UP Board Solutions for Class 7 Home craft Chapter 6 प्राथमिक उपचार

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UP Board Solutions for Class 7 Home craft Chapter 6 प्राथमिक उपचार

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 7 Home craft. Here we have given UP Board Solutions for Class 7 Home craft Chapter 6 प्राथमिक उपचार.

अभ्यास

1. बहुविकल्पीय प्रश्न :
सही विकल्प के सामने दिए गए गोल घेरे को काला करिए

1. जल के माध्यम से रोग होता है
(क) रूई
(ख) मिलता जुलता
(ग) कैंची
(घ) उपर्युक्त सभी

2. थर्मामीटर का प्रयोग किया जाता है
(क) दस्त
(ख) उल्टी
(ग) लू लगने पर
(घ) तापक्रम नापने के लिए

2. अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

(क) विश्व मिर्गी दिवस कब मनाया जाता है?
उत्तर:
17 नवम्बर को

(ख) अतिसार रोग में उपचार के लिए प्रयोग होने वाली औषधि का नाम लिखिए।
उत्तर:
अतिसार और दस्त में सौंफ, धनियाँ और जीरा इन तीनों को समान मात्रा में लेकर बारीक चूर्ण बना लेना चाहिए और उसमें थोड़ा नमक मिलाकर दिन में तीन बार छाछ के साथ सेवन करना चाहिए।

3. लघु उत्तरीय प्रश्न

(क) खाँसी आने पर आप क्या घरेलू उपचार करेंगे?
उत्तर:
खाँसी आने पर शहद के साथ पिसी काली मिर्च मिलाकर चाटने से आराम मिलता है। तुलसी अदरक, काली मिर्च और चुटकी भर नमक मिलाकर काढ़ा बनाकर पीने से भी लाभ मिलता है। बार-बार खाँसी आने पर अदरक को भूनकर थोड़ा नमक लगाकर उसका भी सेवन कर सकते हैं।

(ख) बेहोशी आने के कोई चार कारण, लिखिए?
उत्तर:
बेहोशी आने के निम्नलिखित कारण हैं

  1.  मानसिक तनाव
  2.  निर्जलीकरण
  3.  खाली पेट रहना
  4.  अचानक डर जाना या सदमा लगना

4. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

(क) किसी साथी को मिर्गी आने पर आप क्या उपचार करेंगे?
उत्तर:
किसी साथी को मिर्गी आने पर निम्नलिखित उपाय करना चाहिए

  1.  रोगी को खुली जगह लिटाना चाहिए।
  2. उसके वस्त्र ढीले कर देना चाहिए।
  3. डॉक्टर से परामर्श कर उचित दवा देनी चाहिए।

(ख) घरेलू वस्तुओं को प्राथमिक उपचार में किस प्रकार से उपयोग हो सकता है? लिखिए।
उत्तर:
परिवार के सदस्यों को प्रायः कुछ सामान्य तकलीफें हो जाती है जैसे पेट दर्द होना, निर्जलीकरण होना, खाँसी आना आदि। इनका उपचार घरेलू उपलब्ध सामग्रियों से तैयार कर सकते हैं।

1. अतिसार या दस्त:
इस अवस्था में सौंफ, धनिया और जीरा, इन तीनों को समान मात्रा में लेकर बारीक चूर्ण बना लें और उसमें थोड़ा नमक मिलाकर दिन में तीन बार छाछ के साथ सेवन करें।

2. वमन अथवा उल्टी:

वमन या उल्टी आने पर हरी धनिया और पुदीने की चटनी का सेवन दिन में कई बार करें। नींबू पर काला नमक लगाकर चूसें।

3. पुराना बुखार:
नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर काढ़ा बना लें और छानकर अवस्थानुसार सेवन करें।

4. खाँसी:
खाँसी आने पर शहद के साथ पिसी काली मिर्च मिलाकर चाटने से आराम मिलता है। तुलसी, अदरक, काली मिर्च और चुटकी भर नमक मिलाकर काढ़ा बनाकर पीने से भी लाभ मिलता है। बार-बार खाँसी आने पर अदरक को भूनकर थोड़ा नमक लगाकर उसका भी सेवन कर सकते हैं।

5. जुकाम:
दूध में हल्दी डालकर खूब उबाल लें फिर गरम-गरम पिएं।

6. चोट लगने पर:
चोट लगने पर दूध में हल्दी मिलाकर पीने से आराम मिलता है। इसका लेप बाहरी चोट पर भी किया जाता है। सरसों का तेल गरम करके उसमें चुटकी भर हल्दी डालकर चोट पर लगाना भी लाभकारी है।

7. दाँत दर्द में:
दाँत दर्द में लौंग का तेल या दर्द के स्थान पर लौंग रखने से आराम मिलता है।

8. पेट दर्द में:
पेट दर्द में हींग विशेष लाभदायक होती है। सौंफ का पानी उबालकर पीने से भी आराम मिलता है। पेचिश में सौंफ का चूर्ण मिश्री के साथ दिन में 3-4 बार लेने से फायदा होता है। एक चम्मच अजवाइन व काला नमक गुनगुने पानी के साथ लेने से भी पेट दर्द ठीक हो जाता है।

9. लू लग जाने पर:
कच्चे आम व पुदीने का पना पीने से आराम मिलता है।

10. कब्ज की शिकायत होने पर:
रात में सोने से पहले, पानी के साथ त्रिफला का चूर्ण, फॉकना, लाभदायक होता है।

प्रोजेक्ट कार्य:
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।

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