UP Board Solutions for Class 10 Commerce Chapter 14 बैंक ; जन्म, परिभाषा, कार्य एवं महत्त्व
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बहुविकल्पीय प्रश्न (1 अंक)
प्रश्न 1.
बैंक एक संस्था है, जो
(a) मुद्रा में लेन-देन करती है
(b) धन का निवेश करती है।
(c) ऋण प्रदान करती है
(d) ये सभी
उत्तर:
(d) ये सभी
प्रश्न 2.
औद्योगिक बैंक निम्नलिखित में से किसके विकास के लिए ऋण प्रदान करते हैं? (2014)
(a) उद्योग
(b) भूमि
(c) ‘a’ और ‘b’ दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(d) उद्योग
प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से कौन-सा बैंक को दायित्व है?
(a) ऋण
(b) निवेश
(c) जमाराशि
(d) भुने तथा खरीदे बिल
उत्तर:
(c) जमाराशि
प्रश्न 4.
बैंक का सामान्य कार्य कौन-सा है?
(a) साधारण ऋण
(b) पत्र-मुद्रा का निर्गमन करना
(c) नकद साख
(d) ऋण के रूप में उधार देना
उत्तर:
(b) पत्र-मुद्रा का निर्गमन करना
निश्चित उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)
प्रश्न 1.
आधुनिक ढंग का बैंक सबसे पहले कहाँ स्थापित हुआ? (2014)
उत्तर:
1401 ई. में स्पेन के बारसिलोना नगर में
प्रश्न 2.
बैंकिंग कम्पनी अधिनियम सन् 1949/1956 में लागू किया गया।
उत्तर:
सन् 1949 में
प्रश्न 3.
आधुनिक अर्थव्यवस्था में बैंक का एक उद्देश्य बताइए।
उत्तर:
बचत की आदत को प्रोत्साहित करना।
प्रश्न 4.
बैंक से चैक/पे-इन-स्लिप द्वारा रोकड़ निकाली जा सकती है। (2007)
उत्तर:
चैक
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक)
प्रश्न 1.
बैंक को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
बैंकिंग नियमन अधिनियम, 1949 की धारा 5(b) के अनुसार, “बैंक उस कम्पनी को कहते हैं, जो बैंकिंग कार्य करती है। बैंकिंग का अर्थ जनता को ऋण देने अथवा विनियोग करने के लिए उन निक्षेपों (जमाओं) को प्राप्त करना है, जो माँगने पर इसका भुगतान चैक, ड्राफ्ट, ऑर्डर अथवा किसी अन्य रूप से करती है।”
प्रश्न 2.
एक बैंक के चार कार्य बताइए। (2017)
उत्तर:
बैंक के कार्य निम्नलिखित हैं
- जमाएँ प्राप्त करना।
- ऋण देना।
- प्रतिभूतियों का क्रय-विक्रय करना।
- साख-पत्रों का निर्गमन करना।
प्रश्न 3.
समाशोधन-गृह को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
प्रो. टॉजिंग के अनुसार, “समाशोधन-गृह (Clearing House) किसी एक स्थान के बैंकों का ऐसा सामान्य संगठन है, जिसका मुख्य उद्देश्य बैंकों द्वारा निर्मित परस्पर दायित्व का चैकों द्वारा निपटारा या भुगतान करना होता है।”
प्रश्न 4.
“बैंकों में जमा धन पूँजी है।” टिप्पणी कीजिए। (2018)
उत्तर:
जब व्यवसायी व्यवसाय आरम्भ करता है, तो वह कुछ धन व्यवसाय के चालू खाते में जमा करता है। इस धन की प्रयोग व्यवसायी आवश्यकता पड़ने पर करता है। अतः हम यह कह सकते हैं कि बैंक में व्यवसायी का जमा धन पूँजी है।
प्रश्न 5.
