UP Board Class 3 नैतिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य शिक्षा
सत्य-मनुष्य को हमेशा सत्य बोलना चाहिए। सत्य बोलने से मन प्रसन्न रहता है तथा वह सदा खुश रहता है।
दया व क्षमा-मनुष्य को असहाय जीवों और जन्तुओं पर दया करनी चाहिए। अगर कोई किसी के प्रति अन्याय कर बैठे, तो उसे सहर्ष क्षमा कर देना चाहिए। दया और क्षमा मनुष्य का एक अनुपम गुण है।
समय पालन-सभी कार्य समय से करने चाहिए। समय से कार्य करने में सुख मिलता है, मन प्रसन्न रहता है तथा कार्य सदा अच्छा होता है।
सहानुभूति-दूसरों के प्रति हमेशा सहानुभूति रखनी चाहिए। द्वेष रहित, सहृदय और सहानुभूति करने वाले बनो।
स्वावलम्बन-स्वावलम्बन का अर्थ होता है- अपने आप का सहारा। मनुष्य को चाहिए कि अपना कार्य स्वयं करे, दूसरे का सहारा न ले। स्वावलम्बी सदा उन्नति के पथ पर अग्रसर होता है।
माता-पिता की आज्ञा का पालन-मनुष्य को अपने माता-पिता की आज्ञा माननी चाहिए। माता-पिता देवतुल्य व गुरु हैं। हमें अच्छी बातें बताते हैं; इसलिए उनका सदैव आदर करना चहिए।
गुरु के प्रति आदर-गुरु हमें अच्छी बातें बताते हैं; इसलिए गुरु का सदैव आदर करना चाहिए। गुरु सबसे महान होते हैं।
साहस-साहस मनुष्य का सबसे बड़ा गुण है। साहस से विजय प्राप्त होती है। साहसी मनुष्य कठिन-से-कठिन काम करने में सफलता प्राप्त कर लेता है।
दृढ़ता-अपने विचारों को दृढ़ रखकर कार्य करना चाहिए।
विनम्रता-यदि कोई मनुष्य किसी के साथ अभद्र व्यवहार करे, तो उसे क्षमा कर प्रेम में बदल देने को विनम्रता कहते हैं।
देशप्रेम-अपने देश को प्राणों से भी प्यारा समझना चाहिए; क्योंकि अपने देश का अन्न, जल ग्रहण करके हम सुरक्षित रहते हैं।
अच्छी आदतें- बच्चों को नित्य सवेरे उठना, आलस्य न करना, अच्छे काम करना, सभी के साथ मिलकर रहना और बड़ों की आज्ञा का पालन करना चाहिए।
स्वास्थ्य के नियम और व्यायाम-शरीर को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम बहुत जरूरी होता है। शरीर को साफ रखें, समय से सन्तुलित भोजन करें। प्रात:काल शुद्ध हवा में टहलना चाहिए।
उचित आहार-भोजन तीन समय करना चाहिए। सुबह हल्का भोजन आवश्यकतानुसार करना चाहिए तथा दोपहर और शाम को सन्तुलित भोजन उचित मात्रा में ग्रहण करना चाहिए।
स्काउटिंग की तीन प्रतिज्ञाएँ-ईश्वर तथा देश के प्रति कर्तव्य पालन करना, दूसरों की सहायता करना, स्काउट नियमों का पालन करना।
स्काउटिंग का सिद्धान्त है- तैयार रहो!