UP Board Solutions for Class 3 Hindi Kalrav Chapter 17 लोकगीत
लोकगीत पाठ का सार (सारांश)
हमारे गाँवों में अनेक अवसरों पर समूह-गान गाए जाते हैं। ये स्थानीय बोलियों में होते हैं। इनमें वाद्ययन्त्र भी प्रयोग किए जाते हैं, विशेषकर ढोलक और झाँझ। ऐसे समूह-गानों को लोकगीत कहते हैं। देखिए एक लोकगीत
ब्रजभाषा
आज बिरज में होरी रे रसिया।
होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया।।
उड़त गुलाल लाल भए बादर।
केसर रंग में घोरी रे रसिया।।
बाजत ताल, मृदंग, झाँझ, ढप।
और नगारे की जोरी रे रसिया।।
इन लोकगीतों में आल्हा, कजरी, सोहर, बिरहा आदि शामिल हैं, जिन्हें उपयुक्त अवसरों पर गाया जाता है।
लोकगीत अभ्यास
प्रश्न 1.
नोट – प्रश्न क, ख तथा ग विद्यार्थी स्वयं करें।