UP Board Solutions for Class 9 Science Chapter 9 Force and Laws of Motion (बल तथा गति के नियम)

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UP Board Solutions for Class 9 Science Chapter 9 Force and Laws of Motion (बल तथा गति के नियम)

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पाठ्य – पुस्तक के प्रश्नोत्तर

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 131)

प्रश्न 1.
निम्न में किसका जड़त्व अधिक है?
(a) एक रबर की गेंद एवं उसी आकार को पत्थर
(b) एक साइकिल एवं एक रेलगाड़ी
(c) पाँच रुपये का एक सिक्का एवं एक रुपये का सिक्का।
उत्तर-
(a) समान आकार का पत्थर,
(b) रेलगाड़ी,
(c) पाँच रुपये का सिक्का।

प्रश्न 2.
नीचे दिए गए उदाहरण में, गेंद का वेग कितनी बार बदलता है, जानने का प्रयास करें|
“फुटबाल का एक खिलाड़ी गेंद पर किक लगाकर गेंद को अपनी टीम के दूसरे खिलाड़ी के पास पहुँचाता है। दूसरा खिलाड़ी उस गेंद को किक लगाकर गोल की ओर पहुँचाने का प्रयास करता है। विपक्षी टीम का गोलकीपर गेंद को पकड़ता है और अपनी टीम के खिलाड़ी की ओर किक लगाता है।”
इसके साथ ही उस कारक की भी पहचान करें जो प्रत्येक अवस्था में बल प्रदान करता है।
उत्तर-

  1. प्रथम खिलाड़ी गेंद पर बल आरोपित करता है और बल के कारण गेंद का वेग बढ़ता है।
  2. दूसरा खिलाड़ी पहले बल आरोपित करके गेंद को रोकता है जिससे गेंद का वेग घटता है।
    पुनः वह खिलाड़ी गेंद पर बल आरोपित करता है और उसे गोल की ओर त्वरित करता है।
  3. गोल रक्षक गेंद पर बल आरोपित करता है और उसे अपने साथी की तरफ बढ़ाता है।

प्रश्न 3.
किसी पेड़ की शाखा को तीव्रता से हिलाने पर कुछ पत्तियाँ झड़ जाती हैं। क्यों?
उत्तर-
पेड़ की शाखा तथा पत्तियाँ विराम में रहती हैं। जब शाखा को हिलाते हैं तो शाखा गतिमान हो जाती हैं तथा पत्तियाँ स्थिर जड़त्व के कारण विराम में रहने की कोशिश करती हैं।
अतः पत्तियों पर एक बल लगता है। जिसके कारण पत्तियाँ टूटकर गिर जाती हैं।

प्रश्न 4.
जब कोई गतिशील बस अचानक रुकती है तो आप आगे की ओर झुक जाते हैं और जब विरामावस्था से गतिशील होती है तो पीछे की ओर हो जाते हैं, क्यों?
उत्तर-
गतिशील बस में बैठा हुआ यात्री भी समान गति से बस की दिशा में गति करता है। जब बस अचानक रुक जाती है तो यात्री का निचला हिस्सा बल के कारण विरामावस्था में आ जाता है जबकि ऊपरी हिस्सा गति में रहता है। परिणामस्वरूप हम आगे की ओर झुक जाते हैं। ऐसा ही जब विरामावस्था से बसे गतिशील होती है तो हम बल के कारण पीछे की ओर हो जाते हैं।

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 140)

प्रश्न 1.
यदि क्रिया सदैव प्रतिक्रिया के बराबर है तो स्पष्ट कीजिए कि घोड़ा गाड़ी को कैसे खींच पाता है?
उत्तर-
यह सत्य है कि प्रत्येक क्रिया सदैव प्रतिक्रिया के बराबर होती है। जब घोड़ा गाड़ी को खींचता है तो वह अपने नीचे की पृथ्वी की सतह को पेशीय बल लगाकर अपने पैरों से पीछे की ओर धकेलता है। इस बल की प्रतिक्रिया जो कि लगाए गए बल के बराबर तथा विपरीत दिशा में होती है, के फलस्वरूप घोड़ा गाड़ी आगे की ओर चलती है।

प्रश्न 2.
एक अग्निशमन कर्मचारी को तीव्र गति से बहुतायत मात्रा में पानी फेंकने वाली रबड़ की नली को पकड़ने में कठिनाई क्यों होती है? स्पष्ट करें।
उत्तर-
जब फायर ब्रिगेड के किसी हौज-पाइप से तीव्र गति से अत्यधिक मात्रा व उच्च वेग से पानी बाहर निकलता है तो गति के तीसरे नियम के अनुसार बाहर निकलता हुआ पानी हौज-पाइप को प्रतिक्रिया स्वरूप पीछे की ओर धकेलता है जिसके कारण अग्निशमन कर्मचारियों को पाइप सँभालना कठिन हो जाता है।

प्रश्न 3.
एक 50 g द्रव्यमान की गोली 4 kg द्रव्यमान की राइफल से 35 ms-1 के प्रारंभिक वेग से छोड़ी जाती है। राइफल के प्रारंभिक प्रतिक्षेपित वेग की गणना कीजिए।
हल-
गोली का द्रव्यमान m1 = 50 g = 0.05 kg
गोली का प्रारंभिक वेग u1 = 35 m/s
गोली का संवेग = m1u1 = 0.05 x 35 = 1.75 kg ms-1
राइफल का द्रव्यमान m2 = 4 kg
राइफल का प्रतिक्षेप का वेग = u2
राइफल का संवेग = m2u2 = 4 x u2
परन्तु राइफल का संवेग = – गोली का संवेग
4 x u2 = -1.75
u2 = -0.4375 m/s
ऋणात्मक चिन्ह प्रदर्शित करता है राइफल 0.4375 = 0.44 ms-1 के वेग से गोली की दिशा के विपरीत दिशा में गति करेगी।
अतः राइफल का प्रतिक्षेप का वेग = 0.44 ms-1.

प्रश्न 4.
100 g और 200 g द्रव्यमान की दो वस्तुएँ एक ही रेखा के अनुदिश एक ही दिशा में क्रमशः 2 ms-1 और 1 ms-1 के वेग से गति कर रही हैं। दोनों वस्तुएँ टकरा जाती हैं। टक्कर के पश्चात् प्रथम वस्तु का वेग 1.87 ms-1 हो जाता है, तो दूसरी वस्तु का वेग ज्ञात करें।

अभ्यास प्रश्न (पृष्ठ 141-143)

प्रश्न 1.
कोई वस्तु शून्य बाह्य असंतुलित बल अनुभव करती है। क्या किसी भी वस्तु के लिए अशून्य वेग से गति करना संभव है? यदि हाँ, तो वस्तु के वेग के परिमाण एवं दिशा पर लगने वाली शर्तों का उल्लेख करें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
उत्तर-
हाँ, कोई वस्तु अशून्य वेग से चल सकती है। यदि उस पर लगा बाह्य असंतुलित बल शून्य हो। इस स्थिति में वस्तु एकसमान परिमाण के वेग से चलेगी तथा उसकी दिशा एक सरल रेखीय है अर्थात् वस्तु एकसमान वेग से एक सरल रेखा में चलती रहेगी जब तक उस पर संतुलित बल कार्य करते रहेंगे।

प्रश्न 2.
जब किसी छड़ी से एक दरी (कार्पेट) को पीटा जाता है, तो धूल के कण बाहर आ जाते हैं। स्पष्ट करें।
उत्तर-
जब दरी (कार्पेट) को डंडे से पीटा जाता है। तो दरी (कार्पेट) के कण गति अवस्था में आ जाते हैं। परन्तु धूल के कण अपने जड़त्व के कारण स्थिर अवस्था में रहने का प्रयत्न करते हैं जिसके कारण धूल के कण दरी से अलग होकर बाहर निकल जाते हैं।

प्रश्न 3.
बस की छत पर रखे सामान को रस्सी से क्यों बाँधा जाता है?
उत्तर-
किसी बस की छत पर रखे सामान को रस्सी से बाँधने की सलाह इसलिए दी जाती है ताकि बस की छत पर रखा सामान, बस के अचानक चलने, रुकने या दिशा बदलने पर या असमतल सड़क पर चलने से जड़त्व के कारण सामान आगे-पीछे खिसककर या झटके लग कर नीचे न गिरे।

प्रश्न 4.
किसी बल्लेबाज द्वारा क्रिकेट की गेंद को मारने पर गेंद जमीन पर लुढ़कती है। कुछ दूरी चलने के पश्चात् गेंद रुक जाती है। गेंद रुकने के लिए धीमी होती है, क्योंकि-
(a) बल्लेबाज ने गेंद को पर्याप्त प्रयास से हिट नहीं किया है।
(b) वेग गेंद पर लगाए गए बल के समानुपाती है।
(c) गेंद पर गति की दिशा के विपरीत एक बल कार्य कर रहा है।
(d) गेंद पर कोई असंतुलित बल कार्यरत नहीं है, अतः गेंद विरामावस्था में आने के लिए प्रयासरत है।
(सही विकल्प का चयन करें)
हल-
(c) गेंद पर गति की दिशा के विपरीत एक बल कार्य कर रहा है।

प्रश्न 5.
एक टुक विरामावस्था से किसी पहाड़ी से नीचे की ओर नियत त्वरण से लुढ़कना शुरू करता है। यह 20 s में 400 m की दूरी तय करता है। इसका त्वरण ज्ञात करें। अगर इसका द्रव्यमान 7 टन हो तो इस पर लगने वाले बल की गणना करें। (1 टन = 1000 kg)
हल-
ट्रक का आरंभिक वेग (u) = 0
तय की गई दूरी (S) = 400 m
लिया गया समय (t) = 20 s
त्वरण (a) = ?

