UP Board Solutions for Class 4 EVS Hamara Parivesh Chapter 3 गंगा-यमुना का मैदान

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UP Board Solutions for Class 4 EVS Hamara Parivesh Chapter 3 गंगा-यमुना का मैदान

नक्शे में देखकर बताओ-

प्रश्न १.
उत्तर की ओर से कौन-सी नदियाँ बहकर इस मैदान में आती हैं?
उत्तर:
उत्तर की ओर से गंगा, यमुना, घाघरा, गोमती, शारदा, राप्ती नदियाँ बहकर इस मैदान में आती हैं।

प्रश्न.
दक्षिण की ओर से कौन-सी नदियाँ बहकर इस मैदान में आती हैं?
उत्तर:
दक्षिण की ओर से चंबल, बेतवा, केन नदियाँ बहकर इस मैदान में आती हैं।

प्रश्न.
नीचे मैदानी भाग के कुछ पेड़ों के नाम दिए गए हैं। तुम इनमें कितने नाम और जोड़ सकते हो?
उत्तर:
बबूल, बेर, आम, जामुन, नीम, पीपल, बरगद, अमरूद, शीशम आदि।

गंगा-यमुना का मैदान अभ्यास

प्रश्न १.
मैदानी भाग की विशेषताएँ बताओ।
उत्तर:
मैदानी भाग की निम्न विशेषताएँ हैं-यह मैदान समतल है और नदियों द्वारा लाई गई मटियार, दोमट व रेतीली दोमट मिट्टी के कारण उपजाऊ बना है। इसमें सभी नदियाँ पश्चिम से पूर्व की ओर बहती हैं। मैदानी भाग में पेड़ बबूल, बेर, आम, जामुन, नीम, शीशम आदि के पेड़ होते हैं। यहाँ वर्षा पर्याप्त होती है। जाड़ों में अधिक जाड़ा और गर्मियों में अधिक गर्मी होती है। यहाँ वन कम है। इनमें साल, साखू, शीशम व पलाश आदि के पेड़ होते हैं। इन्हें पतझड़ वन कहते हैं।

प्रश्न २.
मैदानी भाग के वृक्षों एवं पशुओं की सूची अलग-अलग बनाओ।
उत्तर:
मैदानी भाग के वृक्ष-बबूल, बेर, आम, जामुन, शीशम, अमरूद आदि।
मैदानी भाग के पशु-गाय, भैंस, भेड़, बकरी, घोड़ा, खच्चर, ऊँट, हाथी, भेड़िया, तेंदुआ, सूअर, हिरन, नीलगाय, लोमड़ी आदि।

प्रश्न ३.
मैदानी भाग में पैदावार अधिक होने के क्या कारण हैं?
उत्तर:
मैदानी भाग में पैदावार अधिक होने के कारण-
(१) जमीन उपजाऊ दोमट मिट्टी से बनी होती है।
(२) सिंचाई की अच्छी सुविधाएँ हैं। नलकूप और नहरों से समुचित सिंचाई होती है।
(३) कृषि में अच्छे खाद/उर्वरक, बीज़ और तकनीकी ज्ञान का प्रयोग होता है।
(४) मैदानी भाग में लोग परिश्रमी हैं। उत्तर प्रदेश में लोगों ने परिश्रम से उत्पादन बढ़ाया है।

प्रश्न ४.
निम्नलिखित को सोचो और लिखो-
(क) समतल मैदान के प्रमुख सिंचाई के साधनों के नाम
उत्तर:
नहरें और नलकूप।

(ख) मैदानी भाग की फसलों के नाम
उत्तर:
गेहूँ, धान, गन्ना, तिल, दालें, मक्का, ज्वार, बाजरा, खरबूजा, तरबूज, ककड़ी खीरा व सब्जियाँ मैदानी भाग की फसलें हैं।

(ग) मैदानी भाग में बोली जाने वाली बोलियाँ।
उत्तर:
खड़ी बोली, ब्रज भाषा, अवधी और भोजपुरी मैदानी भाग में बोली जाने वाली बोलियाँ हैं।

प्रश्न ५.
खाली स्थानों को भरकर पूरा करो (पूरा करके)
उत्तर:
यह मैदान पश्चिम की ओर ऊँचा तथा पूर्व की ओर नीचा है। इसका ढाल दक्षिण-पूर्व की ओर होने के कारण सभी नदियाँ प्रदेश की पूर्वी दिशा की ओर बहती हैं। इस क्षेत्र में मटियार, दोमट व रेतीली मिट्टी भी पाई जाती है।

प्रश्न ६.
अपने गाँव-घर में बोली जाने वाली भाषा में चार वाक्य लिखो।
नोट-विद्यार्थी स्वयं करें।

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