UP Board Solutions for Class 10 Social Science Chapter 8 भारत के पड़ोसी देशों से सम्बन्ध तथा दक्षेस (अनुभाग – दो)

UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 10 Social Science Chapter 8 भारत के पड़ोसी देशों से सम्बन्ध तथा दक्षेस (अनुभाग – दो)

These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 10 Social Science. Here we have given UP Board Solutions for Class 10 Social Science Chapter 8 भारत के पड़ोसी देशों से सम्बन्ध तथा दक्षेस (अनुभाग – दो).

विस्तृत उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत के पड़ोसी देशों के साथ सम्बन्धों का वर्णन कीजिए। [2012, 17]
या

भारत के निम्नलिखित पड़ोसी देशों के सम्बन्धों पर टिप्पणी लिखिए
1. अफगानिस्तान, 2. म्यांमार, 3. भूटान।
या
भारत के उत्तरी तथा उत्तरी-पश्चिमी सीमा पर कौन-कौन से देश हैं? भारत से उनके सम्बन्धों का वर्णन कीजिए। [2015]
 या
भारत-पाकिस्तान के मध्य विवाद का मुख्य कारण क्या है? संक्षेप में लिखिए। [2018]
उत्तर :
भारत तथा पड़ोसी देश भारत की उत्तरी सीमा पर चीन, नेपाल और भूटान राष्ट्र स्थित हैं। पश्चिमोत्तर सीमा पर अफगानिस्तान तथा पाकिस्तान स्थित हैं। उत्तर-पूर्वी सीमा पर म्यांमार और बांग्लादेश स्थित हैं। भारत के विशाल क्षेत्रफल के कारण इसकी सीमाएँ बहुत विस्तृत हैं तथा अनेक पड़ोसी सम्प्रभु राष्ट्रों से मिलती हैं। पंचशील के सिद्धान्तों में अटूट विश्वास होने के कारण भारत ने सदैव यही प्रयास किया है कि पड़ोसी राज्यों के साथ उसके सम्बन्ध सौहार्दपूर्ण बने रहें। भारत ने उनके साथ मैत्रीपूर्ण सम्बन्धों का संचालन किया है तथा समय-समय पर उनके आर्थिक, वैज्ञानिक तथा तकनीकी विकास में भी सहयोग दिया है। दक्षेस (SAARC) इन तथ्यों का जीता-जागता उदाहरण है।

भारत के उसके पड़ोसी देशों से सम्बन्धों को निम्नलिखित शीर्षकों के अन्तर्गत स्पष्ट किया जा सकता है–

1. नेपाल– नेपाल के साथ भारत के बहुत प्राचीन सम्बन्ध हैं। नेपाल के नागरिकों को भारत में अनेक सुविधाएँ प्राप्त हैं। भारत ने नेपाल की अनेक परियोजनाओं को पूर्ण करने के लिए पर्याप्त आर्थिक सहायता दी है। 13 अगस्त, 1971 ई० को भारत व नेपाल के बीच एक व्यापारिक सन्धि हुई। नेपाल अपने आन्तरिक संकट से जूझ रहा है, वहाँ राजनीतिक अस्थिरता बनी हुई है। 27 नवम्बर, 2011 को तत्कालीन वित्तमंत्री श्री प्रणब मुखर्जी ने नेपाल की यात्रा की। यात्रा के दौरान उन्होंने डॉ० रामबरन यादव, राष्ट्रपति तथा बाबूराम भट्टराई, प्रधानमंत्री से मुलाकात की। अपने नेपाली प्रतिरूप श्री बरसामन पुन से उन्होंने द्विपक्षीय सलाह की जहाँ उन्होंने द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग की समीक्षा की तथा दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों का विस्तार करने के उपायों पर चर्चा की। नेपाल के प्रधानमंत्री की उपस्थिति में वित्तमंत्री ने संशोधित डबल टैक्सेशन एवायडेंस एग्रीमेंट (डीटीएए) पर हस्ताक्षर किए। भारत एवं नेपाल के सांसदों के मध्य परस्पर संपर्क बढ़ाने तथा बेहतर समझ एवं मित्रता का विकास करने के लिए 26-29 मार्च, 2011 को 6 युवा भारतीय सांसदों के दल ने नेपाल की यात्रा की। 7-13 अगस्त, 2011 के दौरान नेपाल के 15 महिला संविधान सभा सदस्यों/सांसदों ने भारत की यात्रा की। भारत नेपाल का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार तथा विदेशी निवेश का सबसे बड़ा स्रोत एवं पर्यटकों का हब रहा है। वर्तमान में भारत-नेपाल आर्थिक सहयोग कार्यक्रम के तहत छोटे तथा बड़े लगभग 400 प्रोजेक्ट चल रहे हैं। नेपाल के आर्थिक विकास में सहयोग करने तथा नेपाल के तराई क्षेत्र में विकास की सुविधा प्रदान करने की दृष्टि से, भारत नेपाल को भारत से जुड़े उसके सीमावर्ती क्षेत्रों में समेकित चेक पोस्टों का विकास, क्रास बार्डर रेल लिंक तथा तराई क्षेत्र में फीडर रोड तथा पाश्विक सड़कों के विकास के जरिए आधारभूत संरचना का विकास करने में सहायता प्रदान कर रहा है।