प्रश्न 6.
1 kg द्रव्यमान के एक पत्थर को 20 ms-1 के वेग से झील की जमी हुई सतह पर फेंका जाता है। पत्थर 50 m की दूरी तय करने के बाद रुक जाता है। पत्थर और बर्फ के बीच लगने वाले घर्षण बल की गणना करें।
हल-
द्रव्यमान, m = 1 किग्रा
प्रारम्भिक वेग, u = 20 m/s
अन्तिम वेग, v = 0
दूरी = 50 m
गति के तीसरे समीकरण से,
v2 = u2 + 2as
0 = 202 + 2 x a x 50
a = – 4 ms-2
बर्फ व पत्थर के बीच लगा घर्षण बल,
F = ma
F = 1 x (-4)
F = – 4 N
ऋणात्मक चिन्ह दर्शाता है कि बल गति के विपरीत दिशा में कार्य कर रहा है।

प्रश्न 7.
एक 8000 kg द्रव्यमान का रेल इंजन प्रति 2000 kg द्रव्यमान वाले पाँच डिब्बों को सीधी पटरी पर खींचता है। यदि इंजन 40000N का बल आरोपित करता है तथा यदि पटरी 5000 N का घर्षण बल लगाती है, तो ज्ञात करें
(a) नेट त्वरण बल
(b) रेल का त्वरण तथा
(c) डिब्बे 1 द्वारा डिब्बे 2 पर लगाया गया बल।
हल-
इंजन द्वारा लगाया गया बल = 40,000 N
डिब्बों द्वारा लगाया गया घर्षण बल = 5000 N
(a) इंजन द्वारा लगाया गया त्वरक बल = 40,000 – 5000 = 35,000 N
(b) इंजन द्वारा लगाया गया त्वरक बल = 35000 N
रेलगाड़ी के डिब्बों का कुल द्रव्यमान = 5 x 2000 = 10000 kg
हम जानते हैं कि F = m x a
a = = = 3.5 m/s2
अतः रेलगाड़ी 3.5 m/s2 के त्वरण से गति करती है।
(c) चार डिब्बों को कुल द्रव्यमान = 4 x 2000 = 8000 kg
त्वरण = 3.5 m/s2
पहले डिब्बे द्वारा लगाया गया बल = 8000 x 3.5 = 28000 N.

प्रश्न 8.
एक गाड़ी का द्रव्यमान 1500 kg है। यदि गाड़ी को 1.7 ms-2 के ऋणात्मक त्वरण (अवमंदन) के साथ विरामावस्था में लाना है, तो गाड़ी तथा सड़क के बीच लगने वाला बल कितना होगा?
हल-
गाड़ी का द्रव्यमान (m) = 1500 kg
त्वरण (a) = – 1.7 m/s2
गाड़ी तथा सड़क के बीच लगने वाला बल = m x a = 1500 x (-1.7) = – 2550 N.

प्रश्न 9.
किसी m द्रव्यमान की वस्तु जिसका वेग v है का संवेग क्या होगा?
(a) (mv)2
(b) mv²
(c) mv²
(d) mv
(उपरोक्त में सही विकल्प चुनें)।
उत्तर-
(d) mv

प्रश्न 10.
हम एक लकड़ी के बक्से को 200 N बल लगाकर उसे नियत वेग से फर्श पर धकेलते हैं। बक्से पर लगने वाला घर्षण बल क्या होगा?
उत्तर-
क्षैतिज दिशा में बक्से पर लगाया गया बल = 200 N.
घर्षण बल बक्से पर क्षैतिज दिशा में लगाए गए बल के बराबर तथा विपरीत दिशा में होगा।
अतः घर्षण बल = -200 N
ऋणात्मक चिन्ह दर्शाता है कि घर्षण बल लगाए गए बल के विपरीत दिशा में लग रहा है।

प्रश्न 11.
दो वस्तुएँ, प्रत्येक का द्रव्यमान 1.5 किग्रा है, एक ही सीधी रेखा में एक-दूसरे के विपरीत दिशा में गति कर रही हैं। टकराने के पहले प्रत्येक का वेग 2.5 ms-1 है। टकराने के बाद यदि दोनों एक-दूसरे से जुड़ जाती हैं, तब उनका सम्मिलित वेग क्या होगा?
उत्तर-
दिया है : वस्तुओं के द्रव्यमान।
m1 = m2 = 1.5 किग्रा
टकराने से पहले इनके वेग ।
u1 = 2.5 मीटर/सेकण्ड
u2 = -2.5 मीटर/सेकण्ड
(ऋण चिह्न विपरीत दिशा के कारण लिया है।)
माना टकराने के बाद दोनों का सम्मिलित वेग v हो जाता है।
दोनों के जुड़ जाने से बनी नई वस्तु का द्रव्यमान (m1 + m2) होगा।
तब टक्कर के पहले दोनों का कुल संवेग = m1u1 + m2u2
= 1.5 x 2.5 + 1.5 x (-2.5) = 3.75 – 3.75 = 0.
तथा टक्कर के बाद दोनों का कुल संवेग = (m1 + m2) v = (1.5 + 1.5) v = 3v
संवेग संरक्षण के नियम से,
टक्कर के बाद कुल संवेग = टक्कर के पहले कुल संवेग
अर्थात् 3v = 0 ⇒ v = 0
अतः टक्कर के बाद दोनों वस्तुओं का सम्मिलित वेग शून्य होगा अर्थात् वे विरामावस्था में आ जाएँगी।

प्रश्न 12.
गति के तृतीय नियम के अनुसार जब हम किसी वस्तु को धक्का देते हैं, तो वस्तु उतने ही बल के साथ हमें भी विपरीत दिशा में धक्का देती है। यदि वह वस्तु एक टुक है जो सड़क के किनारे खड़ा है; संभवतः हमारे द्वारा बल आरोपित करने पर भी गतिशील नहीं हो पाएगा। एक विद्यार्थी इसे सही साबित करते हुए कहता है कि दोनों बल विपरीत एवं बराबर हैं जो एक-दूसरे को निरस्त कर देते हैं। इस तर्क पर अपने विचार दें और बताएँ कि दुक गतिशील क्यों नहीं हो पाता?
उत्तर-
विद्यार्थी का तर्क गलत है, यह सही है कि क्रिया तथा प्रतिक्रिया के बल विपरीत एवं बराबर होते हैं, परंतु ये बल कभी भी एक ही वस्तु पर कार्य नहीं करते। जैसे कि उपर्युक्त उदाहरण में, हमारे द्वारा आरोपित बल ट्रक पर लगेगा, जबकि ट्रक का प्रतिक्रिया बल हम पर लगेगा। ट्रक के गतिमान होने का संबंध केवल ट्रैक पर लगने वाले बल से है न कि हमारे द्वारा लगे प्रतिक्रिया बल से। अतः क्रिया-प्रतिक्रिया के बलों के निरस्त होने का यहाँ कोई प्रश्न ही नहीं उठता।
हमारे द्वारा ट्रक पर बल आरोपित किए जाने पर भी ट्रक गतिशील नहीं हो पाता, इसका कारण यह है कि ट्रक पर इस बल के अतिरिक्त पृथ्वी द्वारा आरोपित घर्षण बल भी लगा है जो कि हमारे द्वारा आरोपित बल को संतुलित कर देता है।

प्रश्न 13.
200 g द्रव्यमान की एक हॉकी की गेंद 10 ms-1 की वेग से सीधी रेखा में चलती हुई 5 kg द्रव्यमान के लकड़ी के गुटके से संघट्ट करती है तथा उससे जुड़ जाती है। उसके बाद दोनों एक साथ उसी रेखा में गति करते हैं। संघट्ट से पहले तथा संघट्ट के बाद कुल संवेगों की गणना करें। दोनों वस्तुओं की जुड़ी हुई अवस्था में वेग की गणना करें।
हल-
गेंद का द्रव्यमान, m = 200, g = 0.2 kg
गेंद का वेग, v = 10 ms-1
गेंद का संघट्ट से पहले संवेग = m.v = 0.2 x 10 = 2.0 kg ms-1
5 kg द्रव्यमान के लकड़ी के टुकड़े का संघट्ट से पहले वेग, v = 0
लकड़ी के टुकड़े का संघट्ट से पहले संवेग = 5 x 0 = 0
(i) संघट्ट से पहले कुल संवेग = 2 + 0 = 2 kg ms-1
(ii) संघट्ट से पहले संवेग = संघट्ट के बाद संवेग = 2.0 kg ms-1
अतः दोनों वस्तुओं का संघट्ट के बाद संवेग = 2.0 kg ms-1
(iii) मान लिया दोनों वस्तुओं का जुड़ी हुई अवस्था में वेग = 0
दोनों वस्तुओं का जुड़ी हुई अवस्था में द्रव्यमान, m = 0.2 + 5 = 5.2 kg
दोनों वस्तुओं का संघट्ट के पश्चात जुड़ी हुई अवस्था में संवेग = m.v = 5.2 x v
परन्तु संघट्ट के बाद दोनों वस्तुओं का संवेग v = 2.0 kg ms-1
अतः
5.2 v = 2.0
v = 0.39 ms-1
अतः जुड़ी हुई अवस्था में दोनों वस्तुओं का वेग = 0.39 ms-1

