UP Board Solutions for Class 12 Samanya Hindi कथा भारती Chapter 4 बहादुर

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UP Board Solutions for Class 12 Samanya Hindi कथा भारती Chapter 4 बहादुर

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UP Board Solutions for Class 12 Samanya Hindi कथा भारती Chapter 4 बहादुर (अमरकान्त)

प्रश्न 1
‘बहादुर’ कहानी का सारांश संक्षेप में अपने शब्दों में लिखिए। [2010, 11, 14, 15, 16, 17, 18]
या
‘बहादुर’ कहानी की कथावस्तु का उल्लेख कर सिद्ध कीजिए कि यह एक यथार्थवादी कहानी है।
उत्तर
अमरकान्त जी द्वारा लिखी कहानी ‘बहादुर’, एक मध्यमवर्गीय परिवार में नौकर के साथ परिवारजनों द्वारा किये गये अत्यधिक कटु व्यवहार की कहानी है। लेखक ने स्वयं को कहानी का पात्र बनाते हुए कहानी की आत्म-कथात्मक रूप में रचना की है। अपने से सम्पन्न रिश्तेदारों के घर नौकर द्वारा जुटाई सुविधा एवं शान को देखकर लेखक की पत्नी निर्मला स्वयं भी एक नौकर रखना चाहती है। बहादुर नेपाल को 12-13 साल का लड़का है, जो अपनी माँ के दुर्व्यवहार से तंग आकर घर छोड़कर शहर चला आता है और निर्मला के परिवार में नौकर रख लिया जाता है। निर्मला और उसका परिवार बहादुर के प्रति पहले तो अच्छा व्यवहार करते हैं, परन्तु धीरे-धीरे कठोरता बरतने लगते हैं। वह घर का सारा कार्य करता है, इसके बावजूद उसके साथ गाली-गलौज से मारपीट तक की नौबत आ जाती है। झूठी चोरी का इल्जाम लगाकर उसे अपमानित किया जाता है और पीटा जाता है। अन्तत: बहादुर घर छोड़कर चला जाता है। अब परिवार के सभी सदस्य उसे ढूंढ़ते हैं, क्योंकि उसके कारण सब आराम के आदी हो चुके हैं।

बहादुर की उपयोगिता देखकर सभी अब अपना घरेलु कार्य करने से घबराते हैं, वहादुर के घर छोड़ जाने पर वे सभी पश्चात्ताप करते हैं तथा अच्छा व्यवहार करने की सोचते हैं। परन्तु अब पछताये होत क्या, जब चिड़िया चुग गयी खेत।।
बहादुर में सहनशीलता और स्वाभिमान की भावना कूट-कूटकर भरी हुई है। उसके इसी चरित्र के कारण यह कहानी हमें प्रिय है।

प्रश्न 2
‘बहादुर’ कहानी के उद्देश्य का विवेचनात्मक परिचय दीजिए। बहादुर कहानी की कथावस्तु अपने शब्दों में लिखिए। [2016]
या
‘बहादुर’ कहानी की कथावस्तु का विवेचन कीजिए और कहानी का उद्देश्य स्पष्ट कीजिए। [2009, 11]
या
‘बहादुर’ कहानी के उद्देश्य पर प्रकाश डालिए। [2012, 13, 14, 15, 16, 17, 18]
उत्तर
आधुनिक कथा-जगत् में प्रेमचन्द की कहानी-कला को अक्षुण्ण रखने वाले कलाकारों में अमरकान्त अग्रणी हैं। इनकी कहानियों में मध्यम वर्ग तथा निम्न वर्ग की पारिवारिक परिस्थितियों का सजीव, आदर्श तथा यथार्थवादी चित्रण मिलता है। इनकी ‘बहादुर’ कहानी; मध्यमवर्गीय परिवार में नौकरी करने वाले बहादुर नाम के पहाड़ी लड़के पर आधारित एक समस्यामूलक कहानी है। कहानी-कला के तत्त्वों के आधार पर कहानी की संक्षिप्त समीक्षा आगे प्रस्तुत है–