2. श्रीलंका-
श्रीलंका एवं भारत के सम्बन्ध प्राचीनकाल से ही मैत्रीपूर्ण एवं घनिष्ठ रहे हैं। सन् 1984 ई० में तमिल लोगों की समस्या को लेकर श्रीलंका सरकार का दृष्टिकोण भारत-श्रीलंका सम्बन्धों पर विपरीत प्रभाव डाल रहा था, परन्तु सन् 1988 ई० में कोलम्बो समझौते के बाद दोनों देशों के बीच सम्बन्ध अब सौहार्दपूर्ण हो गए हैं।

3. म्यांमार (बर्मा)- म्यांमार एवं भारत के सम्बन्ध मैत्रीपूर्ण हैं। दोनों देशों में स्थल-सीमा के निर्धारण हेतु एक समझौता हो चुका है और दोनों देश गुट-निरपेक्ष नीति के समर्थक हैं। सभ्यतापरक जुड़ावों, भौगोलिक सामीप्य, संस्कृति, इतिहास तथा धर्म के सम्बन्धों से जुड़े भारत तथा म्यांमार के बीच काफी निकट सम्बन्ध रहे हैं। भारत तथा म्यांमार परस्पर 1600 किमी से अधिक की थल सीमा एवं बंगाल की खाड़ी की समुद्री सीमा साझा करते हैं। भारतीय मूल की एक बड़ी जनसंख्या (अनुमानतः 2.5 मिलियन) म्यांमार में निवास करती है। भारत तथा म्यांमार के सम्बन्धों में संतोषजनक वृद्धि एवं विविधता आई है तथा पिछले वर्ष इसमें बढ़ी हुई गति देखी गई। इस दौरान अक्टूबर, 2011 में म्यांमार के राष्ट्रपति की भारत यात्रा, विदेश मंत्री की जून, 2011 में म्यांमार यात्रा तथा म्यांमार के विदेश मंत्री की जनवरी, 2012 में यात्रा शामिल है। वर्ष 2011-12 को म्यांमार के राजनीतिक ढाँचे के बदलाव के रूप में चिह्नित किया गया, क्योंकि इस दौरान संसदीय प्रजातन्त्र ढाँचे को ग्रहण किया गया। एक विस्तृत तथा व्यापक आधारित तरीके से प्रजातन्त्र में परिवर्तित होने के म्यांमार के प्रयासों को भारत ने निरन्तर सहयोग दिया है।

4. भूटान- 
भारत-भूटान सम्बन्ध प्रारम्भ से ही मैत्रीपूर्ण रहे हैं। भारत प्रतिवर्ष भूटान को आर्थिक सहायता प्रदान करता है। अगस्त, 2011 में नई दिल्ली में आयोजित भारत-भूटान द्विपक्षीय व्यापार वार्ता में भारत ने भूटान के निवेदन पर सहमति जताते हुए डालू एवं घासूपारा लैन्ड कस्टम स्टेशनों का उपयोग भूटानी कार्यों के लिए तथा चार अतिरिक्त प्रवेश/निकास बिन्दु के नोटिफिकेशन पर सहमति । दी। 68 प्रमुख सामाजिक आर्थिक सेक्टर प्रोजेक्ट; यथा–कृषि, सूचना एवं संचार तकनीक (आईसीटी), मीडिया, स्वास्थ्य, शिक्षा, ऊर्जा, संस्कृति तथा आधारभूत संरचना में भारत द्वारा सहायता प्रदान की जा रही है। लघु विकास प्रोजेक्ट (एसडीपी) के अंतर्गत देश के 20 जिलों एवं 205 ब्लाकों में 1900 प्रोजेक्टों के लिए भारत द्वारा भूटान को अनुदान दिया जा रहा है। पुनतसांगचू-1 हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट (एचईपी) पूर्ण गति पर है तथा पुनतसांगचू-2 तथा मांगदेचू हाइड्रो इलेक्टूिड प्रोजेक्ट भी बेहतर तरीके से प्रगति पर है। इस प्रकार दोनों देश भूटान में वर्ष 2020 तक लगभग 10,000 मेगावाट बिजली के संयुक्त उत्पादन के लक्ष्य के करीब हैं, जिसका निर्यात भारत को किया जा सकेगा।