प्रश्न 14.
10 द्रव्यमान की एक गोली सीधी रेखा में 150 ms-1 के वेग से चलकर एक लकड़ी के गुटके से टकराती है और 0.03 s के बाद रुक जाती है। गोली लकड़ी को कितनी दूरी तक भेदेगी? लकड़ी के गुटके द्वारा गोली पर लगाए गए बल के परिमाण की गणना कीजिए।
उत्तर-
बन्दूक की गोली का द्रव्यमान (m) = 10 g = = 0.01 kg

प्रश्न 15.
एक वस्तु जिसका द्रव्यमान 1 kg है, 10 ms-1 के वेग से एक सीधी रेखा में चलते हुए एक विरामावस्था में रखे 5 kg द्रव्यमान के एक लकड़ी के गुटके से टकराती है। उसके बाद दोनों साथ-साथ उसी सीधी रेखा में गति करते हैं। संघट के पहले तथा बाद के कुल संवेगों की गणना करें। आपस में जुड़े हुए संयोजन के वेग की भी गणना करें।
हल-
पिंड की संहति (m1) = 1 kg
गुटके की संहति (m2) = 5 kg
पिंड का आरंभिक वेग (v1) = 10 m/s
गुटके का आरंभिक वेग (v2) = 0
गोली व गुटके का टकराने के तुरन्त पहले संवेग = m1v1 + m2 x 0 = 1 x 10 + 5 x 0 = 10 kg m/s
टकराने के तुरन्त पश्चात् संवेग = टकराने के तुरन्त
पहले संवेग = 10 kg m/s
पिंडों की संयुक्त (कुल) संहति = m1 + m2 = 1 + 5 = 6 kg
मान लिया आपस में जुड़े संयोजन का वेग = v
आपस में जुड़े संयोजन का संवेग = mv = 6 x v = 6v
लेकिन संवेग = 10 kg m/s
अतः
6v = 10
v = = m/s.

प्रश्न 16.
100 kg द्रव्यमान की एक वस्तु का वेग समान त्वरण से चलते हुए 6s में 5 ms-1 से 8 ms-1 हो जाता है। वस्तु के पहले और बाद के संवेगों की गणना करें। उस बल के परिमाण की भी गणना करें जो उस वस्तु पर आरोपित है।

प्रश्न 17.
अख्तर, किरण और राहुल किसी राजमार्ग पर बहुत तीव्र गति से चलती हुई कार में सवार हैं, अचानक उड़ता हुआ कोई कीड़ा गाड़ी के सामने के शीशे से आ टकराया और वह शीशे से चिपक गया। अख्तर और किरण इस स्थिति पर विवाद करते हैं। किरण का मानना है कि कीड़े के संवेग परिवर्तन का परिमाण कार के संवेग परिवर्तन के परिमाण की अपेक्षा बहुत अधिक है। (क्योंकि कीड़े के वेग में परिवर्तन का मान कार के वेग में परिवर्तन के मान से बहुत अधिक है।) अख्तर ने कहा कि चूंकि कार का वेग बहुत अधिक था अतः कार ने कीड़े पर बहुत अधिक बल लगाया जिसके कारण कीड़े की मौत हो गई। राहुल ने एक नया तर्क देते हुए कहा कि कार तथा कीड़ा दोनों पर समान बल लगा और दोनों के संवेग में बराबर परिर्वतन हुआ। इन विचारों पर अपनी प्रतिक्रिया दें।
उत्तर-
राहुल का उत्तर सही था क्योंकि-
संवेग संरक्षण के सिद्धांत के अनुसार, टक्कर के समय तंत्र की कुल संवेग संरक्षित रहता है, इसलिए दोनों ही में एकसमान संवेग परिर्वतन होगा। किंतु कीड़ा का द्रव्यमान कम है, इसलिए उसके वेग में अधिक परिवर्तन होगा एवं कार का द्रव्यमान अधिक होने के कारण, उसके वेग में अपेक्षाकृत कम परिवर्तन होगा।

प्रश्न 18.
एक 10 किग्रा द्रव्यमान की घंटी 80 सेमी की ऊँचाई से फर्श पर गिरी। इस अवस्था में घंटी द्वारा फर्श पर स्थानांतरित संवेग के मान की गणना करें। परिकलन में सरलता हेतु नीचे की ओर दिष्ट त्वरण का मान 10 ms-1 लें।
हल-
दिया है। घंटी का द्रव्यमान, m = 10 किग्रा
प्रारंभिक ऊँचाई s = 80 सेमी = 0.8 मीटर,
घंटी का त्वरण a = 10 मीटर/सेकण्ड,
गिरते समय प्रारंभिक वेग u = 0
माना फर्श पर पहुँचकर घंटी v वेग से फर्श से टकराती है। तब समीकरण
v2 = u2 + 2as से, .
v2 = 02 + 2 x 10 x 0.8 = 16 मीटर/सेकण्ड
घंटी का वेग v = √16 = 4 मीटर/सेकण्ड।
माना कि फर्श से टकराने के बाद घंटी विरामावस्था में आ जाती है।
फर्श से टकराते समय घंटी का वेग v1 = 4 मीटर/सेकण्ड
तथा फर्श से टकराने के बाद घंटी का वेग v2 = 0
घंटी के संवेग में परिवर्तन = m (v2 – v1) = 10 (0 – 4) = – 40 किग्रा-मीटर/सेकण्ड।
क्रिया-प्रतिक्रिया के नियम से फर्श को स्थानान्तरित संवेग = – घंटी का संवेग-परिवर्तन = – (-40) = 40 किग्रा-मीटर/सेकण्ड

अतिरिक्त अभ्यास प्रश्न (पृष्ठ संख्या – 144)

प्रश्न A1.
एक वस्तु की गति की अवस्था में दूरी-समय सारणी निम्नवत् है-

(a) त्वरण के बारे में आप क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं,? क्या यह नियत है? बढ़ रहा है? घट रहा है? या शून्य है?
(b) आप वस्तु पर लगने वाले बल के बारे में क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं?
हल-

(a) उपर्युक्त टेबल दर्शाता है कि वेग परिवर्तन की दर बढ़ रही है अतः वस्तु का त्वरण लगातार बढ़ रहा है।
(b) चूँकि बल, वस्तु में उत्पन्न त्वरण के समानुपाती होता है, इसलिए वस्तु पर लगने वाला बल भी लगातार बढ़ रहा है।

प्रश्न A2.
1200 kg द्रव्यमान की कार को एक समतल सड़क पर दो व्यक्ति समान वेग से धक्का देते हैं। उसी कार को तीन व्यक्तियों द्वारा धक्का देकर 0.2 ms-1 का त्वरण उत्पन्न किया जाता है। कितने बल के साथ प्रत्येक व्यक्ति कार को धकेल पाते हैं। (मान लें कि सभी व्यक्ति समान पेशीय बल के साथ कार को धक्का देते हैं।)
हल-
स्थिति I :
द्रव्यमान, m = 1200 kg
u = v (समान वेग)
a = 0
बल = m x a = 1200 x 0 = 0 N
स्थिति II :
द्रव्यमान, m = 1200 kg
त्वंरण, a = 0.2 m/s2
बल = m x a = 1200 x 0.2 = 240 N

प्रश्न A3.
500 g द्रव्यमान के एक हथौड़े द्वारा 50 ms-1 वेग से एक कील पर प्रहार किया जाता है। कील द्वारा हथौड़े को बहुत कम समय 0.01s में ही रोक दिया जाता है। कील के द्वारा हथौड़े पर लगाए गये बल की गणना करें।

प्रश्न A4.
एक 1200 kg द्रव्यमान की मोटरकार 90 km/h की वेग से एक सीधी रेखा के अनुदिश चल रही है। उसका वेग बाहरी असंतुलित बल लगने के कारण 4s में घटकर 18 km/h हो जाता है। त्वरण और परिवर्तन का परिकलन करें। लगने वाले बल के परिमाण की भी परिकलन करें।
हल-
द्रव्यमान, m = 1200 kg


अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
बल’ से क्या समझते हो ? बल के मात्रक लिखिए।
उत्तर-
बल (Force) – वह बाह्य कारक जो किसी पिण्ड की विराम अवस्था अथवा गति अवस्था में परिवर्तन करे अथवा परिवर्तन की प्रवृत्ति उत्पन्न करे, बल कहलाता है।
बल के मात्रक

