UP Board Solutions for Class 6 History Chapter 8 मौर्योत्तर काल में भारत की स्थिति व विदेशियों से सम्पर्क

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UP Board Solutions for Class 6 History Chapter 8 मौर्योत्तर काल में भारत की स्थिति व विदेशियों से सम्पर्क

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मानचित्र देखकर लिखिए –

प्रश्न 1.
उन देशों के नाम लिखिए जिन देशों से होकर रेशम का व्यापार होता था।
उत्तर :
मानचित्र के अनुसार- साइप्रस, सीरिया, इराक, ईरान, अफगानिस्तान, भारत व चीन गणतन्त्र से होकर रेशम का व्यापार होता था।

अभ्यास

प्रश्न 1.
शृंगवंश का संस्थापक कौन था?
उत्तर :
पुष्पमित्र शुंग

प्रश्न 2.
कण्व वंश के अन्तिम शासक का नाम बताइए।
उत्तर :
कण्व वंश का अन्तिम शासक सुशर्मन था।

प्रश्न 3.
सिमुक किस वंश का शासक था?
उत्तर :
सिमुक कण्व वंश का शासक था।

प्रश्न 4.
सातवाहन कालीन धर्म की क्या विशेषता थी?
उत्तर :
सातवाहन राज्य का केन्द्र आंध्र प्रदेश में था। सातवाहन राजाओं ने उत्तर एवं दक्षिण की कला तथा शिल्प से परिचित होने के कारण दोनों का लाभ उठाया। इनके समय में पत्थर की ठोस चट्टानों को काटकर चैत्यों तथा विहारों का निर्माण किया गया। इनमें कार्ले का चैत्य मंडप प्रसिद्ध है। इस चट्टान को गहराई में काटकर बनाया गया है। यह विशाल वास्तुकला का उदाहरण है। इन्होंने सिक्के, छल्लेदार कुएँ, पक्की ईंट और लेखन कला को उत्तर के सम्पर्क से सीखा।

इस वंश के शासक वैदिक धर्म के अनुयायी थे। इन्होंने सभी धर्मों के प्रति समान दृष्टिकोण अपनाया। बौद्ध भिक्षुओं को भी भूमि तथा ग्राम दान में दिए। चैत्य बौद्ध धर्म के प्रार्थना स्थल होते हैं।

प्रश्न 5.
भारत के विदेशों से सम्पर्क के कारण व्यापार, पहनावा, ज्ञान विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी में क्या बदलाव आया ?
उत्तर :
भारत का विदेशों से सम्पर्क के कारण व्यापार, पहनावा, ज्ञान-विज्ञान और प्रौद्योगिकी में आए बदलाव निम्नलिखित हैं –

व्यापार – मध्य एशिया व रोमन साम्राज्य से सम्पर्क के कारण भारी मात्रा में सोना प्राप्त हुआ। काँच के बर्तन बनाने की तकनीक में प्रगति हुई। नगरीकरण चोटी पर पहुँच गया। कनिष्क ने तक्षशिला, पुरुषपुर (पेशावर) और कनिष्कपुर आदि नगर बसाए। कुषाणों ने चीन से मध्य एशिया होते हुए रोमन साम्राज्य जाने वाले रेशममार्ग पर नियन्त्रण कर लिया, जिससे भारतीय व्यापार की वृद्धि हुई।

पहनावा – कुषाणों के प्रभाव के कारण भारत में पगड़ी, कुर्ती, पजामे, लम्बे जूते और लम्बे कोट का प्रचलन शुरू हुआ।

ज्ञान-विज्ञान और प्रौद्योगिकी – नाट्यमंच में पर्दा का प्रचलन विदेशियों के प्रभाव से हुआ। नए-नए शब्दों का आदान-प्रदान हुआ, जिससे व्याकरण समृद्ध हुआ। खगोल और ज्योतिषशास्त्र में प्रगति हुई। सप्ताह के दिनों को ग्रहों के नाम से पुकारना यूनानियों से सीखा। यूनानी औषध पद्धति के विषय में जानकारी हुई। कनिष्क के समय में चरक नामक चिकित्सक हुए। इन्होंने चरक संहिता में 600 से ज्यादा औषधियों के विषय में लिखा है। इसमें चिकित्सक के लिए मरीजों के प्रति निर्देश भी दिए गए हैं।