5, पाकिस्तान– पिछली शताब्दी में भारत तथा पाकिस्तान के बीच सम्बन्धों में काफी कटुता रही है, कई मुद्दों की गम्भीरता भी दोनों देशों को आपसी टकराव के कारण झेलनी पड़ी। लेकिन इक्कीसवीं सदी के प्रारम्भ होने पर इन देशों के नेताओं तथा सामान्य जनता ने भी सुधार लाने का प्रयत्न किया। प्रधानमन्त्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में वाजपेयी व मुशर्रफ के बीच अनेक वार्ताएँ सौहार्दपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुईं। श्री मनमोहन सिंह की सरकार में पर-राष्ट्र मन्त्रालय के स्तर पर भी विदेश सेवा के उच्च अधिकारियों ने दोनों देशों के बीच सम्बन्धों को सामान्य बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की है। वीजा’ की शर्तों को अब कुछ आसान कर दिया गया है। दोनों देशों को उच्चायोगों के कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि करने की भी छूट दी गई है। पाकिस्तान की जेलों में कैद अनेक भारतीय मछुआरों को उच्च हस्तक्षेप के परिणामस्वरूप रिहा कर दिया गया है। भूटान के नगर थिम्पू में हुए सार्क सम्मेलन में भारत-पाकिस्तान के प्रधानमन्त्रियों के बीच अनेक मुद्दों पर वार्ता हुई। इन सब बिन्दुओं को देखते हुए कहा जा सकता है कि भविष्य में दोनों देशों के मध्य विवादित पहलू समाप्त हो जाएँगे तथा सहयोग और मैत्री का नया आयाम विकसित होगा।

6. बांग्लादेश- 
बांग्लादेश के गठन में भारत की पूर्व प्रधानमन्त्री श्रीमती इन्दिरा गांधी ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। सन् 1972 ई० में ‘शान्ति व मैत्री सन्धि’ होने से दोनों देशों के सम्बन्ध मैत्रीपूर्ण दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी को प्रदान किए गए बांग्लादेश फ्रीडम एवार्ड को स्वीकार करने यूपीए अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी ने 24-25 जुलाई, 2011 को ढाका की यात्रा की। सेंट्रल त्रिपुरा विश्वविद्यालय द्वारा प्रदत्त मानद डी० लिट् पुरस्कार को प्राप्त करने के लिए बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने 11-12 जनवरी, 2012 को त्रिपुरा की यात्रा की। दोनों देशों के बीच मित्रतापूर्ण एवं गतिपूर्ण द्विपक्षीय सहयोग के निष्कर्ष के रूप में दो ऐतिहासिक समझौते एवं आठ अन्य द्विपक्षीय दस्तावेजों पर भारतीय प्रधानमंत्री की बांग्लादेश यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए गए। इसमें शामिल है सहयोग एवं विकास पर एक लैंडमार्क तथ अग्रदर्शी समझौता जो परस्पर शान्ति, समृद्धि तथा स्थायित्व हासिल करने के लिए एक टिकाऊ तथा दीर्घकालीन सहयोग के साझा विजन को रेखांकित करता है तथा 1974 समझौते के प्रोटोकॉल को भी रेखांकित करता है जो भारत-बांग्लादेश की थल सीमा के निर्धारण से सम्बन्धित है। प्रोटोकॉल 1974 के बल सीमा समझौते के तीन लंबित मुद्दों के हल होने को राह दिखलाता है, जो हैं- (i) अनिर्धारित थल सीमा सेगमेन्ट, (ii) एनक्लेव का आदान-प्रदान तथा (iii) प्रतिकूल कब्जे का निपटारा। भारत तथा बांग्लादेश में संयुक्त रूप में रवीन्द्रनाथ टैगोर की 150वीं जन्म वर्षगाँठ मनाया जाना दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को प्रदर्शित करता है। संयुक्त समारोह के उद्घाटन समारोह के लिए भारत के उपराष्ट्रपति श्री एम० हामिद अंसारी ने 5-6 मई, 2011 को ढाका की यात्रा की। पूरे वर्ष के दौरान कलाकारों एवं सांस्कृतिक दलों का आदान-प्रदान जारी रहा।