  • C.G.S. पद्धति में- डाइन’
  • M.K.S. पद्धति में- न्यूटन’

प्रश्न 2.
बल का S.I. मात्रक लिखिए।
उत्तर-
बल का S.I. मात्रक न्यूटन है।

प्रश्न 3.
‘एक न्यूटन बल’ से क्या समझते हो?
उत्तर-
एक न्यूटन बल-बल की वह मात्रा जो एक किलोग्राम द्रव्यमान की वस्तु पर आरोपित करने से उस वस्तु में 1 मीटर/सेकण्ड का त्वरण पैदा कर सके एक न्यूटन बल कहलाती है।

प्रश्न 4.
बल सदिश राशि क्यों है? समझाइये।
उत्तर-
बल एक सदिश राशि है, क्योंकि इसे पूर्णरूप से व्यक्त करने के लिए उसका परिमाण और दिशा दोनों को उल्लेख करना आवश्यक है।

प्रश्न 5.
मांसपेशीय बल किसे कहते हैं?
उत्तर-
मांसपेशीय बल (Muscular Force)- किसी वस्तु को खींचने, ठेलने या हटाने के लिए व्यक्ति या पशुओं की मांसपेशियों द्वारा लगाया गया बल, मांसपेशीय बल कहलाता है।

प्रश्न 6.
‘गुरुत्वीय बल’ या भार’ से क्या समझते हे?
उत्तर-
गुरुत्वीय बल या भार (Gravitational Force or weight)- किसी वस्तु को पृथ्वी जितने बल से अपने केन्द्र की ओर खींचती है उस बल को उस वस्तु का गुरुत्वीय बल या भार कहते हैं।

प्रश्न 7.
प्रत्यानयन बल’ किसे कहते हैं?
उत्तर-
प्रत्यानयन बल (Restoring Force)- यदि किसी वस्तु को उसकी मध्यमान स्थिति से विस्थापित किया जाये तो उस पर एक ऐसा बल लगता है जो उसे मध् यमान स्थिति में लाने का प्रयास करता है। इस बल को प्रत्यानयन बल कहते हैं।

प्रश्न 8.
‘गुरुत्वाकर्षण बल’ से क्या समझते हो?
उत्तर-
गुरुत्वाकर्षण बल (Gravitational Force)- ब्रह्माण्ड में आकाशीय पिण्डों के मध्य लगने वाले आकर्षण बल को, गुरुत्वाकर्षण बल कहते हैं।

प्रश्न 9.
‘तनाव बल’ से क्या समझते हो?
उत्तर-
तनाव बल’ (Tension) किसी वस्तु को डोरी या जंजीर द्वारा बाँधकर लटकाने, खींचने या घुमाने पर डोरी या जंजीर में उत्पन्न हुआ बल, तनाव, बल कहलाता है।

प्रश्न 10.
‘प्रतिक्रिया बल’ से क्या समझते हो?
उत्तर-
प्रतिक्रिया बल (Reaction Force)- किसी वस्तु पर बल लगने पर लगाये गये बल की विपरीत दिशा में वस्तु द्वारा कारक वस्तु पर लगाया गया बल, प्रतिक्रिया बल कहलाता है।

प्रश्न 11.
‘चुम्बकीय बल’ से क्या समझते हो?
उत्तर-
चुम्बकीय बल (Magnetic Force)- चुम्बकीय ध्रुव द्वारा अन्य चुम्बकीय ध्रुव या चुम्बकीय वस्तु पर लगने वाला बल, चुम्बकीय बल कहलाता है।

प्रश्न 12.
‘विद्युत बल’ से क्या समझते हो?
उत्तर-
विद्युत बल (Electric Force)- विद्युत आवेश द्वारा अन्य आवेश या वस्तुओं पर लगने वाला बल, विद्युत बल कहलाता है।

प्रश्न 13.
‘विद्युत चुम्बकीय बल’ से क्या समझते हो?
उत्तर-
विद्युत चुम्बकीय बल (Electromagnetic Force)- धारावाही चालकों द्वारा चुम्बक पर अथवा चुम्बक द्वारा धारावाही चालकों पर लगने वाला बल, विद्युत चुम्बकीय बल कहलाता है।

प्रश्न 14.
नाभिकीय बल’ से क्या समझते हो?
उत्तर-
नाभिकीय बल (Nuclear Force)परमाणु के नाभिक में नाभिक के घटकों के मध्य लगने वाला बल, नाभिकीय बल कहलाता है।

प्रश्न 15.
असन्तुलित बल’ किसे कहते हैं?
उत्तर-
असन्तुलित बल (Unbalanced Force)- वे बल जो किसी वस्तु पर लगाने से उस वस्तु की गति में परिवर्तन कर दें, असन्तुलित बल कहलाते हैं।

प्रश्न 16.
बल (F), द्रव्यमान (m) तथा त्वरण (a) में सम्बन्ध लिखिए।
उत्तर-
बल (F) = द्रव्यमान (m) x त्वरण (a)

प्रश्न 17.
सन्तुलित बल’ किसे कहते हैं?
उत्तर-
सन्तुलित बल (Balanced Force)- वे बल जो किसी वस्तु पर लगाने से उस वस्तु की गति में कोई परिवर्तन नहीं करते, सन्तुलित बल कहलाते हैं।

प्रश्न 18.
जड़त्व’ किसे कहते हैं? अथवा जड़त्व क्या है?
उत्तर-
जड़त्व (Inertia)- वस्तुओं का वह गुण जिसके द्वारा वह उसकी गति या विराम अवस्था में परिवर्तन का विरोध करता है, जड़त्व कहलाता है।

प्रश्न 19.
जड़त्व कितने प्रकार का होता है? उनके नाम लिखिए।
उत्तर-
जड़त्व दो प्रकार का होता है

  • गति अवस्था का जड़त्व (Inertia of motion)
  • विराम अवस्था का जड़त्व (Inertia of rest)

प्रश्न 20.
गति के जड़त्व’ से क्या समझते हो?
उत्तर-
गति अवस्था का जड़त्व (Inertia of Motion)- वस्तुओं का वह गुण जिसके द्वारा वह उसकी गति अवस्था में परिवर्तन को रोकता है, गति अवस्था का जड़त्व कहलाता है।

प्रश्न 21.
गति के जड़त्व का उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
गति के जड़त्व का उदाहरण-मैदान में लुढ़कती गेंद को जब तक कोई रोक नहीं, वह दूर तक लुढ़कती चली जायेगी।

प्रश्न 22.
विराम (स्थिर) अवस्था का जड़त्व’ किसे कहते हैं?
उत्तर-
विराम अवस्था का जड़त्व (Inertia of Rest)- वस्तुओं का वह गुण जिसके द्वारा वह उसकी विराम अवस्था में परिवर्तन को रोकता है, विराम अवस्था का जड़त्व कहलाता है।

प्रश्न 23.
विराम (स्थिर) अवस्था के जड़त्व का उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
विराम (स्थिर) अवस्था के जड़त्व का उदाहरण-कमरे में रखी मेज पर जब तक कोई बल नहीं लगाया जायेगा तब तक वह खिसकेगी नहीं।

प्रश्न 24.
जड़त्व एवं द्रव्यमान में क्या सम्बन्ध है?
अथवा
जड़त्व द्रव्यमान पर किस प्रकार निर्भर करता है?
उत्तर-
जड़त्व की द्रव्यमान पर निर्भरता-जड़त्व द्रव्यमान के समानुपाती होता है अर्थात् जड़त्व (Inertia) द्रव्यमान (m) दूसरे शब्दों में, जितना अधिक द्रव्यमान होगा उतना ही अधिक जड़त्व होगा।

प्रश्न 25.
न्यूटन के गति-विषयक तृतीय नियम अथवा क्रिया-प्रतिक्रिया के नियम का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-
न्यूटन का गति-विषयक तृतीय नियम अथवा क्रिया-प्रतिक्रिया का नियम-प्रत्येक क्रिया के बराबर एवं विपरीत प्रतिक्रिया होती है। ये दो विभिन्न वस्तुओं पर कार्य करती हैं।

प्रश्न 26.
किसी वस्तु के जड़त्व’ एवं उसकी संहति’ में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर-
किसी वस्तु की संहति जितनी अधिक होती है उसका जड़त्व भी उतना ही अधिक होगा।

प्रश्न 27.
‘अन्योन्य क्रिया’ से क्या समझते हो?
उत्तर-
अन्योन्य क्रिया (Mutual Action) जब कोई वस्तु किसी दूसरी वस्तु पर बल लगाकर उसे प्रभावित करती है तो पहली तथा दूसरी वस्तु के बीच होने वाली क्रिया, अन्योन्य क्रिया कहलाती है।

प्रश्न 28.
अन्योन्य क्रिया के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
अन्योन्य क्रिया के उदाहरण-
(i) चुम्बक द्वारा लोहे के टुकड़े को अपनी ओर आकर्षित करना।
(ii) कंचों का आपस में टकराना।

