UP Board Solutions for Class 11 Psychology Chapter 7 Psychological Experiments

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UP Board Solutions for Class 11 Psychology Chapter 7 Psychological Experiments

UP Board Solutions for Class 11 Psychology Chapter 7 Psychological Experiments (मनोवैज्ञानिक प्रयोग) are part of UP Board Solutions for Class 11 Psychology. Here we have given UP Board Solutions for Class 11 Psychology Chapter 7 Psychological Experiments (मनोवैज्ञानिक प्रयोग).

BoardUP Board
TextbookNCERT
ClassClass 11
SubjectPsychology
ChapterChapter 7
Chapter NamePsychological Experiments
(मनोवैज्ञानिक प्रयोग)
Number of Questions Solved2
CategoryUP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 11 Psychology Chapter 7 Psychological Experiments (मनोवैज्ञानिक प्रयोग)

नोट – कक्षा 11 के नवीनतम पाठ्यक्रम में दो प्रयोगों को लिखने का प्रावधान है। ये प्रयोग हैं –

  1. प्रत्यक्षीकरण में तत्परता तथा
  2. अवधान विस्तार। दोनों प्रयोगों का प्रारूप निम्नवर्णित है।

प्रश्न 1.
‘प्रत्यक्षीकरण में तत्परता सम्बन्धी प्रयोग का विवरण प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर :
प्रयोग – प्रत्यक्षीकरण में तत्परता

  1. प्रयोग का शीर्षक – प्रत्यक्षीकरण में तत्परता
  2. दिनांक – 02.01.2018
  3. वार या दिन – सोमवार
  4. समय – 10:45 प्रातः
  5. स्थान – कानपुर
  6. प्रयोज्य या विषय-पात्र का नाम – कु० अनिता गर्ग
  7. विषय-पात्र की आयु – 17 वर्ष
  8. प्रयोगकर्ता – रघुबीर शर्मा
  9. विषय-पात्र की शारीरिक एवं मानसिक दशा – सामान्य रूप से स्वस्थ एवं प्रसन्नचित्त।

प्रयोग की निर्धारित समस्या – प्रत्यक्षीकरण पर व्यक्ति की तत्परता के प्रभाव को ज्ञात करना या जानना।

प्रयोग की ओवश्यक सामग्री – स्टॉप वाच, दो भिन्न शब्द-सूचियाँ, जिनमें भिन्न-भिन्न दस-दस शब्द हैं। इन शब्द-सूचियों को तैयार करते समय इस बात का ध्यान रखना आवश्यक होता है कि प्रत्येक शब्द में कुल पाँच अक्षर ही हैं। इस प्रकार से चुने हुए शब्दों के अक्षरों को आगे-पीछे करके अव्यवस्थित रूप में लिख लिया जाता है। दोनों शब्द-सूचियों को अलग-अलग कागजों पर अव्यवस्थित रूप में लिख लिया जाता है। इसके अतिरिक्त कागज की एक अन्य शीट भी ली जाती है। जिसमें एक खिड़की कटी होती है, जिसमें से केवल एक ही शब्द दिखाई देता है।

चुने गये शब्दों की प्रथम सूची – प्रयोग के लिए पाँच अक्षर वाले शब्दों की प्रथम सूची में निम्नलिखित दस शब्दों को सम्मिलित किया जा सकता है। ये शब्द परस्पर सम्बद्ध नहीं हैं, बल्कि भिन्न-भिन्न क्षेत्रों से सम्बन्धित हैं –

  1. NRATT (Train)
  2. URGAS (Sugar)
  3. RHMAC (March)
  4. TVOES (Stove)
  5. NEGER (Green)
  6. NEFIK (Knife)
  7. LUCOD (Cloud)
  8. OTOTH (Tooth)
  9. MPSAT (Stamp)
  10. GLVEO (Glove)