किन्हीं चार निजी बैंकों के नाम बताइए। (2018)
उत्तर:
चार निजी बैंकों के नाम निम्नलिखित हैं
- आई सी आई सी आई बैंक
- येस बैंक
- एक्सिस बैंक
- एच डी एफ सी बैंक
लघु उत्तरीय प्रश्न (4 अंक)
प्रश्न 1.
नकद साख पर टिप्पणी लिखिए। (2008)
उत्तर:
भारत में बैंकों द्वारा ऋण देने की यह एक महत्त्वपूर्ण विधि है। इसमें बैंक ग्राहक को एक निश्चित मात्रा तक ऋण प्राप्त करने का अधिकार देता है। ग्राहक अपनी सीमा तक बैंक से कभी भी ऋण ले सकता है। बैंक इस प्रकार का ऋण देने के लिए ग्राहक का माल, चल सम्पत्ति या प्रतिभूतियों को जमानत के रूप में अपने पास रखता है तथा बैंक ग्राहक को एक खाता अपने यहाँ खोल देता है। और ऋणी उसमें से अपनी आवश्यकतानुसार लेन-देन करता रहता है। बैंक ग्राहक से उतनी ही राशि पर ब्याज वसूलता है, जितनी राशि ग्राहक बैंक से ऋण के रूप में निकालता है। इस प्रकार यह सुविधा पर्याप्त जमानत के आधार पर दी जाती है। वर्तमान समय में भारत में यह पद्धति लोकप्रिय है।
प्रश्न 2.
बैंक द्वारा साख का सृजन किस प्रकार किया जाता है? (2008)
उत्तर:
बैंक द्वारा साख का सृजन निम्न प्रकार से किया जाता है-
1. नोटों के निर्गमन द्वारा साख का निर्माण बैंक नोटों का निर्गमन करके साख का निर्माण करते हैं। प्रारम्भ में अनेक बैंकों द्वारा नोट निर्गमन की व्यवस्था प्रचलित थी, इसलिए सभी बैंक नोट निर्गमन द्वारा साख सृजन करते थे। किन्तु आधुनिक समय में देश का केन्द्रीय बैंक नोट निर्गमन का कार्य करता है। व्यापारिक बैंकों को नोट निर्गमन का अधिकार नहीं होता है। केन्द्रीय बैंक निश्चित मात्रा में धातुकोष रखकर नोट निर्गमन करता है।
2. विनिमय बिलों की कटौती द्वारा साख सृजन व्यापारिक बैंक विनिमय बिलों, प्रतिज्ञा-पत्रों, हुण्डियों, प्रतिभूतियों, आदि की कटौती एवं क्रय-विक्रय द्वारा भी साख का निर्माण करते हैं।
3. नकद जमा तथा साख जमा द्वारा साख निर्माण व्यापारिक बैंक नकद जमाओं एवं साख जमाओं के द्वारा भी साख का निर्माण करते हैं। बैंक अपने पास जमा राशि से ऋण देते हैं और जमाएँ उत्पन्न करते हैं।
4. अधिविकर्ष सुविधा द्वारा बैंक द्वारा अच्छी साख वाले एवं विश्वसनीय ग्राहकों को अधिविकर्ष की सुविधा दी जाती है। इस सुविधा के अन्तर्गत अधिविकर्ष की राशि पर निकाली गई अवधि तक का ब्याज लिया जाता है। इस आधार पर भी बैंक साख का सृजन करते हैं।
प्रश्न 3.