प्रश्न 29.
घर्षण से आप क्या समझते हो?
उत्तर-
घर्षण (Friction)- खुरदरी सतह पर गतिमान वस्तु पर लगने वाले गति विरोधी बल को घर्षण बल या घर्षण कहते हैं।

प्रश्न 30.
रॉकेट किस सिद्धान्त पर कार्य करता है?
उत्तर-
रॉकेट न्यूटन के गति के तीसरे नियम पर कार्य करता है।

प्रश्न 31.
एक टुक और एक कार ॥ वेग से गतिशील हैं, दोनों एक-दूसरे से आमने-सामने संघट्ट करते हैं तथा कुछ समय बाद दोनों रुक जाते हैं। अगर संघट्ट समयांतराल 1s है, तो
(a) कौन-सी गाड़ी पर बल का सबसे अधिक प्रभाव पड़ेगा?
(b) किस गाड़ी के संवेग में सबसे अधिक परिवर्तन होगा?
(c) किस गाड़ी का त्वरण सबसे अधिक होगा?
(d) ट्रक की अपेक्षा कार को अधिक नुकसान क्यों होगा?
उत्तर-
(a) कार पर टक्कर का अधिक प्रभाव पड़ेगा।
(b) दोनों ही सवारियों में संवेग परिवर्तन एकसमान रहेगा।
(c) कार की गति में उत्पन्न त्वरण का मान अधिक होगा।
(d) कार में अधिक क्षति होगी, क्योंकि उसमें उत्पन्न त्वरण का मान अधिक होगा।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
एक-से दो टूक सड़क पर समान वेग से चल रहे हैं। उनमें से एक खाली है और दूसरा बोझ से लदा हुआ है। किस ट्रक को रोकने के लिए अधिक बल की आवश्यकता होगी?
उत्तर-
भरे ट्रक का द्रव्यमान अधिक होने के कारण इसका संवेग अधिक होगा। अतः भरे ट्रक को रोकने के लिए अधिक बल की आवश्यकता होगी।

प्रश्न 2.
चलती हुई रेलगाड़ी में बैठे व्यक्ति द्वारा ऊध्र्वाधर दिशा में फेंकी गेंद लौटकर उसके हाथ में वापस क्यों आ जाती है?
उत्तर-
जड़त्व के कारण व्यक्ति एवं गेंद बराबर गाड़ी के साथ उसी वेग से क्षैतिज दिशा में चलते रहते हैं इसलिए यदि गेंद उछालने के पश्चात् व्यक्ति का हाथ गेंद के नीचे ही रहता है तो गेंद उसके हाथ में आ जाती है।

प्रश्न 3.
घर्षण कितने प्रकार का होता है? उनके नाम लिखिए।
उत्तर-
घर्षण के प्रकार-घर्षण निम्न तीन प्रकार का होता है-

  1. स्थैतिक घर्षण (Static Friction),
  2. सीमान्त घर्षण (Limiting Friction),
  3. गतिक घर्षण (Kinetic Friction)

प्रश्न 4.
गतिक घर्षण कितने प्रकार का होता है? उनके नाम लिखिए।
उत्तर-
गतिक घर्षण के प्रकार-गतिक घर्षण निम्न दो प्रकार का होता है

  1. सर्वी घर्षण (Sliding Friction),
  2. बेलन घर्षण (Rolling Friction)

प्रश्न 5.
स्थैतिक घर्षण से क्या समझते हो?
उत्तर-
स्थैतिक घर्षण (Static Friction)- जब किसी वस्तु पर अन्य किसी वस्तु अथवा सतह पर गति करने के लिए बल आरोपित किया जाये किन्तु वह वस्तु स्थिर ही रहे तब ऐसी स्थिति में लगने वाले घर्षण बल को स्थैतिक घर्षण कहते हैं।

प्रश्न 6.
सीमान्त घर्षण किसे कहते हैं?
उत्तर-
सीमान्त घर्षण (Limiting Friction)स्थैतिक घर्षण का वह चरम मान जो उस समय उत्पन्न हो जब वस्तु चलने वाली हो, सीमान्त घर्षण कहलाता है।

प्रश्न 7.
गतिक घर्षण किसे कहते हैं?
उत्तर-
गतिक घर्षण (Kinetic Friction)- जब वस्तु एवं सतह के मध्य आपेक्षिक गति होती है तब उनके स्पर्श तल पर कार्य करने वाले गति विरोधी घर्षण बल को, गतिक घर्षण कहते हैं।

प्रश्न 8.
सर्षी घर्षण से क्या समझते हो?
उत्तर-
सप घर्षण (SIiding Friction)- जब किसी वस्तु को किसी सतह पर सरकाया जाता है या सरकाने का प्रयास किया जाता है, तब वस्तु और सतह के स्पर्श तल पर कार्य करने वाले गतिविरोधी घर्षण बल को सप घर्षण कहते हैं।

प्रश्न 9.
बेलन घर्षण किसे कहते हैं?
उत्तर-
बेलन घर्षण (Rolling Friction)- जब किसी वस्तु को किसी सतह पर लुढ़काया जाता है तो उनके सम्पर्क पृष्ठ के मध्य लगने वाले घर्षण बल को बेलन घर्षण कहते हैं।

प्रश्न 10.
किसी चिकनी या पॉलिश की हुई फर्श अथवा बर्फ पर चलना कठिन प्रतीत क्यों होता है?
उत्तर-
किसी चिकनी या पॉलिश की हुई फर्श अथवा बर्फ की सतह पर घर्षण बहुत कम होता है और आसानी से चलने के लिए घर्षण चाहिए। इसलिए इन पर चलना कठिन प्रतीत होता है।

प्रश्न 11.
एक यात्री बस तीव्र वेग से सरल रेखा में गतिमान है। बस के एकाएक रुकने पर यात्री को सिर किस ओर झुकेगा? ।
उत्तर-
यात्री का सिर आगे की ओर अर्थात् बस के चलने की दिशा में गति के जड़त्व के कारण झुकेगा।

प्रश्न 12.
यदि एक दीवार पर समान वेग एवं समान आकार की लोहे और लकड़ी की गेंदें टकरायें तो किस गेंद के द्वारा दीवार पर अधिक बल लगेगा?
उत्तर-
यदि एक दीवार पर समान वेग एवं समान आकार की लोहे और लकड़ी की गेंदें टकरायें तो लोहे की गेंद द्वारा दीवार पर अधिक बल लगेगा, क्योंकि लोहे की गेंद का द्रव्यमान अधिक होने के कारण उसका संवेग अधिक होगा।

प्रश्न 13.
बन्दूक और गोली का कुल संवेग बन्दूक चलाने के पश्चात् क्या होगा? यदि प्रारम्भ में बन्दूक विराम में हो? ।
उत्तर-
चूँकि प्रारम्भ में बन्दूक विराम में है इसलिए उसका कुल संवेग शून्य है
अतः संवेग संरक्षण के नियमानुसार, बन्दूक को चलाने के पश्चात् बन्दूक और गोली का कुल संवेग शून्य ही रहेगा।

प्रश्न 14.
कुएँ से पानी खींचते समय यदि रस्सी टूट जाती है तो हम पीछे की ओर गिर जाते हैं। क्यों?
उत्तर-
जब कुएँ से पानी खींचते हैं तो हमारे द्वारा लगाये गये बल के विपरीत रस्सी पर प्रतिक्रिया बल लगता है।
जब रस्सी टूट जाती है तो प्रतिक्रिया बल समाप्त होने से हम अपने बल से पीछे की ओर गिर जाते हैं।

प्रश्न 15.
तोप, बन्दूक या पिस्तौल से गोली छोड़ते समय पीछे की ओर झटका लगता है। क्यों?
अथवा
गोली चलने पर बन्दूक प्रक्षेपित क्यों होती है?
उत्तर-
तोप, बन्दूक से जिस संवेग से गोली निकलती है उसी संवेग से तोप या बन्दूक पीछे की ओर झटका देती है। इसलिए पीछे की ओर झटका लगता है।

प्रश्न 16.
आवर्त गति’ से क्या समझते हो? उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
आवर्त गति (Periodic Motion)- जब कोई पिण्ड या कण गति करते हुए एक निश्चित समयान्तराल में अपनी मध्यमान स्थिति को प्राप्त करता है तो उस पिण्ड की गति, आवर्त गति कहलाती है।
आवर्त गति के उदाहरण-

  • सरल लोलक की गति।
  • आकाशीय पिण्डों की गति।

प्रश्न 17.
सरल आवर्त गति’ से क्या समझते हो?
उत्तर-
सरल आवर्त गति (Simple Harmonic Motion)- जब कोई पिण्ड एक सरल रेखा में अपनी मध्यमान स्थिति के इधर-उधर आवर्त गति करता है तो उस गति को सरल आवर्त गति कहते हैं।

प्रश्न 18.
प्रणोद किसे कहते हैं? इसको मात्रक लिखिए।
उत्तर-
प्रणोद (Thrust) – किसी वस्तु की सतह पर लम्बवत् लगने वाले बल को प्रणोद कहते हैं।
प्रणोद को मात्रक – न्यूटन।

