UP Board Solutions for Class 7 Geography Chapter 1 पृथ्वी की आन्तरिक संरचना
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सोचकर लिखिए –
प्रश्न 1.
चर्चा कीजिए, अगर पृथ्वी ठण्डी न होती तो क्या होता?
उत्तर :
अगर पृथ्वी ठण्डी न होती तो इस पर जीवन नहीं होता।
प्रश्न 2.
सोचिए, चट्टानें सबसे पहले कैसे बनी होंगी?
उत्तर :
चट्टानें सबसे पहले ज्वालामुखी से निकलने वाले तत्वों और तरल पदार्थों के ठण्डा होकर जमने के फलस्वरूप बनी होंगी।
प्रश्न 3.
चर्चा कीजिए कि आग्नेय शैलों में जीवाश्म क्यों नहीं पाए जाते हैं?
उत्तर :
आग्नेय शैलों की रचना भू-गर्भ से निकलने वाले गर्म एवं पिघले हुए तरल पदार्थों (मैग्मा) के ठण्डा होकर जमने के फलस्वरूप हुई है, इसलिए इसमें जीवाश्म नहीं पाए जाते हैं।
प्रश्न 4.
सोचिए, अगर परतदार शैल न होते तो कोयला एवं खनिज तेल कहाँ से मिलता?
उत्तर :
अगर परतदार शैल न होते तो कोयला एवं खनिज तेल नहीं मिल पाता।
प्रश्न 5.
पता करें कि आपके घरों में लगने वाली ईंट का निर्माण कैसे होता है?
उत्तर :
सर्वप्रथम गीली मिट्टी को साँचे में दबाकर कच्ची ईंट बनाई जाती है। फिर कच्ची ईंट को कोयले के ताप द्वारा पकाकर पक्की ईंट बनाई जाती है।
प्रश्न 6.
नीचे चट्टान का महत्त्व बताया गया है रिक्त खाने में चट्टान का प्रकार लिखिए –
उत्तर :
अभ्यास
प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
(क) पृथ्वी की आंतरिक परतों के नाम लिखिए?
उत्तर :
पृथ्वी अंदर से तीन परतों में विभाजित है-भूपर्पटी, मैण्टल और क्रोड। मैण्टल भी दो परतों-ऊपरी तथा निचला मैण्टल में विभक्त है और क्रोड भी आंतरिक तथा बाह्य क्रोड में बँटा हुआ है।
(ख) भूपर्पटी की सबसे अधिक मोटाई कहाँ होती है?
उत्तर :
भूपर्पटी की सबसे अधिक मोटाई पर्वतों के नीचे होती है। पर्वतों के नीचे इसकी मोटाई कहीं-कहीं 70 किलोमीटर तक होती है।
(ग) ज्वालामुखी विस्फोट में निकलने वाला लावा कहाँ एकत्रित रहता है?
उत्तर :
ज्वालामुखी विस्फोट में निकलने वाला लोहा पृथ्वी की सतह पर जमा होता है।
(घ) आग्नेय शैलों की विशेषताएँ लिखिए?
उत्तर :
आग्नेय शैलों की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं –
- ये शैल कठोर होती हैं। अन्न: अपरदन कम होता है।
- ये शैल रवेदार और दानेदार होती है।
- इन शैलों में परत नहीं पाई जाती है।
- इन शैलों में जीवाश्म नहीं पाए जाते हैं।
- इन शैलों का सम्बन्ध प्रायः ज्वालामुखी क्रिया से होता है।
- इन शैलों में बहुमूल्य खनिज पदार्थ (सोना, चाँदी, अभ्रक आदि) मिलते हैं।
(ङ) रूपांतरित शैलें कैसे बनती हैं?
उत्तर :
आग्नेय शैल तथा परतदार शैल में दाब व ताप द्वारा परिवर्तन के फलस्वरूप रूपान्तरित शैलें बनती है।
प्रश्न 2.
यहाँ कुछ शैलों के नाम दिए हैं उन्हें सही वर्ग में लिखिए –
ग्रेफाइट, हीरा, चूने का पत्थर, संगमरमर, अभ्रक, कोयला, स्लेट, बालू, बेसाल्ट, ग्रेनाइट (आग्नेय, परतदार, रूपान्तरित)
उत्तर :
प्रश्न 3.
निम्नलिखित वाक्यों से गलत शब्द को काटकर वाक्य सही कीजिए (सही करके) –
(क) आग्नेय शैल कठोर और रवेदार होते हैं।
(ख) परतदार शैलों की उत्पत्ति में नदियों का बड़ा हाथ है।
(ग) रूप तथा गुणों के परिवर्तन से बनी शैल को रूपान्तरित शैल कहते हैं।
(घ) चूने के पत्थर से संगमरमर बनता है।
(ङ) हिमालय पर्वत परतदार शैल का उदाहरण है।
प्रश्न 4.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।
(क) पृथ्वी की ऊपरी परत को सियाल कहते हैं।
(ख) पृथ्वी की सबसे निचली परत को निफे कहते हैं।
(ग) चूना पत्थर रूपांतरण के फलस्वरूप संगमरमर बनता है।
(घ) मैण्टल की ऊपरी परत को दुर्बलतामण्डल कहते हैं।
भौगोलिक कुशलताएँ –
नोटः विद्यार्थी स्वयं करें।
परियोजना कार्य –
नोटः विद्यार्थी स्वयं करें।
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