आधुनिक अर्थव्यवस्था में बैंकों का महत्त्व बताइए। (2008)
उत्तर:
आधुनिक अर्थव्यवस्था में बैंकों का महत्त्व बैंक आधुनिक अर्थव्यवस्था का आधार है। किसी भी देश की व्यापारिक अथवा औद्योगिक समृद्धि सुदृढ़ बैंकिंग व्यवस्था पर ही निर्भर करती है। आधुनिक अर्थव्यवस्था में बैंक के महत्त्व अथवा लाभ को निम्नलिखित बिन्दुओं से स्पष्ट किया जा सकता है
- आधुनिक अर्थव्यवस्था में बैंक का मुख्य उद्देश्य बचत की आदत को प्रोत्साहित करना होता है।
- बैंक लोगों की छोटी-छोटी बचतों को जमा करके देश में पूँजी का निर्माण करते हैं।
- बैंक द्वारा चैक व ड्राफ्ट के माध्यम से भुगतान शीघ्रता व सरलता से किया जा सकता है।
- बैंक किसानों को कृषि यन्त्र, खाद, बीज, आदि खरीदने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करके देश के विकास में योगदान देते हैं।
- बैंक साख की मात्रा में कमी या वृद्धि करके मुद्रा की पूर्ति को सन्तुलित बनाए रखते हैं।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (8 अंक)
प्रश्न 1.
बैंक की परिभाषा दीजिए। बैंक के प्रमुख कार्यों का भी वर्णन कीजिए। (2007,06)
अथवी
बैंक के कार्यों को संक्षेप में समझाइए। (2012, 07)
उत्तर:
बैंक का अर्थ बैंक से तात्पर्य उस संस्था से है, जो जनता से जमा के रूप में धन प्राप्त करती है और ऋण के रूप में अथवा जमाकर्ताओं की माँग पर धन उधार देती है। इस प्रकार बैंक वे संस्थाएँ हैं, जो धन का लेन-देन करती हैं। आधुनिक युग में बैंकिंग विकास के साथ-साथ बैंकों के कार्यों में भी वृद्धि हुई है। बैंकिंग नियमन अधिनियम, 1949 की धारा 5(b) के अनुसार, “बैंक उस कम्पनी को कहते हैं, जो बैंकिंग कार्य करती है। बैंकिंग का अर्थ जनता को ऋण देने अथवा विनियोग करने के लिए उन निक्षेपों (जमाओं) को प्राप्त करना है, जो माँगने पर इसका भुगतान चैक, ड्राफ्ट, ऑर्डर अथवा किसी अन्य रूप से करती है।” वेब्सटर शब्दकोश के अनुसार, “बैंक वह संस्था है, जो मुद्रा में व्यवसाय करती है। यह एक संस्थान है, जहाँ धन का संग्रहण, संरक्षण एवं निर्गमन होता है, ऋण की तथा बिलों की कटौती की सुविधाएँ दी जाती हैं और मुद्रा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने की व्यवस्था की जाती है।”
बैंक की सेवाएँ या कार्य मुख्य रूप से बैंक के कार्यों को निम्नलिखित भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है-
I. मुख्य कार्य बैंक द्वारा किए जाने वाले मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं-
1. जमा के रूप में धन प्राप्त करना बैंक जनता से विभिन्न प्रकार के खातों के माध्यम से धन प्राप्त करने का महत्त्वपूर्ण कार्य करता है। बैंक मुख्य रूप से चालू खाता, बचत खाता, सावधि निक्षेप खाता, आवर्ती जमा खाता, आदि खातों के माध्यम से धन प्राप्त करता है।
2. ऋण के रूप में धन उधार देना बैंक का दूसरा प्रमुख कार्य जनता को धन उधार देना है। बैंक अपने पास जमा कुल धनराशि का एक निश्चित भाग नकद कोष में रखकर शेष धनराशि को उधार देता है। ऋण देते समय बैंक व्यक्ति की आवश्यकता, साख वे जमानत का भी ध्यान रखता है। यह निम्नलिखित प्रकार से ऋण प्रदान करता है