7. अफगानिस्तान- 
अफगानिस्तान एवं भारत के बीच व्यापारिक, सांस्कृतिक व तकनीकी सम्बन्ध स्थापित हुए हैं। हामिद करजाई अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हैं। वे उच्च अध्ययन के लिए भारत में कुछ वर्ष व्यतीत कर चुके हैं। भारत के अफगानिस्तान से काफी मधुर सम्बन्ध हैं। भारत नवनिर्माण के लिए अफगानिस्तान को प्राथमिकता के आधार पर आर्थिक सहायता उपलब्ध करा रहा है। पुलों आदि के निर्माण में भी भारत ने अफगानिस्तान को तकनीकी विशेषज्ञ तथा इंजीनियरों का दल उपलब्ध कराया है। अक्टूबर, 2011 में राष्ट्रपति करजई की यात्रा के दौरान भारत तथा अफगानिस्तान ने सामरिक भागीदारी पर एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किये। समझौते में दोनों देशों के बीच एक मजबूत, जोशपूर्ण तथा बहुमुखी सम्बन्धों पर जोर दिया गया है।

8. चीन- 
भारत-चीन सम्बन्ध वर्तमान में सामान्य और मधुर हैं, किन्तु इन सम्बन्धों को बहुत अधिक मधुर और मित्रतापूर्ण इसलिए नहीं कहा जा सकता क्योंकि भारत-चीन सीमा विवाद बहुत पुराना है। और उसे सुलझाने की दिशा में चीन की ओर से कभी गम्भीर प्रयास नहीं किए गए। भारत के सीमावर्ती राज्य अरुणाचल प्रदेश में भी चीन ने कुछ क्षेत्र अपना बताकर उस पर कब्जा कर लिया है। भारत द्वारा बार-बार विरोध व्यक्त किए जाने के बाद भी चीन की ओर से कोई निर्णयात्मक सहयोग नहीं मिल पा रहा है। वर्ष 2010 में भारत गणराज्य तथा चीन के बीच कूटनीतिक सम्बन्धों की स्थापना के 60 वर्ष पूरे हुए। वर्ष 2011 को भारत-चीन आदान-प्रदान वर्ष के रूप में मनाया गया तथा इस दौरान विशेषकर राज्य/प्रांत स्तर पर दोनों राष्ट्रों के बीच बढ़े हुए आदान-प्रदान देखे गये। दोनों देशों के मध्य नियमित उच्च स्तरीय राजनीतिक संपर्क की गति देखी गयी।

बीआरआईसीएस सम्मेलन के दौरान अप्रैल 2011 में सान्या, चीन में भारतीय प्रधानमंत्री डॉ० मनमोहन सिंह ने चीन के राष्ट्रपति श्री हू जिन्ताओ से मुलाकात की। पूर्वी एशिया सम्मेलन के दौरान बाली, इंडोनेशिया में नवंबर, 2011 में उन्होंने चीनी प्रमुख श्री वेन जिआबाओ से मुलाकात की। सघन वार्ता ढाँचे के अंतर्गत महत्त्वपूर्ण द्विपक्षीय, क्षेत्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर दोनों पक्षों ने परस्पर आदान-प्रदान किया। दोनों देशों के मध्य व्यापार तथा आर्थिक संबंध में व्यापार विस्तार हुआ तथा एक सामरिक आर्थिक संवाद (एसईडी) का प्रारम्भ कर इस सम्बन्ध को और गहरा किया गया। एसईडी की पहली बैठक चीन में सितम्बर, 2011 में हुई। दोनों पक्ष सभी लंबित मुद्दों जिसमें भारत-चीन सीमा प्रश्न भी शामिल है, को एक शान्तिपूर्ण बातचीत से हल करने की प्रतिबद्धता जताई। नई दिल्ली में जनवरी, 2012 में भारत-चीन सीमा प्रश्न पर विशेष प्रतिनिधियों की वार्ता का 15वाँ चक्र सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर भारत-चीन सीमा मामले पर सलाह एवं समन्वय हेतु एक कार्यकारी तन्त्र की स्थापना परे समझौता हुआ।