(1) शीर्षक-प्रस्तुत कहानी का शीर्षक लघु, आकर्षक, सरल तथा सार्थक है। कहानी की कथा इसके प्रमुख पात्र बहादुर के चारों ओर घूमती है; अत: शीर्षक की दृष्टि से ‘बहादुर’ कहानी एक सफल रचना है।
(2) कथानक-प्रस्तुत कहानी में लेखक ने समाज के वर्ग-भेद को उजागर किया है। बहादुर 12-13 वर्ष की उम्र का एक गरीब बालक है। वह एक साधारण परिवार में नौकर है, जिसका मुखिया स्वयं लेखक है। प्रारम्भ में तो उसका परिवार में पालतू पशु-पक्षियों की तरह बड़ा आदर-सत्कार होता है और वह भी बड़ी मेहनत व लगन से काम करता है, किन्तु कुछ दिनों बाद वह लेखक के बड़े लड़के किशोर और उसकी पत्नी निर्मला द्वारा डॉट, मार खाने लगता है। उससे अपनी रोटी स्वयं सेंक लेने को भी कहा जाता है। एक दिन घर में आये कुछ रिश्तेदारों द्वारा बहादुर के ऊपर चोरी करने का आरोप लगाया जाता है और लेखक द्वारा बहादुर को मारा-पीटा भी जाता है। पत्थर की एक सिल के टूट जाने और समस्त परिवारजनों के दुर्व्यवहार से पीड़ित होने के कारण वह उस घर से भाग जाता है। वह अपने साथ घर का और अपना कोई भी सामान नहीं ले जाता। बहादुर के चले जाने के बाद परिवार के लोगों को बहादुर के गुणों की अनुभूति होती है और वे अपने द्वारा उसके प्रति किये गये अमानवीय व्यवहारों पर पश्चात्ताप करते हैं।

कहानी का कथानक रोचक, सुगठित, संक्षिप्त तथा समस्याप्रधान है। इसमें बताया गया है कि मात्र पूँजीपति ही श्रम का शोषण नहीं करते, वरन् सामान्य मध्यम वर्ग भी इस कुकृत्य में पीछे नहीं है। इस प्रकार कथानक-तत्त्व की दृष्टि से यह एक सफल कहानी है।

(3) उद्देश्य ( सन्देश)—इस कहानी का उद्देश्य समाज में उत्पन्न वर्ग-संघर्ष को मानवीय सहानुभूति द्वारा समाप्त करने का सन्देश देना है। शोषितों के प्रति मानवता एवं प्रेम का व्यवहार, ऊँच-नीच के भेद के कारण दिलों में पड़ी दरार को भर देता है। बहादुर भी मानवीय स्नेह एवं संवेदनाओं का भूखा है। मालिक द्वारा पीटे जाने और प्रतिक्रिया स्वरूप उसके द्वारा घर छोड़ दिये जाने पर परिवार के सभी लोगों को पश्चात्ताप का अनुभव होता है। वे स्वयं को दोषी महसूस करते हैं। धनी और निर्धन का वर्ग-भेद मानवीय भावनाएँ ही कम कर सकती हैं। लेखक का मुख्य उद्देश्य दोनों के हृदयों का परिवर्तन है और सबके प्रति सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार बनाये रखने का सन्देश देना है।

‘बहादुर’ कहानी अत्यन्त मार्मिक कहानी है। यह आत्म-कथात्मक शैली में प्रस्तुत की गयी है। अमरकान्त जी ने बड़े सटीक और सुन्दर ढंग से कहानी को प्रस्तुत करके पाठकों के मन पर अमिट छाप छोड़ी है। कहानी-कला के तत्त्वों की दृष्टि से यह एक सफल कहानी है।

प्रश्न 3
‘बहादुर’ कहानी में उद्घाटित समाज के शोषक चरित्र पर प्रकाश डालिए।
उत्तर
अमरकान्त द्वारा रचित ‘बहादुर’ कहानी का नायक ‘दिल बहादुर’ नामक नेपाली लड़का, एक निम्नवर्गीय परिवार का सदस्य है और निर्मला का परिवार मध्यमवर्गीय स्थिति को परिवार है। यह आर्थिक दृष्टि से अधिक सम्पन्न परिवार नहीं है, लेकिन झुठे दिखावे और शान-शौकत के लिए नौकर की आवश्यकता को बनाये हुए है। निर्मला पड़ोसियों को अपनी शान-शौकत से प्रभावित करना चाहती है। निर्मला का पति भी दिखावे और प्रदर्शन को ही अपने जीवन का वास्तविक आधार मानता है। अपनी आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के बावजूद अपने रिश्तेदारों की नकल करते हुए वह अपने यहाँ नौकर रख लेता है। निर्मला का लड़का किशोर, नौकर को हीन दृष्टि से देखता है और बात-बात पर उसे गाली देता है। नौकर रखने का प्रदर्शन, नौकर के प्रति दिखावे का व्यवहार, नौकर पर रोब डालना, नौकर से जी-तोड़ काम लेना, उसको बात-बात पर पीटना-गाली देना आदि क्रिया-कलाप मध्यमवर्गीय परिवारों; जो कि समाज का सबसे बड़ा तबका है; की शोषक मानसिकता को उजागर करते हैं और समाज के शोषक चरित्र पर प्रकाश डालते हैं।

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