प्रश्न 6.
कुषाण कालीन कला की विशेषता का उल्लेख करिए।
उत्तर :
कुषाण शासन का भारतीय शिल्प और कला पर काफी प्रभाव पड़ा। कुषाणकाल की कला के दो प्रमुख केन्द्र मथुरा और गान्धार थे। मथुरा में लाल बलुआ पत्थर और गान्धार में लाल स्लेटी पत्थर की मूर्तियाँ गढ़ी जाती थीं। मथुरा की मूर्तियों में यूनानी शैली थी और उनमें भारतीय भाव और विचारों को ध्यान में रखा गया, जबकि गान्धार शैली में मूर्तियों के कपड़ों में चुन्नटें और बालों का मुँघरालापन प्रदर्शित किया जाता था। कुषाण राजाओं ने सबसे ज्यादा स्वर्ण मुद्राएँ जारी कीं। उनकी स्वर्ण मुद्राएँ धातु की शुद्धता में गुप्त शासकों की स्वर्ण मुद्राओं से बेहतर थीं।

प्रश्न 7.
विदेशियों ने भारत से क्या सीखा ? लिखिए।
उत्तर :
विदेशी आक्रमणकारियों के पास अपनी भाषा, लिपि और सुव्यवस्थित धर्म नहीं थे। उन्होंने संस्कृति के इन उपादानों को भारत से लिया। कनिष्क के शासनकाल में चीन, मध्य एशिया और अफगानिस्तान में बौद्ध धर्म का प्रचार किया गया। चीन से बौद्ध धर्म कोरिया और जापान पहुँचा। कनिष्क ने बुद्ध और। बोधिसत्व की प्रतिमाएँ विदेशों में भेजी। बौद्ध धर्म का नया रूप महायान कहलाया और विदेशों में बुद्ध की प्रतिमा की पूजा होने लगी।

प्रश्न 8.
भारतीय संस्कृति की ऐसी क्या विशेषताएं हैं, जिससे कि वह अन्य प्राचीन सभ्यताओं से । भिन्न है?
उत्तर :
भारतीय संस्कृति में अन्य देशों की संस्कृतियों को मिला लेने की अपूर्व क्षमता है, जिससे भारतीय संस्कृति आज भी विद्यमान है, जबकि अन्य प्राचीन सभ्यताएँ जैसे मेसोपोटामिया, मिश्र, यूनान एवं रोम विलुप्त हो चुकी हैं और उनके भौतिक अवशेष ही बचे हैं। इसका मुख्य कारण भारतीय संस्कृति में सहिष्णुता, सामाजिक मेलजोल, लचीलापन, उदारवादिता व वसुधैव कुटुम्बकम् (पृथ्वी के सभी निवासी एक ही परिवार के सदस्य की तरह माने गए हैं) की ओर बढ़ना ही आदर्श माना गया है।

प्रश्न 9.
सही कथन के सामने (✓) तथा गलत कथन पर (✗) का निशान लगाइए –

(अ) कार्ले का चैत्य मण्डप कुषाणों ने बनवाया। (✗)
(ब) मिनाण्डर शक शासक था। (✗)
(स) भारत में सोने के सिक्के सबसे पहले कुषाण राजा ने चलाए। (✓)
(द) मथुरा एवं गान्धार कुषाण काल की कला के प्रमुख केन्द्र थे। (✓)

प्रश्न 10.
रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए।

(अ) सातवाहन वंश के शासक वैदिक धर्म के अनुयायी थे।
(ब) कनिष्क ने शक संवत् चलाया।
(स) कण्व वंश के संस्थापक सुशर्मन थे।
(द) शक शासकों में रूद्रदामन प्रथम सबसे अधिक विख्यात शासक था।

प्रोजेक्ट वर्क –
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।

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