UP Board Solutions for Class 3 Hindi Kalrav Chapter 7 इसमें क्या शक है?
इसमें क्या शक है? शब्दार्थ
होशियार = बुद्धिमान
शक = सन्देह
शत्रु = दुश्मन
रट लगाना = बार-बार एक ही बात कहना।
इसमें क्या शक है? पाठ का सार (सारांश)
तोता बेचने वाला तोता बेच रहा था। तोता बोल सकता था। राजा ने तोते से पूछा, “क्या तुम बोल सकते हो।” तोता बोला, “इसमें क्या शक है?” राजा तोते को खरीदकर महल में ले आया।
एक दिन राजा ने तोते से पूछा, “क्या मैं अच्छा राजा हूँ? क्या मेरी प्रजा मुझसे प्रेम करती है? क्या मेरा कोई शत्रु है? क्या तुम उसे जानते हो? क्या उसका नाम बताओगे?”
राजा के इन सब प्रश्नों के उत्तर में तोते का एक ही जवाब था- इसमें क्या शक है? राजा ने देखा कि तोते ने एक ही रट लगा रखी थी। राजा बोला कि उसने उस तोते को खरीदकर बेवकूफी की है। तोते ने इस पर भी कहा कि इसमें क्या शक है।।
इसमें क्या शक है? अभ्यास
प्रश्न 1.
बताओ
(क) तोते वाले आदमी ने राजा से क्या कहा?
उत्तर:
तोते वाले आदमी ने राजा से कहा कि महाराज, यह बड़ा होशियार तोता है। आपसे बात भी कर सकता है।
(ख) तोते ने राजा के हर प्रश्न का क्या उत्तर दिया?
उत्तर:
तोते ने राजा के हर प्रश्न का एक ही उत्तर दिया कि इसमें क्या शक है?
(ग) राजा ने तोते को बेवकूफ क्यों कहा?
उत्तर:
राजा ने तोते को बेवकूफ इसलिए कहा, क्योंकि वह हर बार एक ही बात बोलता था- ‘इसमें क्या शक है।’ .
प्रश्न 2.
‘राजा उधर से जा रहा था।’ ‘राजा उधर से जा रहा है।’ ‘राजा उधर से जाएगा।’ ऊपर दिए गए उदाहरण की तरह ही नीचे दिए गए वाक्यों को पूरा करो
उत्तर:
मोहन अमरूद खा रहा था। – मरियम गाना गा रही थी।
मोहन अमरूद खा रहा है। – मरियम गाना गा रही है।
मोहन अमरूद खाएगा। – मरियम गाना गाएगी।
प्रश्न 3.
‘भाई लड्डू खाता है।’ ‘बहन लड्डू खाती है।’ नीचे दी गई सूची में इसी आधार पर ‘लड्डू खाता है’, ‘लडडू खाती है’ का प्रयोग करो
उत्तर:
राजा लड्डू खाता है। – माँ लड्डू खाती है।
रानी लड्डू खाती है। – सलीम लड्डू खाता है।
प्रश्न 4.
नोट– विद्यार्थी स्वयं लिखें।
प्रश्न 5.
अनावश्यक शब्द ढूँढ़ो
कभी-कभी हम बात करते हुए ऐसे शब्द बोल देते हैं, जिनकी वाक्य में कोई आवश्यकता नहीं होती है। नीचे दिए गए वाक्यों में भी कुछ शब्द अनावश्यक हैं। . उन्हें ढूँढ़कर अलग करो
उत्तर:
बाजार से एक पका पीला पपीता लाना। – पीला
अरे! शरबत में इतनी सारी ठंडी बर्फ क्यों डाल दी? – ठंडी
खेत से हरा ताजा पालक ले आना। – हरा
अपने आप – 1
खरगोश और हाथी
खरगोश और हाथी शब्दार्थ
झुण्ड = समूह
भूमि = जमीन
प्रतिबिम्ब = परछाईं
भयभीत = डरा हुआ
परिवार = कुटुम्ब, एक ही कुल के कई लोगों का समूह, जो साथ-साथ रहते हैं।
खरगोश और हाथी पाठ का सार (सारांश)
जंगल में हाथियों का झुण्ड रहता था। सूखा पड़ने पर तालाब सूख गए। हाथी दूर जंगल में एक बड़े तालाब पर पहुँच गए। उस तालाब के निकट खरगोश बिल बनाकर रहते थे। कुछ बिल हाथियों के पैरों के नीचे दब गए और कई खरगोश मारे गए। इस कारण खरगोश हाथियों को वहाँ से भगा देना चाहते थे। लम्बकर्ण नामक खरगोश ने हाथियों से कहा कि वे वहाँ से चले जाएँ: क्योंकि तालाब का स्वामी चन्द्रमा उनसे नाराज है। खरगोश चन्द्रमा की प्रजा थे, जिसे हाथियों ने पैरों से दबाकर मार दिया था। लम्बकर्ण ने हाथियों के राजा को तालाब में चन्द्रमा का प्रतिबिम्ब दिखा दिया। हाथियों का राजा भयभीत हो गया। वह अपने परिवार के हाथियों के साथ दूसरी जगह चला गया और खरगोश आनन्द से रहने लगे।