- साधारण ऋण इस प्रकार का ऋण जमानत मिलने पर एक निश्चित समयावधि के लिए दिया जाता है। साधारण ऋण (Simple Loan) पर ब्याज उसी दिन से प्रारम्भ हो जाती है, जिस दिन से ग्राहक के खाते में ऋण राशि जमा की जाती है।
- अधिविकर्ष बैंक अपने विश्वसनीय ग्राहकों को उनके खाते में जमा धनराशि से भी अधिक धनराशि निकालने की सुविधा देता है, जिसे अधिविकर्ष (Overdraft) कहते हैं।
- नकद साख बैंक चल अथवा अचल सम्पत्ति की जमानत पर एक निश्चित मात्रा में ग्राहक को ऋण लेने का अधिकार प्रदान करता है। बैंक इस धनराशि पर ब्याज भी वसूल करता है।
- विनिमय-विपत्रों को भुनाना बैंक विनिमय-विपत्रों, हुण्डियों और व्यापारिक विपत्रों को बट्टे पर भुनाकर भी अल्पकाल के लिए ऋण देता है विनिमय-विपत्रों को भुनाने में (Discounting of Bills of Exchange) बैंक मितीकाटा ब्याज लेता है।
II. सामान्य बैंकिंग कार्य बैंक के सामान्य कार्य निम्नलिखित हैं
- साख-पत्रों का निर्गमन बैंक ग्राहकों के लिए बैंक ड्राफ्ट, यात्री चैक, हुण्डी व साख-पत्र, आदि के निर्गमन की सुविधा देता है, जिससे वर्तमान समय में धनराशि एक स्थान से दूसरे स्थान पर सरलतापूर्वक भेजी जा सकती है।
- पत्र-मुद्रा का निर्गमन बैंक द्वारा पत्र-मुद्रा का निर्गमन भी किया जाता है। यह कार्य वर्तमान में रिज़र्व बैंक ही करता है।
- विदेशी विनिमय का क्रय-विक्रय बैंक ग्राहकों की सुविधा के लिए विदेशी मुद्रा भी उपलब्ध करवाता है।
III. एजेन्सी सम्बन्धी कार्य बैंक के एजेन्सी सम्बन्धी कार्य निम्नलिखित हैं
- ग्राहक की ओर से भुगतान करना ब्याज, बीमा किस्त व ऋण, आदि का भुगतान भी बैंक द्वारा ग्राहक की ओर से किया जाता है।
- अभिगोपन का कार्य करना बैंक औद्योगिक एवं व्यापारिक इकाइयों के अंश एवं ऋणपत्रों के अभिगोपन का कार्य भी करते हैं।
- ग्राहकों की ओर से भुगतान संग्रह करना बैंक अपने ग्राहक के लिए किराया, ब्याज, ऋण की किस्त, आदि की वसूली का कार्य भी करते हैं।
- प्रतिभूतियों का क्रय-विक्रय करना बैंक अपने ग्राहक की ओर से उसके आदेशानुसार प्रतिभूतियों के क्रय-विक्रय का कार्य भी करते हैं। बैंक अपने ग्राहक के लिए चैक, बिल व हुण्डी, आदि की वसूली का कार्य भी करते हैं।
- धन का स्थानान्तरण बैंक अपने ग्राहकों के लिए धन के स्थानान्तरण की सुविधा एक स्थान से दूसरे स्थान पर उचित माध्यम से शीघ्र व सस्ते माध्यम से प्रदान करता है।
IV. अन्य कार्य बैंक द्वारा किए जाने वाले अन्य कार्य निम्नलिखित हैं
- समाशोधन-गृह का कार्य करना बैंक अपने ग्राहकों की सुविधा के लिए समाशोधन-गृह का कार्य भी करता है।
- सरकार को आर्थिक सहायता देना बैंक सरकार को आवश्यकता होने पर ऋण प्रदान करते हैं।
- व्यापारिक आँकड़ों का प्रकाशन बैंक व्यापार एवं उद्योगों से सम्बन्धित आँकड़ों का प्रकाशन करते हैं।
- बहुमूल्य वस्तुओं की सुरक्षा बैंक ग्राहकों को लॉकर्स की सुविधा प्रदान करके उनकी बहुमूल्य वस्तुओं की सुरक्षा करते हैं।
- व्यापारिक सूचना प्रदान करना बैंक अनेक आवश्यक सूचनाएँ अपने ग्राहकों तक पहुँचाकर उनकी व्यापार वृद्धि में सहायता करते हैं।
प्रश्न 2.
