UP Board Solutions for Class 7 Geography Chapter 4 धरातल के रूप बदलने वाले कारक : वाह्य कारक

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UP Board Solutions for Class 7 Geography Chapter 4 धरातल के रूप बदलने वाले कारक : वाह्य कारक

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 7 Geography. Here we have given UP Board Solutions for Class 7 Geography Chapter 4 धरातल के रूप बदलने वाले कारक

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए –

(क) अपक्षय कितने प्रकार का होता है। जैविक अपक्षय से आप क्या समझते हैं?
उत्तर :
अपक्षये मुख्य रूप से तीन प्रकार का होती है- भौतिक, रासायनिक एवं जैविक।

जैविक अपक्षय – पृथ्वी पर रहने वाले जीव-जन्तु तथा मानव की विभिन्न प्रक्रियाओं द्वारा भी चट्टानें कमजोर होती हैं, जैसे – जन्तुओं द्वारा बिल बनाना, मानव द्वारा खाने खोदना, सड़कें बनाना, सुरंग बनाना आदि। इसी प्रकार चट्टानों की दरारों में जब हवा द्वारा उड़कर बीज गिर जाता है और वह वृक्ष बन जाता है तब इनकी जड़े फैलने से चट्टानें टूटने लगती हैं। इसे जैविक अपक्षय कहते हैं।

(ख) जल प्रपात कैसे बनते हैं?
उत्तर :
जब नदी का जल ऊँचाई से खड़े ढाल के सहारे अधिक वेग से नीचे गिरता है तो वह जल प्रपात बन जाता है।

(ग) बालुका स्तूप क्या है? इसका निर्माण कैसे होता है?
उत्तर :
मरुस्थलीय प्रदेशों में जब पवन के मार्ग में कोई बाधा होती है तब पवन का वेग कम हो जाता है, जिससे पवन के साथ उड़ने वाले पदार्थ धरातल पर गिरकर बालू के टीलों का निर्माण करते हैं। इन्हें बालुका स्तूप कहते हैं।

(घ) डेल्टा का निर्माण कैसे होता है ?
उत्तर :
नदी के सागर में गिरने से पहले उसके बहने की गति अधिक धीमी पड़ जाती है। इस कारण नदी के मलबे का निक्षेपण होने लगता है, जिससे डेल्टा का निर्माण होता है।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में अन्तर स्पष्ट कीजिए –

(क) अपक्षय और अपरदन
उत्तर :

अपक्षय – ऋतु और मौसम के प्रभाव द्वारा चट्टानें धीरे-धीरे अपने ही स्थानों पर छोटे-छोटे टुकड़ों में टूटती रहती हैं। चट्टानों के टूटने-फूटने की इस क्रिया को अपक्षय कहते हैं।

अपरदन- अपक्षय द्वारा टूटे हुए चट्टानों का बहता जल, नदी, सागर की लहरें, गतिशील बर्फ (हिमानी), पवन आदि एक स्थान से दूसरे स्थानों पर इकट्ठा कर देते हैं। इस क्रिया को अपरदन कहते हैं।

(ख) V आकार की घाटी और U आकार की घाटी
उत्तर :

V आकार की घाटी – नदी पर्वतीय क्षेत्र में अपनी तली को काटकर उसे गहरा करती है। इससे ‘V’ आकार की घाटी का निर्माण होता है।

U आकार की घाटी – ऊँचे पर्वतों पर जब कोई बर्फ का बड़ा टुकड़ा ढाल पर खिसकता है। तो उसे हिमानी कहते हैं। यह हिमानी पहले से बनी ‘V’ आकार की घाटी को ‘U’ आकार की घाटी में बदल देता है जिसका ढाल खड़ा तथा तल सपाट एवं चौड़ा होता है।

(ग) भौतिक एवं रासायनिक अपक्षय
उत्तर :

भौतिक अपक्षय – चट्टानें दिन में सूर्य की गरमी से गर्म होकर फैल जाती है और रात में तापमान कम होने के कारण सिकुड़ जाती है, जिससे चट्टानें धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगती है और टूट जाती हैं। हवा के प्रभाव से भी चट्टानें टूट जाती हैं। चट्टानों के इस प्रकार टूटने की क्रिया को भौतिक अपक्षय कहते हैं।

रासायनिक अपक्षय – चट्टानों में अनेक प्रकार के खनिजों को सम्मिश्रण पाया जाता है। पानी के संपर्क में आने से इन तत्वों में रासायनिक प्रक्रिया शुरू हो जाती है, जिसके फलस्वरूप चट्टानों के बंधन ढीले पड़ जाते हैं और चट्टानें टूटने लगती है। इस क्रिया को रासायनिक अपक्षय कहते हैं।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित के सही जोड़े बनाइए (मिलाकर) –


प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से सही विकल्प पर का निशान लगाइए –

(क) पवन द्वारा निर्मित स्थलाकृति है।
• बालुका स्तूप • स्टेलेग्माइट • डेल्टा • विसर्प

(ख) चट्टानों के अपने स्थान पर टूटने की क्रिया कहलाती है।
• विघटन • अपरदन • अपक्षय • इनमें से कोई नहीं

(ग) भूमिगत जल द्वारा निर्मित आकृति है।
• स्टेलेक्टाइट • U आकार की घाटी • भू स्तम्भ • V आकार की घाटी

(घ) पृथ्वी की आन्तरिक शक्ति से होता है –
• अपक्षय • अपरदन • अनाच्छादन • भूकम्प।

भौगोलिक कुशलताएँ –
नोटः विद्यार्थी स्वयं करें।

परियोजना कार्य –
नोटः विद्यार्थी स्वयं करें।

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