उपर्युक्त विवरण के आधार पर कहा जा सकता है कि भारत ने सदैव अपने पड़ेसी देशों की सम्प्रभुता तथा अखण्डता का सम्मान किया है तथा किसी भी राज्य के आन्तरिक मामलों में कोई हस्तक्षेप नहीं किया है। अपनी सुदृढ़ तथा शक्तिशाली सैन्य शक्ति होने पर भी भारत ने कभी भी अपने पड़ोसी राज्यों पर आक्रमण नहीं किया है, वरन् उनके साथ मैत्रीपूर्ण सम्बन्धों की स्थापना का प्रयास किया है। भारत ने अपने पड़ोसी राज्यों की विकास योजनाओं में आर्थिक सहयोग भी प्रदान किया है।

प्रश्न 2.
सार्क क्या है ? इसके कितने सदस्य देश हैं ? इसका सचिवालय कहाँ है ? [2012]
या
दक्षेस के सदस्य देशों के नाम बताइए। इसके गठन के उद्देश्यों पर प्रकाश डालिए। [2013]
या

दक्षेस (सार्क) की स्थापना कब और कहाँ हुई ? इसके किन्हीं दो उद्देश्यों को लिखिए। [2013, 18]
या

सार्क से आप क्या समझते हैं ? इसके प्रमुख उद्देश्यों का वर्णन कीजिए। [2015, 16]
या

सार्क के चार्टर में उल्लिखित किन्हीं तीन सिद्धान्तों का उल्लेख कीजिए। [2016]
या

दक्षेस का मुख्य न्यायालय कहाँ है? इसके सदस्य देशों के नाम लिखिए। इसके मुख्य उददेश्य क्या हैं? [2017]
या

दक्षेस की स्थापना व उद्देश्यों का वर्णन कीजिए। [2017]
उत्तर :
सार्क (SAARC: South Asian Association for Regional Co-operation) विश्व का नवीनतम अन्तर्राष्ट्रीय संगठन है। हिन्दी में यह ‘दक्षेस’ (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन) कहलाता है। इस संगठन की स्थापना 8 दिसम्बर, 1985 ई० को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में दो-दिवसीय अधिवेशन में हुई। यह दक्षिण एशिया के आठ देशों को एक क्षेत्रीय संगठन है। इस संगठन के देश-भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, भूटान, मालदीव और अफगानिस्तान हैं। सार्क ने इस क्षेत्र में आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक विकास में तेजी लाने और अखण्डता का सम्मान करते हुए परस्पर सहयोग से सामूहिक आत्मनिर्भरता में वृद्धि करने का लक्ष्य निर्धारित किया।

सार्क के सभी सदस्य देशों की भू अथवा समुद्री सीमाएँ भारत से मिलती हैं। वैसे तो राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व में देशों के अनेक संगठन हैं; किन्तु दक्षिण एशिया के इन आठ देशों के क्षेत्रीय सहयोग पर आधारित इस संगठन का अपना ही महत्त्व है। पिछले कुछ वर्षों में इन देशों में परस्पर अविश्वास का जो माहौल बन गया है, . इस संगठन द्वारा उसे दूर करने में मदद मिलेगी। सार्क संगठन आठ देशों का एक परिवार है।
सार्क संगठन का मुख्य सचिवालय (प्रधान कार्यालय) नेपाल की राजधानी काठमाण्डू में है।
सार्क के चार्टर के अनुच्छेद 2 में इसके निम्नलिखित सिद्धान्तों का उल्लेख किया गया है

  • सदस्य राष्ट्र एक-दूसरे के आन्तरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे।
  • संगठम के ढाँचे के अन्तर्गत सहयोग, प्रभुसत्तासम्पन्न, क्षेत्रीय अखण्डता, राजनीतिक स्वतन्त्रता, दूसरे देशों के आन्तरिक मामलों में हस्तक्षेप न करना तथा आपसी हित के सिद्धान्तों का आदर करना।
  • यह सहयोग द्विपक्षीय या बहुपक्षीय सहयोग की अन्य किसी स्थिति का स्थान नहीं लेगा, वरन् परस्पर पूरक होगा।