समाशोधन-गृह से आप क्या समझते हैं? समाशोधन-गृह के गुण व दोषों को बताइए। (2015)
उत्तर:
समाशोधन-गृह से आशय समाशोधन-गृह का तात्पर्य उस संस्था से है, जो बैंकों को पारस्परिक लेन-देन की सुविधा प्रदान करती है। यह एक बड़ा बैंक होता है, जो अनेक बैंकों के पारस्परिक लेन-देन को लेखा करता है, जिससे लेन-देन में कम-से-कम नकद मुद्रा का प्रयोग होता है, इन्हें ‘निकासी-गृह’ (Clearing House) भी कहा जाता है। प्रो. टॉजिंग के अनुसार, “समाशोधन-गृह किसी एक स्थान के बैंकों का एक ऐसा सामान्य संगठन है, जिसका मुख्य उद्देश्य बैंकों द्वारा निर्मित परस्पर दायित्व का चैकों द्वारा निपटारा या भुगतान करना होता है।”
समाशोधन-गृह के गुण या लाभ समाशोधन-गृह के लाभ/गुण निम्नलिखिते हैं-
- बैंकों की कार्यक्षमता में वृद्धि समाशोधन-गृह के कारण बैंकों के समय व व्यय में कमी आती है, जिससे बैंकों की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है।
- जोखिम से मुक्ति इनके उपलब्ध होने के कारण धन को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाने व ले जाने का जोखिम समाप्त हो जाता है।
- भुगतान में सुविधा इनकी सहायता से बैंकों के पारस्परिक भुगतान शीघ्र व सरलता से किए जा सकते हैं।
- नकद कोष में कमी इनके कारण बैंकों को अधिक मात्रा में नकद कोष रखने की आवश्यकता नहीं होती है।
- बैंकों के पारस्परिक सहयोग में वृद्धि समाशोधन-गृहों से बैंकों के पारस्परिक सहयोग की भावना में वृद्धि होती है।
- मुद्रा के उपयोग में मितव्ययिता समाशोधन-गृह के कारण बैंकों के आपसी लेन-देन नकद में न होकर सीधे खाते में नाम या जमा होते हैं। इससे मुद्रा के प्रयोग में मितव्ययिता आती है।
समाशोधन-गृह के दोष समाशोधन-गृह के दोष निम्नलिखित हैं-
- समाशोधन-गृहों की संख्या कम होना समाशोधन-गृहों की संख्या कम होने के कारण लेन-देन करने में परेशानी होती है।
- सदस्यता नियमों में कठोरता होना समाशोधन-गृह में सदस्य बनने के नियमों का कठोरता से पालन किया जाता है।
- सभी समाशोधन-गृहों के नियमों में भिन्नता होना सभी समाशोधन-गृहों के नियम अलग-अलग होते हैं, जिससे इनके द्वारा लेन-देन करने में कठिनाई होती है।
प्रश्न 3.
