकावट/बाधा
कूपस्य = कुएँ के
प्रतिबिंब = परछाईं को
अकूर्दत् = कूद गया
साधूक्तम् (साधु + उक्तम्) = ठीक ही कहा गया है
अपृच्छत् = पूछा
द्रष्टुम् = देखने के लिए
अनयत् = लाया
बुद्धिबलम् अभ्यासः
मौखिक:
प्रश्न १.
उपर्युक्त (पाठ में दी गई) कहानी अपने शब्दों में सुनाइए।
उत्तर:
किसी जंगल में एक सिंह रहता था। वह प्रतिदिन कई पशुओं का वध कर देता था। एक बार सभी पशुओं ने फैसला किया कि हममें से कोई-न-कोई रोज सिंह के पास शिकार के रूप में प्रस्तुत होगा। इससे हम प्राणियों की अनावश्यक हत्या नहीं होगी। इस निर्णय से सिंह भी खुश था। उसे बैठे-बिठाए शिकार मिलने की सुविधा मिल गई थी।
एक दिन एक छोटे-से खरगोश की बारी आई। उसने इस समस्या से सदा के लिए छुटकारा पाने का उपाय ढूँढ़ लिया। वह बहुत देर से सिंह के पास पहुँचा। सिंह ने गरजकर विलंब से आने का कारण पूछा, तो उसने दूसरे सिंह द्वारा रोक लिए जाने की बात कही। भूखा सिंह गुस्से में खरगोश के साथ चल पड़ा। खरगोश उसे एक कुएँ के निकट ले गया और दूसरे सिंह के उसमें छिपे होने की बात कहने लगा। क्रोध में अंधे हो चके सिंह ने कएँ में अपनी परछाई को ही दूसरा सिंह समझ उस पर छलाँग लगा दी और वह कुएँ में गिरकर मर गया।
ठीक कहा गया है कि बुद्धिमान ही बलवान होता है।
लिखितः
प्रश्न २.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संस्कृत में लिखिए
(क) सिंहः कुत्र आसीत् ?
उत्तर:
सिंह: एकस्मिन् वने आसीत् ।
(ख) सः किम् अकरोत् ?
उत्तर:
सः प्रतिदिनं पशूनां वधं अकरोत् ।
(ग) शशकः विलम्बस्य किम् कारणम् अवदत्?
उत्तर:
शशक: मार्गे अन्य सिंहेन अवरोधं विलम्बस्य कारणम् अवदत् ।
(घ) शशकः सिंह कुत्र अनयत्?
उत्तर:
शशकः सिंह एकस्य कूपस्य समीपम् अनयत् ।
प्रश्न ३.
संस्कृत में अनुवाद कीजिए
(क) बालक पढ़ता है।
अनुवाद:
बालकः पठति।
(ख) वह खाता है।
अनुवाद:
सः खादति।
(ग) वे हँसते हैं।
अनुवाद:
ते हसन्ति।
(घ) राधा खेलती है।
अनुवाद:
राधा खेलति।