प्रश्न 19.
दाब से क्या समझते हो? इसको मात्रक लिखिए।
अथवा
दाब को परिभाषित कीजिए एवं इसका S.I. मात्रक लिखिए।
उत्तर-
दाब (Pressure)- एकांक क्षेत्रफल पर आरोपित प्रणोद को दाब कहते हैं। दूसरे शब्दों में, एकांक क्षेत्रफल पर आरोपित लम्बवत् बल को दाब कहते हैं। इसे P से निरूपित करते हैं। अर्थात्

दाब का मात्रक- न्यूटन/मीटर या पास्कल।।

प्रश्न 20.
दाब एवं क्षेत्रफल में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर-
दाब एवं क्षेत्रफल में सम्बन्ध-दाब क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती होता है। अर्थात्

प्रश्न 21.
भारी सामान ढोने वाले वाहन में अतिरिक्त पहिए क्यों लगाए जाते हैं?
उत्तर-
भारी सामान ढोने वाले वाहन में अतिरिक्त पहिए। लगाने से वाहन का पृथ्वी तल में सम्पर्क क्षेत्रफल बढ़ जाता है इससे उसके द्वारा पृथ्वी पर आरोपित दाब कम हो जाता है। इसलिए उसमें अतिरिक्त पहिए लगाए जाते हैं।

प्रश्न 22.
चाकू या कुल्हाड़ी धारदार क्यों बनाये जाते हैं?
अथवा
पिन या कील नुकीली क्यों बनाई जाती है?
उत्तर-
चाकू या कुल्हाड़ी धारदार एवं पिन या कील नुकीली इसलिए बनाई जाती है जिससे सम्पर्क क्षेत्र कम हो जाता है। इससे दाब बढ़ जाता है जिसके कारण चाकू या कुल्हाड़ी द्वारा वस्तुओं को काटने एवं पिन या कील को गाड़ने में आसानी होती है।

प्रश्न 23.
सरल आवर्त (हार्मोनिक) गति की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर-
सरल आवर्त गति की विशेषताएँ

  1. यह गति आवर्त गति होती है।
  2. यह गति एक सरल रेखा में मध्यमान स्थिति के इधर-उधर होती है।
  3. त्वरण विस्थापन के समानुपाती होता है।
  4. त्वरण की दिशा सदैव मध्यमान स्थिति की ओर होती है।

प्रश्न 24.
जब कोई बस या रेलगाड़ी अचानक चल पड़ती है तो उसमें सवार यात्री पीछे की ओर गिर पड़ते हैं। क्यों?
अथवा
क्या कारण है कि बस के अचानक चलने पर सवार यात्रियों को पीछे की ओर धक्का लगता है?
उत्तर-
बस या रेलगाड़ी में सवार यात्री गाड़ी के समान स्थिर अवस्था में होते हैं। जब बस या रेलगाड़ी अचानक चल पड़ती है तो यात्री के शरीर का निचला भाग तो गाड़ी की दिशा में गाड़ी की चाल से गतिमान हो जाता है लेकिन उसके शरीर का शेष ऊपरी भाग अपनी विराम अवस्था के जड़त्व के कारण स्थिर बनी रहने का प्रयत्न करता है। अतः शरीर का निचला भाग तो आगे निकल जाता है। लेकिन ऊपरी भाग पीछे रह जाता है और यात्री पीछे की ओर गिर पड़ता है।

प्रश्न 25.
क्या कारण है कि यात्रा के दौरान हम काँच के सामान को थर्मोकोल या अखबारी कागज में ही रखते हैं? आवेग की अवधारणा के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर-
यात्रा के दौरान हम काँच के सामान को थर्मोकोल या अखबारी कागज में लपेटकर रखते हैं जिससे झटका लगने पर उत्पन्न हुए आवेग का समयान्तराल अधिक हो जाता है? क्योंकि थर्मोकोल एवं कागज मुलायम होते हैं। समयान्तराल अधिक होने से आवेग बल का मान कम हो जाता है जिससे काँच के सामान को झटका बहुत कम लगता है इससे काँच का सामान टूटने से बच जाता है।

प्रश्न 26.
घर्षण से क्या हानियाँ हैं?
उत्तर-
घर्षण से हानियाँ-घर्षण से निम्न हानियाँ हैं

  1. घर्षण के कारण ऊष्मा उत्पन्न होती है जिससे मशीनों के पुर्जे अत्यधिक गर्म होने के कारणं जल्दी खराब हो जाते हैं।
  2. घर्षण के कारण मशीन के पुर्षों में टूट-फूट बहुत होती है तथा वे घिसते रहते हैं। इससे मशीन के पुर्जे जल्दी-जल्दी बदलने पड़ते हैं।
  3. घर्षण से मशीन की दक्षता कम हो जाती है।

प्रश्न 27.
घर्षण से क्या-क्या लाभ होते हैं?
उत्तर-
घर्षण के लाभ-घर्षण के निम्नलिखित लाभ

  1. घर्षण से आग उत्पन्न होती है इसी आधार पर दियासलाई एवं लाइटर कार्य करते हैं।
  2. घर्षण के कारण ही रेलगाड़ी एवं अन्य वाहन चल पाते हैं।
  3. वाहनों को ब्रेक लगाकर घर्षण के द्वारा ही रोका जा सकता है।
  4. घर्षण के कारण ही हम पृथ्वी पर आसानी से चल पाते हैं।

प्रश्न 28.
घर्षण को कम करने के उपाय लिखिए।
उत्तर-
घर्षण को कम करने के उपाय-घर्षण को निम्नलिखित उपायों से कम किया जा सकता है

  1. स्नेहक का उपयोग करके – घर्षण कम करने के लिए सम्पर्क पृष्ठों के बीच स्नेहक जैसे-ग्रीस, तेल आदि का उपयोग किया जाता है।
  2. पॉलिश करके – सम्पर्क पृष्ठों को चिकना कर देने से घर्षण कम हो जाता है।
  3. बॉल-बियरिंग का उपयोग करके – बॉलबियरिंग के उपयोग करने से सम्पर्क क्षेत्रफल कम हो जाता है इससे घर्षण कम हो जाता है।
  4. धारारेखीय आकृति – नाव, जलयान, वायुयान एवं कारों की आकृति विशेष प्रकार की अर्थात् मछली के आकार की बनाई जाती है जिससे पिण्डों के सम्पर्क के तरल (जल एवं वायु) की परतों का प्रवाह धारारेखीय हो जाने से घर्षण कम हो जाता है।

प्रश्न 29.
घर्षण बढ़ाने के उपाय बताइए।
उत्तर-
घर्षण बढ़ाने के उपाय-धर्षण को निम्न प्रकार से बढ़ाया जा सकता है।

  1. घरों के ढाले पर लाइनें डालकर घर्षण बढ़ाया जा सकता है।
  2. चिकनी सतह जैसे-बर्फ, तेल पर सूखी मिट्टी या बालू डालकर घर्षण बढ़ाया जा सकता है।
  3. जूतों के तले खुरदरे या खाँचेदार बनाकर।
  4. वाहनों के टायरों में खाँचे बनाकर।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
(i) द्रव्यमान तथा जड़त्व में क्या सम्बन्ध है?
(ii) द्रव्यमान तथा जड़त्व का S.I. मात्रक क्या है?
(iii) न्यूटन के पहले नियम को जड़त्व का नियम भी क्यों कहते हैं?
उत्तर-
(i) किसी भी वस्तु का जड़त्व उसका वह
प्राकृतिक गुण है जो उसकी विराम या गति की अवस्था में परिवर्तन का विरोध करता है। इस प्रकार किसी वस्तु का द्रव्यमान उसके जड़त्व की माप है।
(ii) द्रव्यमान तथा जड़त्व का S.I. मात्रक किलोग्राम (kg) है।
(iii) सभी वस्तुएँ अपनी गति की अवस्था में परिवर्तन का विरोध करती हैं। गुणात्मक रूप में किसी वस्तु के विरामावस्था में रहने या एकसमान वेग में गतिशील रहने की प्रवृत्ति को जड़त्व कहते हैं। यही कारण है कि गति के पहले नियम को जड़त्व का नियम भी कहते हैं।

प्रश्न 2.
कारण बताइए, क्यों?
(a) पेड़ की शाखा को हिलाने से फल नीचे गिर जाते हैं।
(b) केले के छिलके पर पैर पड़ने से हम अपना संतुलन खो देते हैं।
(c) टायरों को लहरदार तथा खुरदरा बनाया जाता है।
उत्तर-
(a) पेड़ की शाखा को हिलाने से फलों का नीचे गिर जाना इस तथ्य पर आधारित है कि शाखा को हिलाने पर शाखा गति में आ जाती है। जबकि फल विराम के जड़त्व के कारण विराम में रहने का प्रयत्न करते हैं और नीचे गिर जाते है।
(b) केले का छिलका पैर एवं पृथ्वी के बीच का घर्षण बल कम कर देता है जिसके फलस्वरूप चलने के लिए आवश्यक घर्षण बल उपयुक्त मात्रा में उत्पन्न नहीं होता है। तथा हमारा संतुलन बिगड़ जाता है।
(c) सड़क की सतह तथा टायर के मध्य घर्षण बल बढ़ाने के लिए वाहनों के टायरों की ऊपरी सतह को लहरदार तथा खुरदरा बनाया जाता है जिससे कि तीव्र गति पर वाहन अनियंत्रित होकर अथवा ब्रेक लगाने पर फिसले नहीं।

