UP Board Solutions for Class 2 Hindi Kalrav Chapter 20 धूप
धप शब्दार्थ
उजियारा = उजाला
लहराना = हलकोरे लेना, दहकना
धरती = पृथ्वी
चेतन = सचेत होने का गुण
सर्दी = ठण्ड
मनभायी = अच्छी लगी
सतरंगी = सात रंगों की
बीती रात …………………………………….…. धूप।
अर्थ – रात बीत गई। प्रकाश हो गया। घर के आँगन में धूप फैल गई। कण-कण में प्रत्येक पेड़ के पत्तों पर सुन्दर-सुहावनी दिखाई देने लगी। पर्वत की
चोटी …………………………………..…………… धूप।
अर्थ – धूप पर्वत की चोटी पर पड़ी दिखाई दी, पानी के बहते झरनों पर भी धूप आ गई। समुद्र की लहरों पर वह नृत्य करती नजर आई। इस प्रकार वह सबका साथ देने-वाली सखी-सहेली जैसी नजर आई।
पंछी के पंखों ……………………………….…………… धूप।
अर्थ – धूप पक्षियों के पंखों पर चमकती नजर आई। धूप फूलों पर भी लहराने लगी। पृथ्वी के कोने में, हर क्षेत्र में धूप मानो नई चेतना लेकर उपस्थित हुई।
गर्मी में आँखें ………………………………..…………. धूप।
अर्थ – गर्मी के दिनों में धूप नाराज (क्रोधित) नजर आई। उसी तरह जाड़े के दिनों में वह सर्दी से छुटकारा दिलाने और मन को लुभानेवाली दिखाई दी। बरसात के दिनों में छम-छम करती हुई वह इन्द्रधनुष के सातरंगों में घुलकर सुहावनी दिखाई दी।
धूप अभ्यास
प्रश्न १.
सोचो और बताओ
(क) धूप कैसी लगती है- जाड़े में, गर्मी में और बरसात में?
उत्तर:
जाड़े में सुहावनी (मन लुभाने वाली), गर्मी में झुलसाने वाली और बरसात में सतरंगी (सुन्दर) लगती है।
(ख) यदि सूरज उदय न हो तो क्या होगा?
उत्तर:
यदि सूरज उदय न हो, तो अँधेरा छा जाएगा, जीवन असम्भव हो जाएगा।
प्रश्न २.
जिसके लिए धूप जरूरी है, उस पर गोला लगाओ (गोला लगाकर )
उत्तर:
प्रश्न ३.
पाठ पढ़कर कविता की पंक्ति को पूरा करो (पंक्ति को पूरा करके)
उत्तर:
गर्मी में आँखें दिखलाई।
सर्दी में मनभाई धूप।
प्रश्न ४.
खेल-खेल में
नोट – विद्यार्थी स्वयं करके देखें।
प्रश्न ५.
स्वयं करके जानो
नोट – विद्यार्थी स्वयं करके देखें।