UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 10 मलेथा की गूल
मलेथा की गूल शब्दार्थ
शृंखला = कई कड़ियों का एक के बाद एक जुड़ना, कतार
तीव्र = तेज
साकार = पूर्ण रूप देना
प्रयास= कोशिश
दुष्कर = बहुत कठिन
गूल = पानी की नली।
मलेथा की गूल पाठ का सारांश
गढ़वाल में मलेथा नाम का एक गाँव है। इस गाँव के दोनों ओर अलकनंदा और चंद्रभागा नदियाँ हैं। लेकिन बीच में पहाड़ होने से गाँव के खेतों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पाता था। खेत बंजर पड़े थे।
मलेथा के एक उत्साही किसान माधो सिंह के मन में पहाड़ काटकर एक गूल बनाने का विचार जोर पकड़ रहा था। पहाड़ काटकर सुरंग बनाने से गाँव में नदी का पानी आ सकता था। उसकी पत्नी को यह कार्य असंभव लगा; लेकिन माधो सिंह ने प्रतिज्ञा की कि जब तक उसके शरीर में रक्त की एक बूंद भी होगी; तब तक वह गूल निकालकर पानी लाने का प्रयास करेगा। पत्नी ने इस महान कार्य में सहयोग देने का वचन दिया।
माधो सिंह गैंती, हथौड़े से चट्टान तोड़ने लगा। उसने आठ-दस दिनों में गहरी सुरंग खोद दी। गाँव वाले भी मदद को आ गए। दिन-रात एक करके माधो सिंह गूल निर्माण करने में सफल हो गया। मलेथा ‘की बंजर धरती पर हरियाली दिखाई देने लगी।
आज भी मलेथा के हरियाली भरे खेत माधो सिंह के असीम धैर्य और कठोर परिश्रम के साक्षी हैं।
मलेथा की गूल अभ्यास प्रश्न
शब्दों का खेल
प्रश्न १.
पाठ में एक वाक्य आया है ‘मैं तब तक चैन की नींद नहीं सोऊँगा, जब तक मलेथा के एक-एक खेत तक पानी नहीं आ जाता।’ ऐसे तीन वाक्यों की रचना करो जिनमें ‘तब तक’ और ‘जब तक’ शब्दों का प्रयोग हुआ हो।
उत्तर:
(१) मैं तब तक लिखता ही रहूँगा; जब तक पाठ पूरा नहीं हो जाता।
(२) मोहन तब तक दौड़ता ही रहेगा; जब तक वह दौड़ जीत नहीं लेता।
(३) मैं तब तक चुनाव लड़ता ही रहूँगा; जब तक मेरी जीत नहीं हो जाती।
प्रश्न २.
नीचे लिखे शब्दों को उदाहरण के अनुसार बदलो (उदाहरण के अनुसार बदलकर)
उत्साह – उत्साही
पराक्रम – पराक्रमी
बलिदान – बलिदानी
साहस – साहसी
परिश्रम – परिश्रमी
उद्यम – उद्यमी
प्रश्न ३.
नीचे लिखे शब्दों में से संज्ञा शब्द छाँटो
तीव्र, साकार, फावड़ा, माधो सिंह, प्रयास, मलेथा, खेत, गढ़वाल, गैंती, सुंदर
उत्तर:
फावड़ा, माधो सिंह, मलेथा, खेत, गढ़वाल, गैंती
प्रश्न ४.
‘सुषमा’ शब्द का अर्थ सौंदर्य एवं शोभा भी होता है। ऐसे शब्दों को पर्यायवाची शब्द कहते हैं। नीचे लिखे शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखो (लिखकर )
उत्तर:
पवन = हवा, वायु
कमल = सरोज, पंकज
पृथ्वी = धरा, वसुधा
जल = पानी, नीर
घर = गृह, सदन
प्रश्न ५.
अपने वाक्यों में प्रयोग करो (वाक्यों में प्रयोग करके)
पहाड़ – माधो सिंह ने पहाड़ काटकर सुरंग बना दी।
साहस – सब लोगों ने उसके साहस की प्रशंसा की।
विचलित – कठिन कार्य को देखकर माधो सिंह विचलित नहीं हुआ।
तीव्र – नाली में पानी तीव्र वेग में आया।
बंजर – बिना पानी (सिंचाई) के खेत बंजर पड़े थे।
सुरंग – पहाड़ में सुरंग बनने से गाँव को नदी का पानी मिलने लगा।
उत्साह – आलसी व्यक्तियों में उत्साह की कमी होती है।
श्रम – श्रम सब उपलब्धियों का मूल है।
निश्चय – दृढ़ निश्चय से कठिन कार्य भी सरल हो जाता है।
पानी – पानी ही जीवन है। बिना पानी कृषि उत्पादन संभव नहीं।
प्रश्न ६.
उचित स्थान पर विराम चिह्नों का प्रयोग करो (विराम चिह्नों का प्रयोग करके)
माधव प्रात: काल उठकर सैर करने जाता है; जल-पान के बाद विद्यालय जाता है। वहाँ खूब मेहनत से पढ़ता है। सभी उसकी प्रशंसा करते हैं।
बोध प्रश्न
प्रश्न १.
उत्तर दो
(क) मलेथा के खेत बंजर क्यों पड़े रहते थे?
उत्तर:
पानी नहीं मिल पाने के कारण मलेथा के खेत बंजर पड़े रहते थे।
(ख) नदी का पानी गाँव में क्यों नहीं आता था?
उत्तर:
नदी और गाँव के बीच में पहाड़ खड़ा था; इसलिए गाँव में पानी नहीं आता था।
(ग) माधो सिंह के मन में क्या सपना उभरता था?
उत्तर:
माधो सिंह के मन में पहाड़ काटकर सुरंग बनाने का सपना उभरता था।
(घ) माधो सिंह ने अपनी प्रतिज्ञा कैसे पूरी की?
उत्तर:
माधो सिंह ने दृढ़ निश्चय, कठोर परिश्रम और असीम धैर्य से अपनी प्रतिज्ञा पूरी की।
(ङ) इस पाठ से हमें क्या सीख मिलती है? ।
उत्तर:
इस पाठ से यह सीख मिलती है कि कठिन परिश्रम और असीम धैर्य से सब कार्य पूर्ण हो जाते हैं।
(च) इस पाठ का कौन-सा भाग तुम्हें सबसे अच्छा लगा और क्यों?
उत्तर:
पाठ का अंतिम भाग अच्छा लगा, क्योंकि माधो सिंह ने अपने साहस और परिश्रम से कठिन कार्य को संभव बना दिया।
तुम्हारी कलम से
तुम्हारे पास-पड़ोस में भी ऐसी घटनाएँ घटी होंगी जब किसी ने कठिन समझे जाने वाले कार्य को कर दिखाया होगा। वह घटना कैसे घटी, अपने शब्दों में लिखो।
नोट – विद्यार्थी स्वयं लिखें।
अब करने की बारी
(क) प्रस्तुत कथा को अपने शब्दों में सुनाओ।
(ख) प्रथम दो अनुच्छेद सुलेख में लिखो।
(ग) नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।
(घ) पढ़ो और करो।
नोट– विद्यार्थी स्वयं करें।