चुने गये शब्दों की द्वितीय सूची – प्रयोग के लिए पाँच अक्षर वाले शब्दों की द्वितीय सूची में केवल उन्हीं शब्दों को सम्मिलित किया गया है जिनका सम्बन्ध किसी-न-किसी रूप में विद्यालय से है। इस वर्ग के दस शब्द निम्नलिखित हो सकते हैं –

  1. CHIDL (Child)
  2. LOSOT (Stool)
  3. SCSLA (Class)
  4. HNBEC (Bench)
  5. HCKLA (Chalk)
  6. ICAHR (Chair)
  7. RDOBA (Board)
  8. LETAB (Table)
  9. PREPA (Paper)
  10. ELRCK (Clerk)

प्रयोग-विधि – प्रयोग प्रारम्भ करते हुए पहले चुने गये अव्यवस्थित शब्दों की प्रथम सूची को लिया जाता है। इसके साथ ही कागज की उस शीट को भी लिया जाता है जिसमें एक शब्द दिखाने वाली खिड़की कटी हुई है। शब्द सूची के ऊपर खिड़की वाली शीट को रखकर विषय-पात्र के सामने रखा जाता है तथा उसे खिड़की में से किसी एक अव्यवस्थित शब्द को दिखाया जाता है तथा उसे निर्देश दिया जाता है कि वह उस शब्द को व्यवस्थित रूप में बताये। विषय-पात्र को अपना उत्तर मौखिक रूप में ही देना होता है। प्रत्येक शब्द को केवल 30 सेकण्ड के लिए ही दिखाया जाता है। समय की सीमा निर्धारित करने के लिए स्टॉप वाच का इस्तेमाल किया जाता है। इस प्रकार एक-एक करके सभी दस शब्दों को विषय-पात्र को दिखाया जाता है तथा प्रत्येक बार विषय-पात्र द्वारा दिये गये उत्तर को नोट कर लिया जाता है। शब्दों की प्रथम सूची पूरी हो जाने के उपरान्त विषय-पात्र को कुछ विश्राम दिया जाता है। विश्राम के उपरान्त विषय-पात्र के सम्मुख चुने गये शब्दों की द्वितीय सूची को क्रमश: प्रस्तुत किया जाता है। इस सूची के शब्दों को दिखाने से पहले विषय-पात्र को सूचित कर दिया जाता है कि इस सूची में सम्मिलित सभी शब्द किसी-न-किसी रूप में विद्यालय के वातावरण से लिए गये हैं। इस सूचना को देने के उपरान्त प्रथम सूची के ही समान विषय-पात्र के सम्मुख एक-एक करके सभी दस शब्द 30-30 सेकण्ड के लिए प्रस्तुत किये जाते हैं। प्रत्येक उत्तर को नोट कर लिया जाता है। तथा उत्तर देने में लगे समय अर्थात् प्रतिक्रिया-काल को भी नोट कर लिया जाता है। यदि विषय-पात्र किसी शब्द का उत्तर नहीं दे पाता तो उसको प्रतिक्रिया काल 30 सेकण्ड ही मान लिया जाता है।

प्रदत्त निरूपण – उपर्युक्त प्रयोग से प्राप्त सभी परिणामों को निम्नलिखित तालिका में व्यवस्थित ढंग से लिख लिया जाता है –

UP Board Solutions for Class 11 Psychology Chapter 7 Psychological Experiments 1

सावधानियाँ – प्रयोग में निम्नलिखित सावधानियों को ध्यान में रखा जाना आवश्यक होता है –

  1. विषय-पात्र को एक समय में केवल एक ही शब्द दिखाया जाना चाहिए।
  2. प्रयोग-स्थल का वातावरण पूर्ण रूप से शान्त तथा सुविधाजनक होना चाहिए।
  3. प्रतिक्रिया काल का मापन शुद्ध होना चाहिए।