प्रश्न 3.
कारण दीजिए :
(a) बन्दूक की गोली शरीर में क्यों घुस जाती है?
(b) यदि कोई व्यक्ति नाव से किनारे पर कूदे तो | नाव विपरीत दिशा में चली जाती है, क्यों?
(c) जूते के तले क्यों घिस जाते हैं?
उत्तर-
(a) इसका कारण यह है कि बन्दूक से निकली गोली का वेग बहुत अधिक होता है तथा शरीर से टकराने पर यह बहुत कम समय में शून्य हो जाता है। अतः गोली में वेग परिवर्तन की दर (अर्थात् मदन) a एवं बल (F = ma) बहुत अधिक होता है। परिणामस्वरूप गोली शरीर में घुस जाती है।
(b) जब कोई व्यक्ति नाव से कूदता है तो वह अपने पैरों से बल लगाकर नाव को पीछे की ओर धकेलता है। इस क्रिया बल के कारण नाव पीछे की ओर हट जाती है। नाव द्वारा बराबर व विपरीत बल (प्रतिक्रिया बल) मनुष्य पर आगे की ओर लगता है जिससे वह किनारे पर कूद जाता है।
(c) जब हम सड़क पर चलते हैं तो जूतों के तलों तथा सड़क के बीच घर्षण बल कार्य करता है जिससे जूतों के तले घिस जाते हैं।

प्रश्न 4.
न्यूटन के गति के द्वितीय नियम को लिखिए। न्यूटन की गति के द्वितीय नियम के लिए गणितीय सम्बन्ध स्थापित कीजिए।
उत्तर-
न्यूटन का गति का द्वितीय नियम- यदि किसी वस्तु पर कोई असंतुलित बल कार्य करे तो वस्तु के संवेग परिवर्तन की दर बल के समानुपाती एवं लगाए गए। बल की दिशा में होती है।
माना कि m द्रव्यमान की कोई वस्तु एक सीधी रेखा में u प्रारंभिक वेग तथा समान त्वरण ‘a’ के साथ गति करते हुए t समय में v अंतिम वेग प्राप्त करती है।
प्रारंभिक संवेग = mu
अंतिम संवेग = mv
संवेग में परिवर्तन = mv – mu
गति के नियम से, बल ∝ संवेग में परिवर्तन की दर

प्रश्न 5.
बताइये क्यों एक क्रिकेट खिलाड़ी तेजी से आती हुई गेंद को पकड़ते समय अपने हाथ पीछे की ओर खींचता है।
उत्तर-
मान लीजिए कि तेजी से आती हुई गेंद को रोकने के लिए खिलाड़ी हाथ सीधे रखकर यकायक रोकता है, इस प्रकार बहुत कम समय में उसे गेंद के तेज वेग को स्थिर (शून्य) करना पड़ेगा और जैसा कि हम जानते हैं कि F ∝ m ()
अत: t कम होने पर, संवेग परिवर्तन की दर अधिक होगी और खिलाड़ी को अधिक चोट लगेगी। अतः खिलाड़ी गेंद के साथ-साथ अपने हाथों को पीछे की ओर ले जाकर समय है को बढ़ाता है ताकि संवेग परिवर्तन की दर कम हो और तेज गति से आ रही गेंद का प्रभाव हाथ पर कम पड़े।

प्रश्न 6.
न्यूटन के गति के तीसरे नियम का वर्णन कीजिए। उचित उदाहरण भी दीजिए।
उत्तर-
न्यूटन के गति के तीसरे नियम को समझने के लिए हमें पहले अन्योन्य क्रिया को समझना होगा। जब कोई वस्तु किसी दूसरी वस्तु पर बल लगाकर प्रभावित करती है तो हम कहते हैं कि वस्तुओं के बीच अन्योन्य (Interaction) क्रिया हुई। उदाहरण के लिए, जब कोई चुम्बक लोहे के टुकड़े के पास लायी जाती है तो चुम्बक उसे अपनी ओर आकर्षित करती है। अतः चुम्बक व लोहे के टुकड़े के मध्य अन्योन्य क्रिया हुई। इसी प्रकार जब हम फुटबाल को ठोकर मारते हैं तो हमारे पैर व फुटबाल के मध्य अन्योन्य क्रिया होती है।
न्यूटन का गति का तीसरा नियम हमें अन्योन्य क्रिया के समय उत्पन्न बलों के विषय में बताता है। एक वस्तु | द्वारा लगाये गये बल को क्रिया और दूसरी वस्तु द्वारा लगाये गये बल को प्रतिक्रिया कहा जाता है।
न्यूटन के अनुसार, जब दो वस्तुएँ आपस में अन्योन्य क्रिया करती हैं तो प्रत्येक क्रिया के बराबर और विपरीत प्रतिक्रिया होती है। इसको इस प्रकार समझा जा सकती है-वस्तु A जब वस्तु B पर बल लगाती है तो वस्तु B भी उस पर परिमाण में बराबर किन्तु विपरीत दिशा में बल लगाती है। इसे निम्न उदाहरणों से और अधिक स्पष्ट किया जा सकता है

  1. यह सामान्य अनुभव की बात है कि जब बन्दूक से गोली छोड़ी जाती है तो गोली आगे की तरफ जाती है और बन्दूक पीछे की तरफ। क्यों ? क्योंकि गोली को आगे की तरफ ले जाने में बल लगता है जिसकी प्रतिक्रिया के फलस्वरूप बन्दूक पर पीछे की ओर बल लगता है।

  2. तैरते समय मनुष्य पानी को पीछे की ओर धकेलता है। (क्रिया)। परिमणामस्वरूप जल मनुष्य को आगे की तरफ धकेलता है (प्रतिक्रिया)।
  3. यदि हम मेज पर पैंसा मारते हैं (क्रिया), तो मेज भी उतना ही बल विपरीत दिशा में लगाती है। (प्रतिक्रिया)।

प्रश्न 7.
घर्षण क्या है? इसके क्या कारण हैं? वर्णन कीजिए।
उत्तर-
घर्षण- जब हम मेज पर रखी किसी वस्तु को धीरे से धक्का देते हैं तो वह आगे नहीं बढ़ती। इसका अर्थ यह है कि सम्पर्क में रखी दो वस्तुओं के मध्ये एक प्रकार का बल कार्य करता है जो वस्तु के गति करने में उसका विरोध करता है। यह बल घर्षण बल या घर्षण कहलाता है।
इसी प्रकार कैरम के बोर्ड पर बिना पाउडर डाले गोट आसानी से नहीं बढ़ती।
घर्षण का कारण – यदि हम ध्यान से सड़क, मेज या कैरम-बोर्ड की सतह को देखें तो ज्ञात होगा कि इनकी सतह पूर्णतः चिकनी और सपाट नहीं होती, बल्कि उसमें छोटे-छोटे गड्ढे एवं उभार होते हैं जिससे दो सतहों के गड्ढे एवं उभार आपस में फंस जाते हैं और वस्तु आसानी से गति नहीं करती। अतः घर्षण का मुख्य कारण वस्तुओं की सतह का खुरदरा या विषम होना है।

प्रश्न 8.
कारण दीजिए :

  1. यदि हथौड़ा हत्थे में ढीला हो, तो हत्थे को पृथ्वी पर ऊर्ध्वाधर पटकने से हथौड़ा हत्थे में कस जाता है।
  2. कंबल को जमीन पर जोर से पटकने से उस पर लगी धूल के कण अलग हो जाते हैं।
  3. चलती गाड़ी से उतरने के लिए मनुष्य को बाद में गाड़ी की दिशा में कुछ दूर दौड़ना पड़ता
  4. जैवलीन थ्रो (भाला फेंकने) में यदि खिलाड़ी किसी निश्चित रेखा को पार कर लेता है तो यह फाउल माना जाता है, किंतु खिलाड़ी इसे रेखा पर रुकने में प्रायः असफल रहते हैं।
  5. नाव से किनारे पर कूदने पर नाव पीछे की ओर गति करती है।

