UP Board Solutions for Class 8 History Chapter 8 भारत में राष्ट्रवाद का उदय एवं विकास

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UP Board Solutions for Class 8 History Chapter 8 भारत में राष्ट्रवाद का उदय एवं विकास

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भारत में राष्ट्रवाद का उदय एवं विकास

अभ्यास

प्रश्न 1.
बहुविकल्पीय प्रश्न
(1) कांग्रेस का प्रथम अधिवेशन हुआ
(क) 1885 में 
(ख) 1880 में
(ग) 1886 में
(घ) 1890 में

(2) ‘वंदे मातरम्’ गीत के रचयिता-
(क) बाल गंगाधर तिलक
(ख) बंकिमचन्द्र चटर्जी ✓ 
(ग) लाला लाजपत राय ।
(घ) गोपाल कृष्ण गोखले

प्रश्न 2.
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
(1) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना में अग्रणी भूमिका किस अधिकारी की रही?
उत्तर
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना में अग्रणी भूमिका श्री एलेन ओक्टेवियन ह्यूम नामक अवकाश प्राप्त अधिकारी की रही।

(2) “स्वराज्य हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है इसे हम लेकर रहेंगे।” किसका कथन है?
उत्तर
यह कथन लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक का है।

(3) भारतीय मुस्लिम लीग की स्थापना किस सन् में हुई?
उत्तर
भारतीय मुस्लिम लीग की स्थापना सन् 1906 में हुई।

प्रश्न 3.
लघु उत्तरीय प्रश्न
(1) कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन में घोषित किए गए उद्देश्य लिखिए?
उत्तर
कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन में घोषित उद्देश्य निम्नलिखित थे-

  1. देश के विभिन्न भागों के राजनीतिक एवं सामाजिक नेताओं को एकजुट करना।
  2. भारतीयों में राष्ट्रीय एकता की भावना विकसित करना।
  3. राजनीतिक एवं सार्वजनिक प्रश्नों पर अपने विचारों को अभिव्यक्त करना।

(2) कांग्रेस की दो विचारधाराएं कौन सी थीं? उनके बारे में लिखिए?
उत्तर
कांग्रेस की दो विचारधाराएं निम्नलिखित थीं- नरम दल और गरम दल।
(क) नरम दल-कांग्रेस के वे नेता जो शांतिपूर्ण तथा वैधानिक ढंग से देश की आवश्यकताओं को पूरा कराना चाहते थे, उदारवादी कहलाये। उनका विश्वास था कि अगर जनमत को उभारा जाए और प्रार्थना पत्रों, सभाओं, प्रस्तावों तथा भाषणों के द्वारा जनता की माँग को शासन तक पहुँचाया जाए तो वे धीरे-धीरे एक-एक करके हमारी माँगों को पूरा कर देंगे। ऐसे नेताओं में दादा भाई नौरोजी, गोपाल कृष्ण गोखले, मदन मोहन मालवीय, सच्चिदानंद सिंहा आदि प्रमुख थे।

(ख) गरम दले- उन्नीसवीं सदी के अन्तिम वर्षों में राष्ट्रीय आंदोलन में एक नयी विचारधारा का उदय हुआ। बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय और विपिन चन्द्र पाल गरम विचार धारा के थे। उनका मानना था कि अंग्रेज सरकार से केवल अनुनय-विनय करके भारतीय अपने अधिकारों को नहीं प्राप्त कर सकते हैं। इनकी मान्यता थी कि वे उग्र विरोध के बिना हमारी माँगें पूरी नहीं करेंगे। लोकमान्य तिलक ने ‘स्वराज्य हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है इसे हम लेकर रहेंगे’ का नारा देकर जनता में देश-प्रेम की भावना भर दी। बंकिमचन्द्र चटर्जी के गीत ‘वंदे मातरम्’ ने भारतवासियों में मातृभूमि के प्रति देश-प्रेम की भावना जगाई।

(3) होमरूल आंदोलन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर
सन् 1914 ई० में प्रथम विश्व युद्ध आरम्भ हो गया। इंग्लैण्ड ने युद्ध में लड़ने के लिये भारतीय जनता और भारतीय साधनों का पूर्ण उपयोग किया। भारतीयों को बहुत बड़ी संख्या में सेना में भर्ती किया गया। ब्रिटिश सरकार ने करोड़ों रुपये भारत से ले जाकर युद्ध में खर्च किये। ब्रिटिश सरकार ने युद्ध बन्द होने के बाद कांग्रेस की माँगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था। इसी आधार पर भारतीयों ने विश्व युद्ध में ब्रिटिश सरकार की सहायता भी की थी। किंतु युद्ध की समाप्ति के बाद अंग्रेज अपने वादे से मुकर गए। 1916 ई० आते-आते कांग्रेस के दोनों नरम एवं गरम दलों और दूसरी ओर कांग्रेस एवं मुस्लिम लीग में समझौता हो गया। इसी समय श्रीमती एनी बेसेन्ट एवं लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने ‘होमरुल आंदोलन’ प्रारम्भ किया।

प्रश्न 4.
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
(1) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना कब और क्यों हुई? स्पष्ट करिए। .
उत्तर
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 28 दिसम्बर 1885 ई० में हुई। अँग्रेजी सरकार के उत्पीड़न तथा आर्थिक शोषण से अपनी तत्कालीन दुर्दशा को सुधारने के लिए भारतवासियों ने अनेक प्रयत्न किए किन्तु उनकी दशा ज्यों-की-त्यों बनी रही। आखिर तंग आकर मध्य वर्ग के प्रबुद्ध लोगों ने तत्कालीन दुर्दशा के खिलाफ आवाज उठाई। उदाहरण के लिए, राजा राममोहन राय ने लोगों को राजनैतिक अधिकार और सुविधाएँ तथा प्रेस को स्वतन्त्रता प्रदान करने की माँग की, लेकिन ब्रिटिश सरकार ने उनकी एक न सुनी। अतः लोगों ने अपने-अपने क्षेत्रों में विभिन्न संस्थाओं का निर्माण किया जैसे बंगाल में लैण्ड होल्डर्स सोसायटी, ब्रिटिश इण्डिया सोसायटी, इण्डियन एसोसिएशन, महाराष्ट्र में सार्वजनिक सभा तथा चेन्नई (मद्रास) में महाजन सभा। वैसे इन संस्थाओं ने अच्छा काम किया परन्तु इससे स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ।
अन्ततः विवश होकर भारतीय नेता अपनी समस्याओं के हल के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कोई संस्था बनाने की बात सोचने लगे। उनकी इस मन:स्थिति को ए०ओ० ह्यूम नामक एक अँग्रेज ने पहचाना और उनकी भावनाओं को मूर्तरूप देने के लिए अपने प्रयत्न शुरु कर दिए। उसने विभिन्न भारतीय नेताओं से विचार-विमर्श किया और अन्त में 28 दिसम्बर, 1885 ई० को देश के विभिन्न भागों से आए हुए 73 प्रतिष्ठित व्यक्तियों के सहयोग से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का जन्म हुआ।

प्रोजेक्ट वर्क-
विद्यार्थी स्वयं करें।

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