परिणाम एवं निष्कर्ष – अव्यवस्थित शब्दों की दोनों सूचियों के प्रतिक्रिया काल का औसत मान ज्ञात किया तथा उनकी तुलना की गयी। इस तुलना से ज्ञात हुआ कि प्रथम सूची के शब्दों को व्यवस्थित करने में दूसरी सूची की तुलना में लगभग दो गुना समय लगा। इस परिणाम के आधार पर निष्कर्ष स्वरूप कहा जा सकता है कि प्रत्यक्षीकरण मर विषय-पात्र की तत्परता का प्रभाव अनिवार्य रूप से, पड़ता है।

प्रश्न 2.
पढ़ने में प्रत्यक्षीकरण या अवधान-विस्तार के प्रयोग का वर्णन कीजिए।
उत्तर :

प्रयोग-पढ़ने में प्रत्यक्षीकरण या अवधान-विस्तार

  1. प्रयोगकर्ता का नाम – महेन्द्र
  2. प्रयोज्य का नाम – राकेश
  3. प्रयोज्य की आयु – 20 वर्ष
  4. प्रयोज्य की शारीरिक एवं मानसिक अवस्था – सामान्य
  5. दिनांक – 03.01.2018
  6. दिन – मंगलवार
  7. समय – प्रात: 9 बजे

प्रयोग की पृष्ठभूमि – एक साथ एक दृष्टि में व्यक्ति जितने अक्षर देख लेता है, वह उसका ‘पढ़ने में प्रत्यक्षीकरण’ या ‘अवधान-विस्तार’ कहलाता है। एक दृष्टि में जो व्यक्ति अधिक शब्द पढ़ लेता है उसकी पढ़ने की गति तीव्र होती है तथा जो कम शब्द पढ़ता है उसकी गति मन्द होती है। एक दृष्टि में व्यक्ति जितने निरर्थक अक्षर और सार्थक शब्दों को देख सकता है या पढ़ सकता है, उसे नापा जा सकता है। पढ़ने में प्रत्यक्षीकरण या अवधान-विस्तार के मापन के लिए टेचिस्टोस्कोप का निर्माण हैमिल्टन (Hamilton) ने किया तथा प्रयोग कैटेल (Cattle) ने 1885 ई० में किया।

समस्या – इंस प्रयोग में प्रयोगकर्ता के समक्ष निम्नलिखित समस्याएँ थीं –

  1. प्रयोज्य की, प्रत्यक्षीकरण की प्रक्रिया को समझना।
  2. प्रयोज्य के सार्थक और निरर्थक शब्दों को पढ़ने की योग्यता की जाँच करना।
  3. प्रयोज्य के सार्थक और निरर्थक शब्दों के बोध विस्तार का निर्धारण करना।।

परिकल्पना – निरर्थक शब्दों की अपेक्षा सार्थक शब्दों को पढ़ने की क्षमता और बोध-स्तर अधिक होता है।

यन्त्र एवं उपकरण – टेचिस्टास्कोप, निरर्थक शब्दों की तीन सूचियाँ, सार्थक शब्दों की तीन सूचियाँ, कागज, पेन्सिल आदि।

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तैयारी – प्रयोज्य को टेचिस्टास्कोप से इतनी दूरी पर बैठाया कि कार्ड पर दिखाये जाने वाले अक्षरों को वह आसानी से पढ़ सके। टेचिस्टोस्कोप में दो अक्षरों वाले सार्थक कार्ड को सबसे पहले लगाया।

निर्देश – सभी तैयारी करने के बाद प्रयोगकर्ता ने प्रयोज्य को निम्नलिखित निर्देश दिये

  1. सर्वप्रथम मैं आपसे सावधान कहूँगा’, ‘सावधान’ कहते ही आप अपना ध्यान यन्त्र की खिड़की पर लगाना और आरम्भ कहते ही एक कार्ड आपको खिड़की पर दिखाया जाएगा, जिस पर कुछ अक्षर लिखे होंगे, इन अक्षरों को आपको पढ़ना होगा।
  2. जब आप पहले कार्ड के अक्षरों को पढ़ लोगे तो उससे अधिक अक्षरों वाले कार्ड बारी-बारी से दिखाये जाएँगे।
  3. जब किसी कार्ड के अक्षर आप एक बार में सही नहीं पढ़ पाओगे तो उतने ही अक्षरों वाला। दूसरा कार्ड आपको दिखाया जाएगा। केवल तीन बार ही एक कार्ड दिखाया जा सकता है।
  4. जब आप एक ही तरह के तीन कार्ड नहीं पढ़ पाओगे तो प्रयोग समाप्त हो जाएगा। अन्त में आपसे अन्तर्दर्शन रिपोर्ट ली जाएगी।