उत्तर-

  1. हथौड़े का हत्था ऊपर से कुछ पतला तथा नीचे की ओर मोटा होता है। हथौड़े के र्वाधर पटकने से पहले हथौड़ा और हत्था दोनों ही नीचे की ओर गतिमान होते हैं। पृथ्वी पर लगते ही हत्थे का वेग शून्य हो जाता है, परंतु न्यूटन के प्रथम नियम के अनुसार हथौड़ा अपने जड़त्व के कारण गतिमान रहता है और हत्थे में कस जाता है।
  2. पृथ्वी पर पटकने से पहले तो कंबल और पूल के कण गतिमान रहते हैं, परंतु पटकते ही कंबल का वेग शून्य हो जाता है, जबकि धूल के कण गतिमान रहते हैं और कंबल में। अलग हो जाते हैं।
  3. गाड़ी के भीतर मनुष्य का सम्पूर्ण शरीर गाड़ी की चाल से गति कर रहा होता है। जैसे ही वह चलती गाड़ी से कूदता है, तुरंत ही उसके शरीर का निचला भाग रुक जाता है, जबकि ऊपरी भाग जड़त्व के कारण उसी चाल से चलने का प्रयत्न करता है। इसलिए चलती गाड़ी से उतरने पर हमें कुछ दूरी तक गाड़ी के साथ उसी दिशा में दौड़ना पड़ता है, अन्यथा हम आगे की ओर गिर पड़ते हैं।
  4. एथलीट अपनी गति के जड़त्व के कारण अपने आपको जल्दी नहीं रोक पाता और वह दौड़ता रह जाता है। फलस्वरूप वह सीमा रेखा के बाहर पैर रख देता है। गति का जड़त्व उसे विराम अवस्था में आने से
    रोकता है।
  5. नाव से कूदने हेतु व्यक्ति को कुछ संवेग की आवश्यकता होती है। इस संवेग को प्राप्त करने हेतु व्यक्ति आगे की ओर बल लगाता है। इसी बल के प्रतिक्रिया के रूप में नाव पीछे की ओर चलती है। अतः आगे की ओर गति करने के लिए आवश्यक संवेग प्राप्त करने हेतु व्यक्ति जो बल आरोपित करता है उसके विपरीत दिशा में प्रतिक्रियात्मक बल के कार्य करने के कारण नाव पीछे की ओर चलती है।

आंकिक प्रश्न

प्रश्न 1.
70 g द्रव्यमान की क्रिकेट की कोई गेंद 0.5 m/s के वेग से गतिमान है। क्रिकेट का कोई खिलाड़ी इसे 0.5s में रोक लेता है। खिलाड़ी द्वारा बॉल को रोकने के लिए लगाए गये बल की गणना कीजिए।

प्रश्न 2.
45 km/h के वेग से चलती हुई 1000 kg द्रव्यमान की कोई कार एक पेड़ से टकराकर 5s में रुक जाती है। कार द्वारा पेड़ पर कितना बल लगाया गया?

प्रश्न 3.
4 किग्रा वजन की एक राइफल से 20 ग्राम वजन की एक गोली चलायी जाती है। यदि गोली 400 m/s के वेग से राइफल की नली को छोड़ती है तो राइफल कितने वेग से पीछे हटेगी?

प्रश्न 4.
एक कार का द्रव्यमान 1200 kg है। यह 108 km/h की चाल से चल रही है। ब्रेक लगाने पर उसकी चाल 36 km/h हो गयी। कार के संवेग परिवर्तन की गणना कीजिए।


प्रश्न 5.
यदि 10 kg द्रव्यमान का लोहे का कोई गोला 0.8 m की ऊँचाई से फर्श पर गिरे तो वह फर्श को कितना संवेग स्थानांतरित करेगा? गोले का नीचे की ओर त्वरण 10 m/s लीजिए।

प्रश्न 6.
किसी 1200 N भार वाला ब्लॉक 4 m2 के क्षेत्रफल पर स्थित है, उसके द्वारा आरोपित दाब की गणना कीजिए।

अभ्यास प्रश्न

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. निम्न में कौन संवेग का सही सूत्र है?
(a) P = mv
(b) m = Pv
(c) v = Pm
(d) P = mv²

2. घर्षण हमारे लिए है
(a) लाभदायक
(b) हानिकारक
(c) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं।

3. कार्य करने की क्षमता आती है
(a) भोजन से
(b) ऊर्जा से
(c) शक्ति से
(d) ये सभी।

4. घर्षण कम किया जा सकता है
(a) स्नेहक के उपयोग से
(b) पॉलिश करके
(c) बॉल-बियरिंग का उपयोग करके
(d) इन सभी से।

5. किसी वस्तु पर बले आरोपित होने पर
(a) उसकी गति बदल सकती है।
(b) उसकी गति की दिशा बदल सकती है।
(c) उसका आकार बदल सकता है।
(d) उपर्युक्त में से कोई भी।

6. बल का मात्रक है
(a) जूल
(b) किग्रा मी/से2
(c) मी/से2
(d) मी/से।

7. किग्रा द्रव्यमान की वस्तु का भार होगा
(a) 1 न्यूटन
(b) 9.08 न्यूटन
(c) 9.8 न्यूटन
(d) 8.9 न्यूटन।

8. यदि वस्तु का द्रव्यमान m, वेग v व त्वरण a और लगने वाला बल F है तो
(a) a =
(b) F = m x v
(c) a x F = m
(d) F x m = a

9. यदि वस्तु का द्रव्यमान m, वेग v व त्वरण a है। तो संवेग P होगा
(a) P = m x a
(b) P = m x v
(c) P =
(d) P =

10. कोई वस्तु अपनी स्थिर या गति की अवस्था में परिवर्तन नहीं कर सकती
(a) अपने द्रव्यमान के कारण
(b) अपने भार के कारण
(c) अपने त्वरण के कारण
(d) अपने जड़त्व के कारण।

11. बल के परिमाण का परिकलन ………….. कर सकते हैं।
(a) न्यूटन के गति के प्रथम नियम द्वारा
(b) न्यूटन के गति के द्वितीय नियम द्वारा
(c) न्यूटन के गति के तृतीय नियम द्वारा
(d) उपर्युक्त तीनों के द्वारा।

12. चलती बस में से उतरने पर आगे की ओर गिरने की व्याख्या ……………… की जा सकती है।
(a) न्यूटन के गति के प्रथम नियम द्वारा
(b) न्यूटन के गति के द्वितीय नियम द्वारा
(c) न्यूटन के गति के तृतीय नियम द्वारा
(d) उपर्युक्त तीनों के द्वारा।

13. रॉकेट छोड़ने का सिद्धान्त ………………… आधारित है।
(a) न्यूटन के गति के प्रथम नियम पर
(b) न्यूटन के गति के द्वितीय नियम पर
(c) न्यूटने के गति के तृतीय नियम पर
(d) उपर्युक्त तीनों पर।

14. 2 किग्रा की वस्तु में 3 मी/से का त्वरण उत्पन्न करने के लिए बल चाहिए
(a) 2 न्यूटन
(b) 3 न्यूटन
(c) 6 न्यूटन
(d) 1.5 न्यूटन।

15. किसी वस्तु में संवेग परिवर्तन की दर बराबर होती है
(a) ऊर्जा के
(b) बल के
(c) त्वरण के
(d) आवेग के।

16. यदि पिंड A का द्रव्यमान पिंड B के द्रव्यमान से दुगुना हो और दोनों पर समान बल लगाया जाये तो
(a) दोनों में समान त्वरण उत्पन्न होगा
(b) पिंड A में पिंड B से दुगुना त्वरण होगा।
(c) पिंड B में पिंड A से दुगुना त्वरण उत्पन्न होगा
(d) उपर्युक्त सभी कथन गलत है।

17. किसी वस्तु पर लगाया गया बल
(a) वस्तु के द्रव्यमान व त्वरण के गुणनफल के बराबर होता है।
(b) वस्तु के द्रव्यमान व त्वरण के योगफल के बराबर होता है।
(c) वस्तु के द्रव्यमान व त्वरण के भागफल के बराबर | होता है।
(d) उपर्युक्त सभी कथन गलत है।

18. समान आकार की फुटबाल और पत्थर में, जड़त्व अधिक होगा
(a) फुटबाल का
(b) पत्थर का
(c) दोनों का समान
(d) फुटबाल व पत्थर में कोई समानता नहीं है।

19. एक खिलाड़ी लम्बी कूद लगाने से पहले दौड़ता है
(a) आवेग बढ़ाने के लिए
(b) जड़त्व बढ़ाने के लिए
(c) संवेग बढ़ाने के लिए
(d) यह कोई वैज्ञानिक तथ्य नहीं है।

20. संवेग का मात्रक है
(a) kg ms-1
(b) kg ms-2
(c) kg ms
(d) ये सभी।

21. पिंड A का द्रव्यमान 5 kg व पिंड B का द्रव्यमान 2 kg है, विरामावस्था में
(a) पिण्ड A का संवेग पिंड B के संवेग से अधिक है।
(b) पिण्ड B का संवेग पिंड A के संवेग से अधिक है।
(c) दोनों का संवेग बराबर है।
(d) यह कोई वैज्ञानिक तथ्य नहीं है।

उत्तरमाला

  1. (a)
  2. (c)
  3. (b)
  4. (d)
  5. (d)
  6. (b)
  7. (c)
  8. (a)
  9. (b)
  10. (d)
  11. (b)
  12. (a)
  13. (c)
  14. (c)
  15. (b)
  16. (c)
  17. (a)
  18. (b)
  19. (c)
  20. (a)
  21. (c)

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