सार्क के चार्टर में 10 अनुच्छेद हैं, जिनमें सार्क के उद्देश्यों, सिद्धान्तों तथा वित्तीय व्यवस्थाओं का उल्लेख किया गया है। चार्टर के अनुच्छेद 1 में सार्क के निम्नलिखित उद्देश्य बताये गये हैं

  • दक्षिण एशियाई क्षेत्र में निवास करने वाली जनता के कल्याण तथा उनके जीवन-स्तर को ऊँचा उठाने का प्रयत्न करना।
  • दक्षिण एशियाई राष्ट्रों की सामूहिक आत्मनिर्भरता में वृद्धि करना।
  • दक्षिण एशियाई क्षेत्र के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास को प्रोत्साहित करना।
  • दक्षिण एशियाई राष्ट्रों में आपसी विश्वास, दूरदर्शिता तथा एक-दूसरे की समस्याओं के प्रति सहानुभूति की भावना उत्पन्न करना।
  • सदस्य राष्ट्रों में आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, तकनीकी और वैज्ञानिक क्षेत्र में सक्रिय सहयोग और पारस्परिक सहायता में अभिवृद्धि करना।
  • अन्य विकासशील देशों के साथ सहयोग में वृद्धि करना।
  • सामान्य हित के मामलों पर अन्तर्राष्ट्रीय मंचों पर आपसी सहयोग को अभिव्यक्त करना।

प्रश्न 3.
दक्षेस की उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर :
दक्षिण एशियाई क्षेत्र में इस संगठन का बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान रहा। इसे इस क्षेत्र के इतिहास में ‘नयी सुबह की शुरुआत कहा जा सकता है। भूटान नरेश ने तो इसे सामूहिक बुद्धिमत्ता और राजनीतिक इच्छाशक्ति का परिणाम बताया है, किन्तु व्यवहार में इस संगठन की सार्थकता कम होती जा रही है। सार्क ने पिछले दस वर्षों में एक ही ठोस काम किया है और वह है-खाद्य कोष बनाना। कृषि, शिक्षा, संस्कृति, पर्यावरण आदि 12 क्षेत्रों में सहयोग के लिए सार्क के देश सिद्धान्ततः सहमत हैं।

सार्क, सदस्य राष्ट्रों के आपसी सहयोग में वृद्धि करने की दिशा में पहला सशक्त प्रयास है। अत: सार्क की स्थापना का मूल उद्देश्य इन राष्ट्रों के पारस्परिक सम्बन्धों को सामान्य बनाना है, जिसके लिए आर्थिक और सांस्कृतिक सहयोग अति आवश्यक है। सार्क ने नशीले पदार्थों की तस्करी पर रोक, आतंकवाद का विरोध, जनसंख्या पर नियन्त्रण, निरशस्त्रीकरण आदि विषयों पर प्रभावकारी कार्य सम्पादित किया है और सदस्य राष्ट्रों के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक वृद्धि में भी सहायता दी है। गरीबी उन्मूलन, पर्यावरण, गुट-निरपेक्षता आदि प्रश्नों पर भी सार्क के सदस्य राष्ट्रों ने गम्भीरतापूर्वक विचार-विमर्श किया है। सार्क देशों में भारत प्रमुख और सर्वाधिक शक्तिशाली देश है। इसलिए कुछ सार्क देश यह समझने लगे कि भारत इस क्षेत्र में अपनी चौधराहट स्थापित करना चाहता है, जब कि भारत का उद्देश्य तो मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध स्थापित करना है। इसके बावजूद भारत के बांग्लादेश, नेपाल व श्रीलंका के साथ सम्बन्धों में दरार आ गयी। पाकिस्तान तो भारत के विरुद्ध विष उगलने लगा है। इसके अतिरिक्त सदस्य देशों की शासन-प्रणालियों और नीतियों में भिन्नता तथा द्विपक्षीय व विवादास्पद मामलों की छाया ने भी इस संगठन को निर्बल बनाये रखा है। इन कारणों और परस्पर अविश्वास के आधार पर यह संगठन केवल सैद्धान्तिक ढाँचा मात्र रह गया है, इसका कोई व्यावहारिक महत्त्व बने रहना सम्भव नहीं।