बैंकिंग क्षेत्र में आधुनिक प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिए। (2018)
उत्तर:
पिछले एक दशक में बैंकिंग क्षेत्र में बहुत तेजी से आधुनिकीकरण हुआ है, जिससे बैंकिंग प्रणाली में सरलता व विश्वसनीयता की वृद्धि हुई है। इसके लिए बैंकों द्वारा कुछ आधुनिक विधियाँ अपनाई गई हैं, जिन्हें निम्न शीर्षकों द्वारा समझा जा सकता है
1. साख-पत्र साख-पत्र वह पत्र है, जिसके आधार पर साख-पत्र धारी देश-विदेश में विभागीय भण्डारों, होटलों तथा अन्य प्रमुख संस्थानों से बिना रकम दिए माल अथवा सेवा प्राप्त कर सकता है। इस पत्र का स्पष्ट अर्थ है कि ग्राहक या साख-पत्र धारी को कहीं भी किसी भी परिस्थिति में कोई भी अधिकृत विभागीय भण्डार, होटल या अन्य संस्था उधार माल या सेवा प्रदान कर सकती है और इसका भुगतान बैंक द्वारा ग्राहक के खाते से कर दिया जाता है। इसके लिए बैंक ग्राहक से उस धनराशि पर कुछ दर से ब्याज वसूलता है।
2. यन्त्रीकरण एवं आधुनिकीकरण बैंक अपनी वर्तमान कार्य प्रणाली में सुधार करने, बेहतर व शीघ्र सेवा प्रदान करने के दृष्टिकोण से यन्त्रीकरण व कम्प्यूटरीकरण पर अधिक ध्यान दे रहे हैं, जिससे ग्राहक तथा बैंक कर्मचारियों के समय व श्रम की बचत होती है।
3. यन्त्रीकृत चैक एवं समाशोधन-गृह 1 जुलाई, 2013 से सभी बैंक CTS-2010 मापदण्ड के चैक जारी कर रहे हैं। इन चैकों का महत्त्व यह है कि यह चैक सम्बन्धित बैंक की किसी भी शाखा से भुनाए जा सकते हैं। इसके लिए बैंकों के प्रतिनिधि दो दिन में एक बार एक अधिकृत व सुरक्षित स्थान पर इन चैकों का बैंकों के अनुसार आपस में आदान-प्रदान करते हैं। जिस स्थान पर इन चैकों का आदान-प्रदान किया जाता है, उसे समाशोधन-गृह कहते हैं।
4. सभी भाषाओं को प्रोत्साहन वर्तमान में बैंक के कर्मचारी व बैंक के उपकरण या यन्त्र सभी भाषाओं (हिन्दी, अंग्रेजी एवं उर्दू) का प्रयोग करते हैं, जिससे ग्राहक की उसकी स्वयं की भाषा में कर्मचारी व उपकरण कार्य कर सकें। इसका महत्त्व अधिक इसलिए है, क्योंकि जिन लोगों को हिन्दी या अंग्रेजी नहीं आती थी तो वे बैंक में रुचि नहीं रखते थे, परन्तु अब ग्राहक की भाषा के अनुसार बैंक कार्य करता है।
5. दूरसंचार नेटवर्क वर्तमान में सभी बैंकों ने अपने दूरसंचार नेटवर्क को मजबूती व तीव्र गति प्रदान की है, जिससे जो कार्य पहले दो या तीन दिन में हुआ करता था, वर्तमान में वह कार्य कुछ ही मिनटों में हो जाता है। जैसे-रकम का खाते से खाते में हस्तान्तरण, डिमाण्ड ड्राफ्ट का भुनाना, इत्यादि।
6. बैंकिंग एप्लीकेशन्स वर्तमान में प्रत्येक बैंक द्वारा अपनी एक एप्लीकेशन लॉन्च की गयी है, जिसके माध्यम से ग्राहक कहीं भी कभी भी अपने खाते से राशि/रकम दूसरे व्यक्ति के खाते में हस्तान्तरित कर सकता है और अपने खाते की स्थिति विवरण प्राप्त कर सकता है। इस एप्लीकेशन के माध्यम से ग्राहक/खाताधारक मोबाईल रिचार्ज व बिलों का भुगतान कर सकता है, खरीदारी के साथ-साथ अन्य कार्य भी कर सकता है।
बैंकिंग एप्लीकेशन ऑनलाइन बैंकिंग का आधुनिक स्वरूप है।
7. ऑटोमेटिड टेलर मशीन (ए. टी. एम.) ए. टी. एम. को एनी टाइम मनी के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि इस मशीन से 24 घण्टे जब चाहे पैसा निकाला जा सकता है। ए. टी. एम. से ग्राहक पैसा निकाल सकते हैं, जमा कर सकते हैं, एक खाते से दूसरे खाते में हस्तान्तरण करा सकते हैं, नई चैक बुक जारी करा सकते हैं और बैंक खाते का विवरण ले सकते हैं।
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