वास्तविक प्रयोग – निर्देश देने के पश्चात् प्रयोगकर्ता ने प्रयोग प्रारम्भ किया। ‘प्रारम्भ’ कहते ही दो अक्षरों वाले सार्थक शब्द के कार्ड को टेचिस्टास्कोप की खिड़की में से दिखाया। प्रयोज्य ने उसे ठीक पढ़ दिया। इसके बाद क्रमश: एक-एक करके सभी कार्ड उसी प्रकार खिड़की में से दिखाये गये और प्रयोज्य ने उन्हें सही-सही पढ़ दिया। अन्त में आठ अक्षरों वाला सार्थक शब्द का कार्ड प्रयोज्य जब तीन बार में भी नहीं पढ़ सका तो यहीं पर प्रयोग रोक दिया।

इसके बाद प्रयोग का दूसरा भाग शुरू किया। अब पहले दो अक्षरों वाले निरर्थक शब्द का कार्ड लगाया। इसमें प्रयोज्य ने केवल पाँच कार्ड सही रूप से पढ़े। छठे कार्ड को प्रयोज्य नहीं पढ़ सका; अत: प्रयोग यहीं पर समाप्त कर दिया।

सावधानियाँ – प्रयोग करते समय निम्नलिखित सावधानियाँ रखी गयीं –

  1. टेचिस्टास्कोप को इतना ऊँचा रखा गया जिससे प्रयोज्य ठीक से कार्ड को देख सके।
  2. टेचिस्टास्कोप की खिड़की पर उचित प्रकाश की व्यवस्था की गयी।
  3. वातावरण शान्त रखा गया।

परिणाम – प्रस्तुत प्रयोग के परिणाम इस प्रकार प्राप्त हुए—प्रयोज्य ने सार्थक शब्दों में से सात अक्षरों वाले शब्दों को पढ़ा और निरर्थक शब्दों में वह पाँच अक्षर वाले शब्दों तक ही पढ़ सका। इस प्रकार प्रयोग के परिणाम से स्पष्ट है कि सार्थक शब्दों का उसका अवधान-विस्तार सात है और “निरर्थक शब्दों का अवधान विस्तार पाँच है।

अन्तर्दर्शन रिपोर्ट – प्रयोग समाप्त होते ही प्रयोज्य ने अपनी अन्तर्दर्शन रिपोर्ट में इस प्रकार कहा, “प्रारम्भ में मुझे काफी कठिनाई का अनुभव हो रहा था लेकिन कार्ड पर लिखे गये अक्षरों की संख्या कम होने के कारण मुझे पढ़ने में आसानी हुई। निरर्थक शब्दों को पढ़ने में सार्थक शब्दों की अपेक्षा अधिक कठिनाई का अनुभव हुआ।

निष्कर्ष – इस प्रयोग के आधार पर प्रयोगकर्ता ने निम्नलिखित निष्कर्ष निकाले –

  1. निरर्थक शब्दों को पढ़ने में सार्थक शब्दों की अपेक्षा अधिक कठिनाई होती है।
  2. सार्थक शब्दों का अवधान-विस्तार, निरर्थक शब्दों की अपेक्षा अधिक होता है।
  3. इस प्रयोग में गैस्टाल्टवादियों द्वारा प्रतिपादित प्रत्यक्षीकरण में समग्रता का नियम प्रभावित करता है। इसी कारण प्रयोज्य गलती को नहीं समझ पाता।

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