लघ उतरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत-मालदीव के पारस्परिक सम्बन्धों पर एक टिप्पणी लिखिए।
उत्तर :
भारत और मालदीव ने आधिकारिक तौर पर और सौहार्दपूर्ण ढंग से 1976 में अपनी समुद्री सीमा का फैसला किया है। हालाँकि एक मामूली राजनयिक घटना 1982 में हुई जब मालदीव के राष्ट्रपति मॉमून अब्दुल गयूम के भाई ने यह घोषणा की कि पड़ोसी मिनीकॉय द्वीप जो भारत के अधिकार क्षेत्र में था, मालदीव का एक हिस्सा है। मालदीव ने जल्दी और आधिकारिक तौर पर इस द्वीप पर अपने दावे से इन्कार किया। भारत और मालदीव ने 1981 में एक व्यापक व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए। दोनों ही देश क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के लिए दक्षिण एशियाई एसोसिएशन के संस्थापक हैं। इन दोनों देशों ने दक्षिण एशियाई आर्थिक संघ और दक्षिण एशिया मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर भी किए हैं। भारत और | मालदीव के नेताओं ने क्षेत्रीय मुद्दों पर उच्चस्तरीय संपर्क और विचार-विमर्श को बनाए रखा है।

प्रश्न 2.
अब तक आयोजित दक्षेस शिखर सम्मेलनों की सूची प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर :
UP Board Solutions for Class 10 Social Science Chapter 8 (Section 2)


प्रश्न 3.
भारत की पूर्वी सीमा पर स्थित दो पड़ोसी देशों के नाम लिखिए। भारत का उनसे सम्बन्ध समझाकर लिखिए। [2014]
             या
भारत की पूर्वी सीमा के निकट चार पड़ोसी देशों के नाम लिखिए। [2016]
उत्तर :
भारत की पूर्वी सीमा पर चीन, म्यांमार, भूटान तथा बांग्लादेश स्थित हैं। [संकेत-भारत के इन देशों से सम्बन्ध के लिए विस्तृत उत्तरीय प्रश्न संख्या 1 का उत्तर देखें।

प्रश्न 4.
सार्क के सदस्य देश कितने हैं? उसका मुख्यालय कहाँ पर है? [2014]
उत्तर :
सार्क के सदस्य देश आठ हैं–भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, भूटान, मालदीव और अफगानिस्तान। इसका मुख्यालय काठमाण्डू (नेपाल) में है।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत और पाकिस्तान के मध्य तनाव का मुख्य कारण क्या है ?
उत्तर :
भारत और पाकिस्तान के मध्य ‘कश्मीर-समस्या’ तनाव का प्रमुख कारण है।

प्रश्न 2.
बांग्लादेश की स्थापना में किस देश का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा ?
उत्तर :
बांग्लादेश की स्थापना में भारत का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा।

प्रश्न 3.
भारत-पाकिस्तान के बीच ताशकन्द समझौता कब हुआ ?
उत्तर :
भारत-पाकिस्तान के बीच ताशकन्द समझौता सन् 1966 ई० में हुआ।

प्रश्न 4.
भारत-पाकिस्तान के बीच शिमला समझौता कब हुआ ?
उत्तर :
भारत-पाकिस्तान के बीच शिमला समझौता सन् 1971 ई० में हुआ।

प्रश्न 5.
दक्षेस का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर :
दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC : South Asian Association for Regional Co-operation)।

प्रश्न 6.
दक्षेस का पन्द्रहवाँ शिखर सम्मेलन कहाँ हुआ ?
उत्तर :
दक्षेस का पन्द्रहवाँ शिखर सम्मेलन अप्रैल, 2008 ई० में कोलम्बो (श्रीलंका) में हुआ था।

प्रश्न 7.
दक्षेस (सार्क) संगठन के सदस्य देश कौन-कौन से हैं ?
उत्तर :
दक्षेस (सार्क) संगठन के सदस्य देश भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, श्रीलंका और मालदीव हैं। (वर्तमान में अफगानिस्तान भी इसका सदस्य है। इस प्रकार, इसके सदस्य देशों की संख्या आठ है।)

प्रश्न 8.
उन दो देशों के नाम लिखिए जिनकी सीमाएँ भारत की उत्तरी सीमा को स्पर्श करती हैं। [2012]
             या
भारत के किन्हीं दो पड़ोसी देशों के नाम लिखिए। [2015, 16]
उत्तर :

  • नेपाल तथा
  • चीन।

प्रश्न 9.
सार्क का सचिवालय कहाँ और किस देश में स्थित है ? [2013]
उत्तर :
सार्क का सचिवालय काठमाण्डू (नेपाल) में स्थित है।

प्रश्न 10.
भारत और श्रीलंका के मध्य मुख्य विवाद किस बिन्दु पर है? [2014]
उत्तर :
भारत और श्रीलंका के मध्य मुख्य विवाद का कारण मछुआरों द्वारा समुद्री सीमा का उल्लंघन करना है जिस पर दोनों ही देश आए दिन कार्यवाही करते हैं और मछुआरों को गिरफ्तार कर लेते हैं।

बहुविकल्पीय

प्रश्न 1. कश्मीर समस्या किन दो देशों के बीच में है?

(क) भारत-चीन में :
(ख) चीन-नेपाल में
(ग) भारत-पाकिस्तान में
(घ) भारत-मालदीव में

2. भारत और बांग्लादेश के बीच शान्ति और मैत्री सन्धि पर हस्ताक्षर हुए|

(क) 1972 ई० में
(ख) 1971 ई० में
(ग) 1950 ई० में
(घ) 1973 ई० में

3. भारत-भूटान मैत्री सन्धि कब हुई?

(क) 1977 ई० में
(ख) 1949 ई० में
(ग) 1950 ई० में
(घ) 1955 ई० में

4. भारत-पाक के बीच शिमला समझौता हुआ

(क) 1972 ई० में
(ख) 1971 ई० में
(ग) 1973 ई० में
(घ) 1970 ई० में

5. ‘सार्क’ का प्रथम शिखर सम्मेलन सम्पन्न हुआ था [2011, 12, 18]

(क) बंगलुरु में
(ख) काठमाण्डू में
(ग) इस्लामाबाद में
(घ) ढाका में

6. बांग्लादेश का जन्म हुआ

(क) 1971 ई० में।
(ख) 1972 ई० में
(ग) 1973 ई० में
(घ) 1970 ई० में

7. दक्षेस की स्थापना हुई

(क) 1985 ई० में।
(ख) 1987 ई० में
(ग) 1988 ई० में।
(घ) 1986 ई० में

8. दक्षेस का 17वाँ शिखर सम्मेलन सम्पन्न हुआ।[2012]

(क) भारत में
(ख) अर्दू में
(ग) नेपाल में
(घ) बांग्लादेश में

9. दक्षेस का 15वाँ शिखर सम्मेलन सम्पन्न हुआ [2013]
              या
दक्षेस ( दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संगठन, सार्क) का पन्द्रहवाँ शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया। [2013]

(क) कोलम्बो में
(ख) माले में
(ग) दिल्ली में
(घ) ढाका में

10. दक्षेस का मुख्यालय स्थित है [2012]

(क) काठमाण्डू में
(ख) ढाका में
(ग) नई दिल्ली में
(घ) कोलम्बो में

11. भारत-पाकिस्तान के बीच दूसरा युद्ध हुआ था [2013]

(क) 1965 ई० में
(ख) 1970 ई० में
(ग) 1971 ई० में
(घ) 1972 ई० में

12. दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) की स्थापना किस वर्ष हुई थी ? [2015, 16]

(क) 1984
(ख) 1985
(ग) 1986
(घ) 1987

13. भारत-पाकिस्तान के बीच शिमला समझौता पर हस्ताक्षर हुए थे [2016]

(क) 1962 ई० में
(ख) 1965 ई० में
(ग) 1972 ई० में
(घ) 1999 ई० में

14. दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) की स्थापन करने में निम्नलिखित में से .. किसने पहल की थी? [2017]

(क) जिया-उर-रहमान (बांग्लादेश),
(ख) मोहम्मद नशीद (मालद्वीप)
(ग) राजीव गाँधी (भारत)
(घ) महिन्द्रा राजपक्षे (श्रीलंका)

15. निम्नलिखित में से कौन राज्य म्यांमार की सीमा रेखा पर स्थित नहीं है? [2018]

(क) नागालैण्ड
(ख) मिजोरम
(ग) मेघालय
(द) अरुणाचल प्रदेश

उत्तरमाला

1. (ग), 2. (क), 3. (ख), 4. (ख), 5. (घ), 6. (क), 7. (क), 8. (ख), 9. (क), 10. (क), 11. (ग), 12. (ख) 13. (ग), 14. (क), 15. (क)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *